देश की राजनीतिक परिदृश्य में जब से नरेंद्र दामोदरदास मोदी और अमित शाह का पदार्पण हुआ है इनके बड़े-बड़े बोल सुनकर देश की आवाम और साथ ही दुनिया के कान अब पकने लगे हैं. बड़ी-बड़ी बातें करना और सीधे-सीधे चला जाना, डींग हांकना कभी भी अच्छी बात नहीं मानी गई है. भारतीय संस्कृति और सभ्यता में सरलता और सहजता से अपनी बातों को रखना गरिमा मय माना गया है. मगर यह मोदी और अमित शाह का युग है जहां ऊंची ऊंची हांकना और माहौल बनाने की राजनीति का चलन हो गया है. सबसे हटकर कुछ ऐसी नीतिगत बातों पर टिप्पणी अधिकार पूर्वक करना कि देश के आम जनमानस में विरोध न हो और ना ही कोई बड़ा राजनीतिक दल या नेता कुछ बोल सके और बोले तो चक्रव्यूह में फंस जाए यह है भारतीय जनता पार्टी के आज के इन राजनीतिक चेहरों की राजनीति. आज इस आलेख में हम इन्हीं बातों को आपको खुलासा करके बताने जा रहे हैं.

इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण है यह बयान देखिए-
-"हाल में संपन्न गुजरात विधानसभा चुनाव नतीजे न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश लिए महत्त्वपूर्ण हैं. इन परिणामों से यह संदेश यह है कि नरेंद्र मोदी 2024 में फिर से प्रधानमंत्री रूप में चुने जाएंगे."

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा -" गुजरात के लोगों ने भाजपा को राज्य में ड़ी संख्या में सीट के साथ गुजरात में सत्ता में बनाए रखने में मदद करके इन लोगों को जवाब दिया जिन्होंने राज्य और प्रधानमंत्री को बदनाम करने की कोशिश की."

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