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GHKKPM: सई के खिलाफ जहर उगलेगी अश्वनी तो विराट होगा इमोशनल

टीवी सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी का ट्रैक इन दिनों दर्शकों को कॉफी पसंद आ रहा है. लीप के बाद सई, विराट और पाखी की जिंदगी में बड़ा बदलाव आ चुका है. एक तरफ विराट और पाखी मिलकर एक बेटे को पाल रहे है तो दूसरी तरफ सई अकेले अपनी बेटी के साथ जिंदगी में आगे बढ़ रही है. शो के अपकमिंग एपिसोड में बड़ा ट्विस्ट आने वाला है. आइए बताते हैं, शो के नए एपिसोड के बारे में…

शो में आपने देखा कि सई और विराट अलग-अलग अपने बच्चों के साथ गणपति का स्वागत करने में लगे हुए हैं. इस दौरान सावी बप्पा से अपने पिता को मांगती है. शो के लेटेस्ट एपिसोड में दिखाया गया कि पूजा के दौरान सई को याद करके विराट इमोशनल हो जाता है.

 

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‘गुम है किसी के प्यार में’ आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे, अश्विनी विराट को देखकर इमोशनल हो जाएगी. अश्विनी बार बार विराट को याद दिलाएगी कि किस तरह से पाखी ने सई के जाने के बाद घर को संभाला है.

 

अश्विनी ये भी कहेगी कि अब वह सई से नफरत करने लगी है. वह विराट के कान में सई के खिलाफ जहर भरेगी. तो दूसरी तरफ सई भी विराट को लेकर अपनी नफरत का इजहार करेगी. सई कहेगी कि विराट ने एक्सीडेंट के बाद एक बार भी उसे खोजने की कोशिश नहीं की.

 

शो में आप ये भी देखेंगे कि विराट अश्विनी से बात करते हुए इमोशनल हो जाएगा. विराट कहेगा कि वह चाहता तो सई को रोक सकता था. अगर सई को रुक गई होती ते उसका एक्सीडेंट नहीं होता.

 

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शो के आने वाले एपिसोड में विनायक की तबियत खराब हो जाएगी. विनायक पाखी से अपना फोन लाने के लिए कहेगा. तभी विनायक के बैग में सई की तस्वीर दिखेगी. सई की तस्वीर देखकर पाखी घबरा जाएगी. उसे समझ आ जाएगा कि सई अब भी जिंदा है.

तृप्त मन- भाग 1: राजन ने कैसे बचाया बहन का घर

कल रात से ही वह अपनी सास से हुई बहस को ले कर परेशान थी. उस पर सोते वक्त पति के सामने अपना दुखड़ा रो कर मन हलका करना चाहा तो उस के मुंह से रमा सहाय का नाम सुन कर पति का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. सारी रात आंखों में ही कुछ समझते हुए और कुछ न समझ आने पर उस पर गहन विचार करते हुए उस ने गुजार दी.

सुबह उठी तो आंखें बोझिल हो रही थीं और सिर भारी हुआ जा रहा था. रात को सास और फिर पति के संग हुई बहस की वजह से आज उस का मन किसी से भी बात करने को न हो रहा था. न चाहते हुए भी भारी मन से पति के लिए टिफिन बना कर उन्हें नौकरी के लिए विदा किया और फिर आंखें बंद कर बैठ गई. वैसे भी इंसान को अपनी समस्याओं का कोई हल नहीं मिलता तो अंतिम सहारे के रूप में वह आंख बंद कर प्रकृति के बारे में सोचने लगता है.

“अब बंद भी कर यह नाटक और रसोई की तैयारी कर.” तभी उस के कानों में तीखा स्वर गूंजा.

अपनी सास की बात का कोई जवाब न दे कर वह हाथ जोड़ कर अपनी जगह से खड़ी हो गई. सास से उस की नजरें मिलीं. एक क्षण वह वहां रुकी और फिर चुपचाप रसोई में आ गई. उस के वहां से उठते ही उस की सास अपनी रोज की क्रिया में मग्न हो गई.

अभी भी कल वाली ही बात पर विचार कर वह अनमनी सी रसोई के प्लेटफौर्म के पास खड़ी हुई थी. तभी रसोई के प्लेटफौर्म की बगल वाली खिड़की से उस की नजर बाहर जा कर टिक गई. रसोईघर के बाहर खाली पड़ी जगह में पड़े अनुपयोगी सामान के ढेर पर कुछ दिनों से कबूतर का एक जोड़ा तिनकातिनका जोड़ कर घोंसला बनाने की कोशिश कर रहा था लेकिन थोड़े से तिनके इकट्ठे करने के बाद दोनों में न जाने किस बात को ले कर जोरजोर से अपने पंख फड़फड़ाते व सारे तिनके बिखर कर जमीन पर आ गिरते. जैसेतैसे आपस में लड़तेझगड़ते और फिर एक हो कर आखिरकार घोंसला तो उन्होंने तैयार कर ही लिया था और कबूतरी घोंसले में अपने अंडों को सेती हुई कई दिनों से तपस्यारत इत्मीनान से बैठी हुई थी. उसे आज घोंसले में कुछ हलचल नजर आई. अपनी जिज्ञासा मिटाने के लिए वह खिड़की के पास के दरवाजे से बाहर गई और अपने पैरों के पंजों को ऊंचा कर घोंसले में नजर डालने लगी. उस की इस हरकत पर घोंसले में बैठी हुई कबूतरी सहम कर अपनी जगह से थोड़ी सी हिली. 2 अंडों में से एक फूट चुका था और एक नन्हा सा बच्चा मांस के पिंड के रूप में कबूतरी से चिपका हुआ बैठा था. सहसा उस के चेहरे पर छाई उदासी की लकीरों ने खुदबखुद मुड़ कर मुसकराहट का रूप ले लिया. उस ने अपना हाथ बढ़ा कर कबूतरी को सहलाना चाहा लेकिन कबूतरी उस के इस प्रयास को अपने और अपने बच्चे के लिए घातक जान कर गला फुला कर अपनी छोटी सी चोंच से उसे दूर खदेड़ने का यत्न करने लगी.

एक छोटा सा नजारा उस के मन को अपार खुशी से भर गया. वह वापस अंदर रसोई में आने को मुड़ी और उस के होंठों से अनायस ही उस का पसंदीदा गाना, मधुर आवाज के साथ, निकल कर उस के मन के तारों को झंकृत करने लगा.

“न समय देखती है न बड़ों का लिहाज करती है. यह कोई समय है फिल्मी गाना गाने का? गाना ही है तो भजन गा तो मेरी पूजा भी सफल हो जाए,” सास का यह नाराजगीभरा स्वर सुन कर उस की आवाज बंद होंठों के अंदर सिमट गई और चेहरे पर कुछ देर पहले छाई हुई मुसकराहट को उदासी ने वापस अपनी आगोश में समा लिया. हाथ धो कर उस ने फ्रिज खोला और उस में रखा पत्तागोभी निकाल कर अनमने भाव से उसे काटने लगी.

तभी डोरबैल बजने पर उस ने जा कर दरवाजा खोला तो अपने सामने एक अपरिचित व्यक्ति को खड़ा पा कर अचरज से उस से कुछ पूछने जा ही रही थी कि तभी पीछे से आ कर उस की सास ने उस व्यक्ति को नमस्ते करते हुए अंदर आने को कहा. उस ने भगवा धोतीकुरता पहने उस व्यक्ति को गौर से देखा. उस के माथे पर लंबा तिलक लगा हुआ था और उस ने गले में रुद्राक्ष की माला पहन रखी हुई थी. उस की सास उस पंडितवेशधारी व्यक्ति से कुछ दूरी बना कर उस के साथ सोफे पर बैठ गई और उसे पानी लाने के लिए कहा.

पानी देने के बाद खाली गिलास ले कर वह अंदर जाने को हुई तो सास ने उसे टोका, “यहां पंडितजी के पास बैठ. ये बहुत बड़े ज्ञानी है और हाथ देख कर सारी समस्याओं का हल बता देते हैं.”

तीज 2022: त्यौहारों को मौसम में अमरूद से बनाएं ये 5 हेल्दी आइटम

डाक्टर साधना वैश, वैज्ञानिक, गृह विज्ञान, डाक्टर जितेंद्र सिंह, केवीके, खरियांव, फतेहपुर, उत्तर प्रदेश

अमरूद विटामिन ए का एक बहुत अच्छा स्रोत है, इसलिए आंखों के लिए भी फायदेमंद है. यह शरीर को स्वस्थ रखने में भी सहायक है और रक्तचाप को भी कम करता है. साथ ही खून की तरलता को बनाए रखता है. यह विटामिन सी की कमी के कारण होने वाले रोग स्कर्वी के इलाज के लिए भी सब से अच्छा उपाय माना जाता है. अमरूद खनिज, लवण, विटामिन और आहार फाइबर का यह एक अच्छा स्रोत है, जो वजन घटाने के लिए भी अच्छा माना जाता है. इसलिए अमरूद खाने से हम कई तरह के रोगों से बचे रह सकते हैं.

अमरूद का फल विटामिन बी कांलैक्स जैसे पैंटोथैनिक एसिड, विटामिन बी सिक्स या पाइडौक सीन, विटामिन ई, नियासिन के साथसाथ मैग्नीशियम, कौपर और मैगनीज जैसे खनिजों का भी एक मध्यम स्रोत है.

अमरूद से निम्नलिखित खाद्य पदार्थ बनाए जा सकते हैं :

  1. अमरूद की जैली

अमरूद की जैली बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है :

  • सामग्री :      मात्रा
  • अमरूद :      1 किलोग्राम
  • चीनी  :      750 गाम
  • साइट्रिक एसिड :      4 ग्राम
  • जैली बनाने की विधि

* ताजे पके फल को ले कर पानी से साफ कर लें और गोलाई में पतलेपतले काट लें.

* कटे हुए अमरूद के टुकड़ों को एलुमीनियम के बरतन में डाल कर उस में इतना पानी डालें कि टुकड़े अच्छी तरह डूब जाएं.

* गैस पर रखें और इस में 2 ग्राम साइट्रिक एसिड मिला दें.

* अब टुकड़े मुलायम होने पर मलमल के कपड़े से छान कर किसी बरतन में रस निकाल लें.

* उस रस में चीनी मिला कर गरम करें और उबाल आने पर बाकी 2 ग्राम साइट्रिक एसिड मिला दें.

* अब इसे इतना पकाएं कि वह गाढ़ा हो जाए. और जांच करने के लिए तैयार पदार्थ को एक चम्मच में ले कर थोड़े ठंडे पानी से भरे कांच के गिलास में एकएक बूंद कर के गिराएं. यदि बूंद पानी में गिर कर जम जाए, तो समझें कि जैली तैयार है.

ठंडा हो जाने पर जैली को कांच के जार में भर कर ढक्कन लगा कर सूखी जगह पर रखें.

2. अमरूद की टौफी

अमरूद की टौफी बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है :

  • सामग्री :      मात्रा
  • अमरूद का गूदा      :      1 किलोग्राम
  • चीनी  :      1 किलोग्राम
  • मक्खन या
  • वनस्पति घी   :      100 ग्राम
  • साइट्रिक एसिड :      5 ग्राम
  • नमक  :      5 ग्राम
  • खाने का औरेंज
  • रंग    :      जरूरत के मुताबिक

टौफी बनाने की विधि

* अमरूद से गूदा निकाल कर उसे इतना पकाएं कि एकतिहाई मात्रा रह जाए.

* अब इस में चीनी, मक्खन या घी, नमक व साइट्रिक एसिड को अच्छी तरह से मिला कर इतना पकाएं कि यह बरतन के किनारे को छोड़ने लगे. इसी समय रंग को भी मिला दें.

* एक थाली या ट्रे में घी लगा कर गरम पदार्थ को जमा दीजिए. आधे इंच की मोटाई के बराबर जम जाएं.

* जब पदार्थ ठंडा हो जाए, तो टौफी के आकार के टुकड़े चाकू की मदद से काट लीजिए और बटर पेपर में लपेट कर किसी कांच के जार में रख लीजिए.

3. अमरूद से चीज

चीज बनाने में निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है :

  • सामग्री :      मात्रा
  • अमरूद का गूदा      :      1 किलोग्राम
  • चीनी  :      1.25 किलोग्राम
  • साइट्रिक एसिड :      5 ग्राम
  • मक्खन :      1 किलोग्राम
  • नमक  :      स्वादानुसार

चीज बनाने की विधि

* पके हुए फल को पानी से अच्छी तरहसाफ कर के छोटेछोटे टुकड़ों में काट लें और इस में बराबर का पानी मिला कर गरम करें, जिस से कि टुकड़े बिलकुल गल जाएं.

* छलनी की सहायता से बीज को अलग कर लें.

* गूदे में चीनी और साइट्रिक एसिड को मिला कर अच्छी तरह पकाएं. इस के बाद मक्खन और नमक को इस में मिलाएं और उस के बाद उसे इतना पकाएं कि पदार्थ हलवा की तरह गाढ़ा हो जाए और बरतन का किनारा छोड़ने लगे.

* एक थाली या ट्रे में थोड़ा मक्खन लगा कर चीज को चम्मच की मदद से समान रूप से फैला दें और जमने के लिए 56 घंटे के लिए छोड़ दें.

* जब चीज जम जाए, तो चोकोर टुकड़ों में काट कर बटर पेपर में लपेट कर रख दें.

4. अमरूद का स्क्वैश

अमरूद का स्क्वैश बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है :

  • सामग्री : मात्रा
  • अमरूद का रस :1 लिटर
  • चीनी  : 1.5 किलोग्राम
  • पानी   : 500 मिलीलिटर
  • साइट्रिक एसिड : 3 ग्राम
  • सोडियम या पोटैशियम मेटाबाईसल्फाइट : 2 ग्राम

स्क्वैश बनाने की विधि

* अच्छी तरह से पके हुए फल को ले कर कद्दूकस कर लें और इस के बाद आधी मात्रा पानी मिला कर गरम करें और रस को मलमल के कपड़े से छान लें.

* चीनी, पानी और साइट्रिक एसिड को मिला कर इतना गरम करें कि चीनी अच्छी तरह घुल जाए. इस के बाद इसे मलमल के कपड़े से छान लें.

* अमरूद के रस में छने हुए चीनी के घोल को मिला दे. इसी में सोडियम मैटाबाईसल्फाइट को थोड़े से रस में घोल कर छान ले.

* इस घोल बोतलों में भर कर ढक्कन लगा कर बंद कर लें और इसे किसी ठंडे स्थान पर रखे.

5. अमरूद का नैक्टर

नैक्टर बनाने में निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है :

  • सामग्री :      मात्रा
  • अमरूद का रस :      1 लिटर
  • साइट्रिक एसिड :      10 ग्राम
  • पानी   :      3 लिटर

नैक्टर बनाने की विधि

* खूब पके फल को ले कर स्क्वैश की तरह रस निकालें.

* चीनी, पानी और साइट्रिक एसिड को एकसाथ मिला कर गरम करें और चीनी घुल जाने पर मलमल के कपड़े से छान लें.

* अमरूद के रस में चीनी के घोल को अच्छी तरह से मिला दें.

* अब इसे कांच की बोतलों में भर कर ठंडे स्थान पर रखें.

बड़बोलापन

जैसे भक्ति की लहर की सफलता में भारतीय जनता पार्टी के नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल ने अपने बड़बोलेपन से भारत को एक कौर्नर में खड़ा कर दिया, वैसे ही व्लादिमीर पुतिन के बड़बोलेपन और डोमैस्टिक सफलताओं ने उन्हें यूक्रेन पर हमला करने को उकसा दिया. दोनों मामलों में सफलता गरम जलेबी का एक निवाला सी बन गई जिसे निगलना अब मुश्किल हो गया है.

व्लादिमीर पुतिन ने पूरे यूरोप, पैसिफिक देशों, अमेरिका और कनाडा को एकजुट कर दिया और उन के अपने आपसी मतभेद अब मिट गए हैं. स्वीडन व नौर्वे, जो अब तक नाटो के सदस्य नहीं थे, दौड़े चले आए हैं नाटो की शरण में. नौर्थ एटलांटिक ट्रीटी और्गेनाइजेशन कभी इतना मजबूत नहीं था जितना आज है.

यूक्रेन अगर रूस के दांत खट्टे कर पा रहा है तो इसलिए कि पश्चिमी देश लगातार उसे सैनिक सामग्री दे रहे हैं और नए से नए मिसाइल, ड्रोन, मशीनगनें, टैंकभेदी तोपें यूक्रेन पहुंच रही हैं. रूस के गरूर में डूबी जनता और फौज जो सम झती थी कि पुतिन हैं तो सब मुमकिन है, अब परेशान हैं. युवा फौज ने युद्ध देखा नहीं, कोई अनुभव नहीं उसे, सैनिक सामग्री जंग लगी हुई है.

व्लादिमीर पुतिन ने सोचा था कि यूक्रेन को हराना 3 दिन का काम है जबकि जंग होते हुए 150 दिन हो गए. ठीक वैसे, जैसे महाराष्ट्र में सरकार बनाने में भाजपा को पहले भान था कि ढाई दिन लगेंगे पर ढाई साल लग गए और वह भी तब जब मुख्यमंत्री पद शिवसेना घटक के नेता को देना पड़ा, उस नेता को जिस की जमीनी हकीकत किसी को नहीं मालूम.

पुतिन के खिलाफ नाटो और पश्चिमी यूरोप की एकजुटता लोकतंत्र के लिए अच्छी बात है. वरना लगने लगा था कि तुर्की के रजब तैयब एर्दोगान की तरह पश्चिमी यूरोप में कट्टरवादी हावी हो जाएंगे क्योंकि उदार लोगों को मालूम नहीं कि कट्टरपंथी शासन का मतलब क्या है. अमेरिका में आज भी अगर डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति होते तो रूस यूक्रेन पर ही

नहीं, मालदोवा, लताविया, एस्टोनिया, लिथूनिया, कजाकिस्तान आदि पूर्व सोवियत संघ के देशों पर कब्जा कर चुका होता और ट्रंप तालियां बजा रहे होते.

रूसी हमले को आसानी से सम झा जा सकता है. अपने देश पर एकछत्र राज का मतलब यह नहीं कि आप दूसरों को भी धमका सकते हैं. नूपुर शर्मा के बयान से नाराज हुए मुसलिम देशों की घुड़की के बाद भारत में हिंदूमुसलिम स्वर ढीले पड़ गए. लेकिन सोच नहीं बदली, जोश कम हो गया. वैसे ही, पुतिन की अकड़ कम नहीं हुई. लेकिन पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों व यूक्रेन के सैनिकों द्वारा जम कर रूसी सैनिकों को मारना अब रूसी जनता को महंगा पड़ रहा है. एक विशाल, प्रभावशाली रूस ने सोच के बलबूते पर नहीं, लोगों की उत्पादकता के बल पर सैकड़ों अडानी व अंबानी बना डाले जबकि आज जनता गरीबी में डरीसहमी जी रही है. न सफलता मिली, न इज्जत, न सुरक्षा. केजीबी जब चाहे जिसे पकड़ कर जेल में ठूंस दे. ऐसी जनता का एक गुट ‘वाह पुतिन, वाह पुतिन’ कर सकता है पर मन लगा कर सैनिक खेलों, जिन में जान पर बन आए, में वह आगे नहीं आएगा.

रूस के इस एडवैंचर से दुनिया के कई तानाशाहों को सबक मिलेगा जिन में चीन, भारत, उत्तर कोरिया के शासक शामिल हैं. हां, जो इतिहास या हाल की घटनाओं को अपने लाल या भगवाई रंगों से देखते हैं, वे मार खाते हैं.

रामदेव के ढोल की पोल बरक्स “नकली पतंजलि घी”

लाला रामदेव  योग को व्यापार बनाने के साथ आज देश के एक बड़े उद्योगपति के रूप में स्थापित हो चुके हैं. और करोड़ों रुपए के विज्ञापन के माध्यम से देश की जनता को उसी तरह नकली  वस्तुएं बेच रहे हैं जैसे देश के अन्य  कुछ घटिया उत्पादक कंपनियां कर रही हैं. इनमें बिस्किट के बाद अब पतंजलि घी आज सुर्खियों में है .

सेठ रामदेव ने गेरूआ वस्त्र पहन कर के देश की सामान्य जनता को अपने प्रभाव में ले लिया और यह संदेश दिया कि वह एक संत है. मगर उनके व्यापारी बनने के बाद यह सच सामने आ गया कि वह भी एक सामान्य व्यक्ति हैं जो मोह माया में फंसा हुआ है. और इससे यह उम्मीद नहीं की जा सकती की यह किसी आम आदमी का भला चाहता हैं.

दरअसल, राम बाबा चाहते यह है कि देश की जनता उनके पतंजलि स्टोर्स में आए और उनके उत्पाद ले जाए ताकि वे भरपूर कमाई कर सकें एक उद्योगपति की सोच रखने वाले रामदेव अब एक बार फिर बुरी तरह फंस गए हैं उनका बनाया हुआ ब्रांडेड पतंजलि घी नकली पाया गया है, इसके साथ ही रामदेव बाबा और उसकी कंपनी की बोलती बंद कर हो गई  है.

जो सच्चाई सामने आई है उसके मुताबिक रामदेव की नामी-गिरामी कंपनी पतंजलि ब्रांड गाय के घी का सैंपल फेल पाया गया है.

यह सैंपल उत्तराखंड राज्य की प्रयोगशाला के बाद केंद्रीय प्रयोगशाला में भी फेल पाया गया. जिसके बाद टिहरी जनपद के खाद्य सरंक्षा और औषधि विभाग के द्वारा पतंजलि कंपनी के खिलाफ एडीएम कोर्ट में वाद दायर करने जा रहा है.

बाबा रामदेव की नामी-गिरामी कंपनी पतंजलि ब्रांड गाय के घी का सैंपल खाद्य संरक्षा और औषधि विभाग के द्वारा साल 2021 में दीपावली के पर्व पर टिहरी जनपद के घनसाली में एक दुकान से सैंपल भरा गया था.

जिसके बाद सैंपल को  नियमानुसार राज्य की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया तो, सैंपल फेल पाया गया. जिसके बाद खाद्य संरक्षा विभाग के द्वारा कंपनी को नोटिस जारी किया तो, कंपनी ने राज्य की लैबोरेट्री को रिपोर्ट को गलत साबित किया.

जिसके बाद फिर से खाद्य सरंक्षा विभाग के द्वारा केंद्रीय प्रयोगशाला में सैंपल भेजा गया तो केंद्रीय प्रयोगशाला में भी बाबा रामदेव की पतंजलि ब्रांड गाय के घी का सैंपल फेल पाया गया.

खाद्य सरंक्षा अभिहित अधिकारी एमएन जोशी के मुताबिक  प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार पतंजलि घी में मिलावट और घी मानकों के अनुरूप ना मिलने और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया है.

यह आश्चर्यजनक  है कि खाद्य सरक्षा और औषधि विभाग ने घी का सैंपल एक बार फिर जांच में दिया लेकिन इस बार विभाग ने केंद्र की प्रयोगशाला में सैंपल भेजा और नतीजा वही निकला.

इसके बाद अब कोई शक नहीं जा गया कि पतंजलि का ब्रांडेड घी मिलावटी है.

 रामदेव की गैर जिम्मेदारियां

कथित रूप से अपने आपको बाबा कहलाने  वाले रामदेव की हकीकत सामने आने के बाद देशभर में उनकी आलोचना का दौर जारी है. उनके चाहने वाले भी इस बात से चकित हैं कि  रामदेव जैसा व्यक्ति जो बड़ी-बड़ी बातें करता है जिसके सामने बड़े बड़े नेता नतमस्तक हैं वह भी नकली सिद्ध हुआ है.

सामाजिक कार्यकर्ता सनंददास दीवान, एल्डरमैन के मुताबिक बाबा रामदेव ने सिर्फ झूठ की मायावी दुनिया रची है अन्यथा इस मामले पर उन्हें सामने आकर के अपना पक्ष रखना चाहिए था मगर ऐसा लगता है उनकी अब बोलती बंद हो गई है .

व्यवसायी संजय जैन के मुताबिक रामदेव बाबा की हकीकत सामने आ गई है आज देश में कांग्रेस की सरकार होती तो बाबा कहते कि उन्हें फंसाया गया है मगर अब  वह यह भी नहीं कह सकते.

तीज 2022: पति-पत्नी के बीच क्यों होते हैं झगड़े, जानें ये 6 कारण

पति-पत्नी का रिश्ता प्यार और तकरार का रिश्ता होता हैं. जिसमें दोनों एक-दूसरे से इतना प्यार करते हैं कि उनके बीच होने वाली बहस और छोटी-मोती लड़ाई भी उनके रिश्ते पर प्रभाव नहीं डालती हैं. लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जिनका सीधा असर पति-पत्नी के बीच मनमुटाव पैदा करता हैं.

आज हम आपको कुछ ऐसे कारण बताने जा रहे हैं जो झगड़े की वजह बनते है. इन्हें जानकर इनसे दूरी बनाए रखने में ही आपके रिश्ते की भलाई हैं. तो आइये जानते हैं पति-पत्नी के रिश्ते में होने वाले झगड़ों के कारणों के बारे में.

  1. सरप्राइज देना बंद

शादी के कुछ समय बाद पति अपनी पत्नी को सरप्राइज देना बंद कर देता है. ऐसे में महिलाओं को लगता है कि उनका पार्टनर बदल गया है, जोकि रिश्ते में झगड़े का कारण बनता है.

2. छुट्टी न लेना

पत्नी को अक्सर ये शिकायत रहती है कि उनके पति औफिस से छुट्टी नहीं लेते. यही छोटी-सी बात अक्सर पति-पत्नी के बीच झगड़े का कारण बन जाती है.

3. रोमांस खत्म होना

पति-पत्नी जब माता-पिता बन जाते हैं तो जाहिर है उनमें रोमांस खत्म हो जाता है. मगर आपको बता दें कि यह भी आपके बीच झगड़े पैदा करता है. रिश्ते में पहले जैसा प्यार न रहना झगड़े का कारण तो बनेगा ही.

4. दोस्तों को ज्यादा वक्त

छुट्टी के बाद दोस्तों के साथ एंजौय करना सही है लेकिन अपनी पत्नी को समय न देना गलत है. फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम न बिताना मनमुटाव की वजह बनता है.

5. गीला टौवेल, गंदे मोजे

महिलाएं घर की साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखती हैं और पार्टनर से भी यही उम्मीद करती है कि वह कम से कम अपनी चीजों को तो जगह पर रखें. अगर ऐसा न हो तो दोनों में झगड़ा होना तो लाजमी है.

6. रोज एक डिश

पुरुष रोजाना एक ही तरह की डिश खाना पसंद नहीं करते लेकिन महिलाओं को समस्या होती है कि वह रोज नया क्या बनाए. यह प्रौब्लम भी पति-पत्नी के बीच झगड़े का कारण बनती है.

सरकार किसानों को एमएसपी देना ही नहीं चाहती: डा. राजाराम त्रिपाठी

डा. राजाराम त्रिपाठी राष्ट्रीय संयोजक, अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा)

हाल ही में सरकार द्वारा एमएसपी पर कमेटी गठित की गई है. इस बारे में डा. राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि 29 सदस्यीय इस कमेटी में लगभग सभी सदस्य या तो सरकार में शामिल लोग हैं या सरकार से वेतनभोगी अधिकारी हैं, या फिर सत्तारूढ़ पार्टी से जेबी संगठनों के लोग हैं. इतना ही नहीं सरकार के कृपा पात्र और लाभार्थी कंपनियों के लोग इस में शामिल हैं. इन लोगों का इतिहास हम सब को भलीभांति पता है. इन से किसान हितों के बारे में सोचने की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती.

डा. राजाराम त्रिपाठी ने आगे कहा कि इस कमेटी के अध्यक्ष संजय अग्रवाल को बनाया गया है, जिन की अगुआई में उन तीनों काले कानूनों का ड्राफ्ट तैयार किया गया था, जिस का देश के किसानों ने जम कर विरोध किया और उस के बाद उन्हें सरकार को वापस लेना पड़ा.

सही तथ्य यह है कि यह सरकार वास्तव में हमें एमएसपी देना ही नहीं चाहती, क्योंकि हम ने तो सरकार से साफसाफ कहा था कि आप तो वैसे भी दिनप्रतिदिन नएनए कानून ला ही रहे  हैं, तो किसानों पर कृपा कर एक कानून आप एमएसपी पर भी ले कर आ जाइए कि किसानों के उत्पाद को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर यदि कहीं भी कोई भी खरीदता है, तो वह कानूनन जुर्म होगा.

लेकिन यह सरकार तो पूरी तरह से बड़े व्यापारियों के लिए समर्पित प्रतीत होती है. और शायद इसीलिए यह सरकार नहीं चाहती कि सरकार के चहेते व्यापारियों की जेब ढीली हो.

अब रहा सवाल इस कमेटी के नाम पर खड़ी की गई नौटंकी का तो इस में कोई भी गैरतमंद किसान संगठन कभी शामिल नहीं होगा, क्योंकि सरकारी और सत्तारूढ़ दल के हितैषी संगठनों के लोगों से भरी हुई यह कमेटी केवल सरकार के चहेते व्यापारियों के हितों के बारे में ही सोच सकती है, किसानों के हित के बारे में कभी नहीं सोच सकती.

वैसे भी हमारे देश में यह कहा जाता है कि जिस समस्या को हल न करना हो, उस के लिए आप एक कमेटी बना दो, फिर उस कमेटी ने क्या किया, इस की जांच के लिए एक कमेटी बना दो, फिर उन दोनों कमेटियों के कार्यों के मूल्यांकन के लिए एक कमेटी बना दो. यह कमेटी केवल आगामी चुनावों में लाभ प्राप्त करने के लिए बनाई गई दिखावा सरकारी नौटंकी कमेटी है. इस नौटंकी कमेटी से किसानों को अंतत: दुख ही मिलेगा, इसलिए हम ने इसे ‘दुखांतिका नौटंकी’ कहा है.

गौरतलब है कि सरकार द्वारा वापस लिए गए तीनों कृषि कानूनों का शुरुआत में जब कुछेक भ्रमित किसान संगठन स्वागत कर रहे थे, तब सर्वप्रथम अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा) ने ही तीनों कृषि कानूनों के खतरनाक प्रावधानों के बारे में देश के किसानों को सचेत करते हुए इन के व्यापक विरोध का सूत्रपात किया था और आईफा की ओर से डा. राजाराम त्रिपाठी ने ही कृषि कानूनों की एकएक परतें खोल दी थीं.

अभी विगत दिनों ही एमएसपी को ले कर आईफा के राष्ट्रीय संयोजक डा. राजाराम त्रिपाठी, देश के जानेमाने वरिष्ठ किसान नेता वीएम सिंह, महाराष्ट्र से राजू शेट्टी, राजस्थान से रामपाल जाट, पंजाब के संयोजक जसकरण सिंह, हिमाचल प्रदेश से संजय कुमार, जम्मूकश्मीर से यवर मीर, झारखंड से संजय ठाकुर, बिहार से छोटे लाल श्रीवास्तव, आंध्र प्रदेश से जगदीश रेड्डी, तमिलनाडु से पलनी अप्पन, गुजरात से सरदूल सिंह, पंजाब से जसविंदर सिंह विर्क, हरियाणा से जगबीर घसौला, दिल्ली से संदीप कुमार शास्त्री, उत्तराखंड से अवनीत पंवार, पूर्वोत्तर से कमांडर शांगपलिंग, अल्फोंड बर्थ, एथीना चोहाई समेत देश के 200 किसान नेताओं की दिल्ली में लगातार बैठकें हुईं और ‘एक सूत्रीय कार्यक्रम’  के तहत देश के सभी कृषि उत्पादों के लिए  एमएसपी कानून लाने के लिए ‘राष्ट्रीय एमएसपी गारंटी मोरचा’ का गठन किया गया.

इसी संदर्भ में आगामी 6 से 8 अक्तूबर को देश के सारे किसान नेता और किसान समूह दिल्ली में जमा होंगे. 3 दिवसीय महासम्मेलन में देश के हर राज्यों की खेती की दिशा, दशा और एमएसपी गारंटी मोरचा की राष्ट्रीय रूपरेखा तय कर दी जाएगी.

– विवेक कुमार, अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा)    

तीज 2022- क्या यही प्यार है: जेबा और राहिल के प्यार की कहानी

जेबा की बरात आने वाली थी. सभी पूरी तैयारी के साथ बरात के आने का इंतजार कर रहे थे कि तभी जेबा का आशिक राहिल कहीं से अचानक आंगन में आ गया. ‘‘आप डरें नहीं. मैं कुछ गड़बड़ करने नहीं आया हूं. मैं तो सिर्फ जेबा से मिलने आया हूं. आज से वह किसी दूसरे की हो जाएगी. प्लीज, मुझे उस से आखिरी बार मिल लेने दें,’’ आंगन में खड़ी औरतों से इतना कहने के बाद राहिल सीधा जेबा के कमरे में घुस गया, जिस में वह दुलहन बनी बैठी थी.

‘‘जेबा, यह तो मेरी शराफत है, जो तुम्हें किसी और की होते देख रहा हूं, वरना किस में इतनी हिम्मत थी कि जो तुम को मुझ से जुदा कर देता. ‘‘खैर, मैं तुम से यह कहने आया हूं कि हम दो जिस्म जरूर हैं, लेकिन जान एक है. कोई दूसरा तुम्हारे सिर्फ तन पर हक जमा सकता है, लेकिन मन पर नहीं. मुझे पूरा यकीन है कि तुम मुझे कभी नहीं भूलोगी…’’

इतना कहने के बाद राहिल अपना मुंह जेबा के कान के पास ले जा कर धीरे से बोला, ‘‘तुम अपनी मांग में कभी सिंदूर मत भरना. मैं भी तुम से वादा करता हूं कि जिंदगीभर किसी दूसरी लड़की की तरफ नजर नहीं उठाऊंगा. ‘‘अच्छा जेबा, अब मैं चलता हूं. तुम हमेशा खुश रहो,’’ इतना कह कर राहिल उस कमरे से चला गया.

राहिल के जाने के बाद सब ने राहत की सांस ली, मगर दिलों में यह खटका बना रहा कि वह कमबख्त कहीं निकाह के वक्त आ कर किसी तरह की हंगामेबाजी न शुरू कर दे. इन हालात से निबटने के लिए जेबा के घर वालों ने पूरी तैयारी कर रखी थी. पर सबकुछ शांति से पूरा हो गया और जेबा अपने हमसफर शबाब के साथ

एक नई जिंदगी शुरू करने के लिए रवाना हो गई. वैसे तो सबकुछ ठीक हो गया था, लेकिन जेबा और उस के घर वाले अंदर ही अंदर काफी परेशान थे कि राहिल न जाने कब क्या कर बैठे.

जेबा और राहिल एकदूसरे को चुपकेचुपके चाहते आ रहे थे. इस सचाई से परदा तब उठा, जब जेबा की शादी शबाब के साथ तय कर दी गई. राहिल को जब इस बात का पता चला, तो उस के दिल की धड़कन जैसे थम सी गई.

कभी जी चाहता कि जेबा को ले कर कहीं भाग जाए, तो कभी उस के बाप का खून कर देने का मन करता. कभी यह विचार आता कि वह अपना और जेबा का खात्मा कर डाले. वह तो जेबा की सूझबूझ थी, जो पागल हाथी जैसे राहिल को किसी तरह काबू में किए थी. ‘‘आखिर मुझ में क्या कमी है, जो जेबा को मुझ से दूर किया जा रहा है?’’ एक दिन राहिल जेबा के अब्बा हशमत अली से उलझ पड़ा.

‘‘कमी यह है कि तुम दिमाग से ज्यादा दिल की सुनते हो और जज्बाती हो. सब से बड़ी कमी तो तुम में यह है कि तुम दूसरों पर मुहताज हो. जो खुद मुहताज हो, वह भला दूसरों को क्या दे सकता है,’’ हशमत अली की साफगोई राहिल को बेहद कड़वी लगी, फिर भी जवाब में वह खामोश रहा. राहिल एक बेरोजगार और भावुक किस्म का नौजवान था. बाप के पास जो दौलत थी, बस उसी पर उस की जिंदगी का दारोमदार था. वह अपनी जिंदगी के प्रति कभी संजीदा नजर नहीं आया.

शौहर के रूप में शबाब को पा कर जेबा बहुत खुश थी. एक भले व संजीदा शौहर की सारी खूबियां उस में कूटकूट कर भरी थीं. शबाब जेबा का पूरा खयाल रखता कि उसे किसी तरह की तकलीफ न पहुंचने पाए. मगर जेबा ही इस मामले में नाकाम थी, क्योंकि वह पूरे तनमन से चाह कर भी अपने शौहर के आगे खुद को पेश नहीं कर पाती थी.

जेबा इस बात को ले कर डरीसहमी रहती कि अपने शौहर से पहले वह किसी और की थी. कभीकभी उसे राहिल के दीवानेपन से भी डर लगता. वह जानती थी कि राहिल जुनून में आ कर किसी भी हद को पार कर सकता है, इसीलिए वह चाह कर भी शबाब को अपने प्यार से दूर रखती थी. सब से बड़ी बात तो यह थी कि जेबा ने आज तक शबाब के नाम का सिंदूर अपनी मांग में नहीं लगाया, जो शबाब को अच्छा नहीं लग रहा था.

राहिल ने जेबा को इस बात के लिए मना कर के उस की शादीशुदा जिंदगी पर कितना बड़ा जुल्म ढाया था. जेबा राहिल के गुस्से से शबाब को बचाने के लिए ही अपनी मांग को सिंदूर से नहीं सजाती थी. शादी के 2 दिन बाद ही जेबा की सूनी मांग को देख कर शबाब पूछ बैठा, ‘‘अरे, यह क्या जेबा, तुम्हारी मांग में सिंदूर क्यों नहीं है?’’

जेबा ने बड़े प्यार से शबाब को समझाया, ‘‘असल में सिंदूर से मुझे एलर्जी है. बचपन में गुड्डेगुडि़यों का ब्याह रचाने के दौरान गुड्डे की अम्मां बनी लड़की ने खेलखेल में मेरी मांग में सिंदूर डाल दिया था. इस के कुछ समय बाद ही मेरे सिर में खुजली होने लगी थी और मैं चकरा कर गिर पड़ी थी. तब से मैं सिंदूर से काफी दूर रहने लगी हूं.’’ जेबा की दलील सुन लेने के बाद शबाब चुप तो हो गया था, लेकिन उसे कुछ अटपटा सा जरूर लगा था.

सास व ननदें जेबा को मांग में सिंदूर डालने की कहतेकहते थक चुकी थीं, लेकिन उस के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. इस बात को ले कर परिवार में मनमुटाव सा रहने लगा था. इस से पहले कि जेबा की जिद और ससुराल वालों की नाराजगी कोई गंभीर रूप लेती, एक दिन अचानक घटी एक घटना ने जेबा की सारी उलझनों को पलभर में ही सुलझा दिया.

राहिल ने जेबा के किसी करीबी रिश्तेदार के हाथों उस के पास एक खत भेजा, जिस में लिखा था: ‘जेबा, मैं तुम्हारे दिलोदिमाग पर हुकूमत तो नहीं कर सका, लेकिन उस पर नाजायज ढंग से कब्जा कर के तुम्हें ब्लैकमेल जरूर करता रहा. अब इस बात का एहसास मुझे पूरी तरह से होने लगा है. ‘मुझे दुख है कि मेरी घटिया सोच का शिकार हो कर तुम घुटनभरी जिंदगी जी रही हो और धीरेधीरे अपने ससुराल वालों की नजरों में गिरती जा रही हो. मुझे माफ कर दो. तुम ने सही कहा था कि मेरा यह गैरसंजीदापन कभी मुझे महंगा पड़ सकता है.

‘एक खुशखबरी सुनो. मैं शादी करने जा रहा हूं. वह भी एक ऐसी लड़की के साथ, जो मुझ जैसे किसी सड़कछाप आशिक के जुल्म का शिकार हो चुकी है. जानती हो, इस तरह की लड़की को अपना हमसफर बना कर मैं क्या करना चाहता हूं? मैं अपने गुनाह की सजा कम करना चाहता हूं. ‘शादी के बाद भी तुम पर अपना नाजायज हक जमा कर मैं ने गुनाह नहीं तो और क्या किया है. तुम मेरी दीवानगी का खौफ अपने जेहन से बिलकुल निकाल दो और पूरे तनमन से शबाब की बीवी बन कर जिंदगी गुजारो. आज से अपनी मांग सूनी मत रखना.

‘तुम्हारा नाचीज, राहिल.’ खत पढ़ लेने के बाद जेबा खुद को इतना हलका महसूस कर रही थी, मानो उस की छाती पर से कोई बहुत बड़ा बोझ हट गया हो.

तीज 2022: बॉडी में पानी की कमी को पूरा करती हैं ये 4 चीजें

फास्ट में खाने के लिए कुछ प्लान करें या नहीं पर पानी को जरूरत को गंभीरता से लें. इस दौरान शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए जरूरी है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें. अगर आपके शरीर में पानी की कमी रहती है तो आपका शरीर डिहाइड्रेट होगा और आपको चक्कर, सिर दर्द और कमजोरी जैसी परेशानियां हो सकती हैं. यहां हम आपको कुछ अन्य चीजों के बारे में बताने वाले हैं, जिनको अपनी डाइट में शामिल कर के आप शरीर में होने वाली पानी की कमी को दूर कर सकेंगे.

तो आइए शुरू करते हैं.

चुकंदर का जूस

गरमी में आप हमेशा पानी नहीं पी रहे तो आपकी सेहत के लिए ये हानिकारक हो सकता है. ऐसे में बौडी को हाइड्रेट रखने के लिए आप चुकंदर का जूस पी सकते हैं. जानकारों की माने तो रक्त संबंधी समस्याओं में भी ये काफी लाभकारी होता है. इसके साथ ही ये शरीर में कई आवश्यक विटामिन और खनिज जैसे बी विटामिन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, और लोहे की कमी को भी पूरा करता है.

तरबूज का जूस

तरबूज का 95 फीसदी हिस्सा पानी का होता है. गरमी में लोग इसका सेवन चाव से करते हैं. इसके अलावा इसमें कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं.

नारियल पानी का सेवन

शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए नारियल पानी पीना एक अच्छा उपाय है. कई मरीजों को डाक्टर सलाह भी देते हैं कि वो नियमित रूप से इसका सेवन करते रहें. ये शरीर में पानी की कमी को दूर करने के साथ-साथ पोटेशियम की अच्छी मात्रा भी प्रदान करता हैं.

सलाद में खीरा

गरमी में खीरे का सेवन जरूर करें. शरीर में पानी की कमी को दूर करने में ये बेहद लाभकारी होता है. खीरा गरमी का बहुत अच्छा फल है. शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ साथ ये त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होता है.

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