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…तो इसलिए जूही चावला ने नहीं देखी शाहरूख की ‘दिलवाले’

बॉलीवुड अभिनेता शाहरूख खान और जूही चावला की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है. दोनों ने साथ 'यस बॉस', 'राजू बन गया जेंटलमेन', 'डर' जैसी यादगार फिल्मों में काम किया है. दोनों प्रॉडक्श हाउस भी साथ में चलाते हैं. इतना ही नहीं कोलकाता की आईपीएल टीम में भी ये दोनों साथ हैं, लेकिन इन सबके बावजूद जूही चावला ने शाहरूख की नई फिल्म 'दिलवाले' देखना जरूरी नहीं समझा. वजह पूछे जाने पर जूही ने कहा, 'मैंने फिल्म के बारे में कुछ बहुत अच्छी बातें नहीं सुनी. इसलिए मैंने सोचा कि इसे ना ही देखा जाए. अगर मैं नहीं भी देखती हूं तो यह कोई बड़ी बात तो नहीं है.’

दोनों ने साथ 'यस बॉस', 'राजू बन गया जेंटलमेन', 'डर' जैसी यादगार फिल्मों में काम किया है. आखिरी बार वर्ष 2005 में 'पहेली' में नजर आई इस जोड़ी की केमिस्ट्री पर्दे पर और निजी जीवन में बहुत अच्छी है. यही वजह है कि दोनों एक दूसरे की फिल्मों में विशेष भूमिकाओं में नजर आते हैं.

‘दिलवाले’ के जरिये शाहरूख और काजोल करीब 5 साल बाद साथ नज़र आए हैं. यह पूछे जाने पर कि शाहरूख के साथ जूही फिर किस फिल्म में नज़र आएंगी, जवाब मिला – 'अगली बार जब आप शाहरूख से मिलें तो उन्हीं से आप यह सवाल पूछ लें. अगर मेरा बस चले तो मैं इसी साल उनके साथ काम करूंगी. मुझे उनके साथ फिर से काम करना अच्छा लगेगा.'

जूही ने आमिर खान के साथ काम करने की भी इच्छा जताई, जिनके साथ उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'क़यामत से क़यामत तक' की थी. उन्होंने कहा 'आमिर और शाहरुख़ मेरे पसंदीदा को-स्टार हैं. मैंने अपने करियर में उनके साथ तरक्की की है. मैं आमिर के साथ काम करना चाहूंगी.' इन सबके बीच जूही अपने एक और मित्र सलमान ख़ान का ज़िक्र करना नहीं भूलीं, जिन्होंने 'दीवाना मस्ताना' में एक छोटे से सीन के अलावा कभी भी स्क्रीन शेयर नहीं किया है. जूही ने कहा कि उन्हें सलमान के साथ काम करने में मज़ा आएगा. जूही अपनी नई फिल्म 'चॉक एंड डस्टर' में शबाना आज़मी और दिव्या दत्ता के साथ दिखाई देंगी. फिल्म 15 जनवरी को रिलीज होगी.

इस पारी के बाद लक्ष्मण बन गए ‘वेरी-वेरी स्पेशल लक्ष्मण’

वीवीएस लक्ष्मण की ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ कोलकाता में खेली गई 281 रनों की पारी को 50 साल की सबसे अच्छी पारी माना गया है. इसको चुना है पूर्व क्रिकेटर्स, कमेंटेटर और पत्रकारों के एक पैनल ने. आइए जानते हैं आखिर क्यों खास थी ये पारी…

बात करीब 15 साल पुरानी है. वर्ल्ड क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया की तूती बोलती थी. वन-डे में वर्ल्ड चैंपियन और टेस्ट में कंगारू नंबर-1 थे. लगातार 15 टेस्ट जीत चुकी ऑस्ट्रेलियाई टीम स्टीव वॉ की कप्तानी में 'फ़ाइनल फ्रंटियर' जीतने भारत आई. सीरीज़ का पहला टेस्ट मुंबई में 10 विकेट से जीत ऑस्ट्रेलिया ने 16 लगातार जीत का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया.

फालोआन खेलना पड़ा था टीम इंडिया को
कोलकाता में पहली पारी में कप्तान स्टीव वॉ की शतक की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 445 रन बनाए. ग्लेन मैक्ग्रा की गेंदबाज़ी के सामनी टीम इंडिया पहली पारी में 171 रन पर सिमट गई. भारत को फॉलोऑन का सामना करना पड़. 52 रन पर पहला विकेट गिरने के बाद क्रीज़ पर आए वीवीएस लक्ष्मण.

ग्लैन मैक्ग्रा, जेसन गिलेस्पी, माइकल कैस्पोरोविच और शेन वॉर्न जैसे दिग्गज़ गेंदबाज़ों को अगले 631 मिनट तक हैदराबाद के स्टाइलिश नौजवान को 452 गेंदें फेंकनी थी. तीसरे दिन लंच के बाद आए लक्ष्मण ने दिन का खेल खत्म होते-होते अपना दूसरा टेस्ट शतक पूरा कर लिया.

पूरे दिन खेलते रहे लक्ष्‍मण-द्रविड़
मैच का चौथा दिन. 14 मार्च 2001. इस तारीख ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को हमेशा के लिए बदल दिया. वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने दिन भर बल्लेबाज़ी की और 335 रन जोड़े. टेस्ट में तब भारत की ओर से सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर 236 सुनील गावस्कर के नाम था. लक्ष्मण उससे भी आगे निकल गए.

विजडन ने टेस्‍ट की छठी बेहतरीन पारी माना
आखिरकार मैच के पांचवे दिन लक्ष्मण आउट हुए, लेकिन 281 रन बनाने के बाद. लक्ष्मण ने राहुल द्रविड़ के साथ 376 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की. भारत हार के जबड़े से जीत छीन लाया. कप्तान स्टीव वॉ के फ़ाइनल फ्रंटियर के सपने भी चकनाचूर हो गए. क्रिकेट की बाइबल विजडन ने लक्ष्मण की पारी को आज तक की टेस्ट की छठी बेहतरीन पारी माना. तब से इयान चैपल ने वीवीएस लक्ष्मण को नया नाम दिया-वेरी-वेरी स्पेशल लक्ष्मण.

विराट कोहली को मिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड

साल 2014-15 के लिए भारतीय क्रिकेट के सितारे को सम्मानित किया गया है. उन्हें सम्मान अपनी ही संस्था भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की तरफ से मिला. कुल 13 श्रेणियों में अवॉर्ड बंटे. जहां विराट कोहली क्रिकेटर ऑफ द ईयर बने, तो सैय्यद किरमानी को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड.

क्रिकेट मेरी जिंदगी: किरमानी
1983 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के स्टार विकेटकीपर पूर्व चयनकर्ता सैय्यद किरमानी की उपलब्धियों के लिए बीसीसीआई ने साल 2015 में उन्हें कर्नल सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा. अवॉर्ड में उन्हें 25 लाख रुपये नकद, सम्मान पत्र और ट्रॉफी दी गई. सम्मान मिलने के बाद किरमानी ने कहा 'क्रिकेट मेरी जिंदगी है. जब मैं खेलता था तो मेरे दिमाग में एक ही बात रहती थी अच्छा खेलो, जिससे तिरंगे की शान बढ़ती रहे. मैं इस अवॉर्ड के लिए बीसीसीआई को शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. मुझे फक्र है कि मैंने तीन महान स्पिनरों के वक्त में विकेटकीपिंग की प्रसन्ना, चंद्रशेखर और बिशन सिंह बेदी.'

विराट कोहली को पॉली उमरीगर क्रिकेटर ऑफ द ईयर सम्मान
ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले विराट कोहली को बोर्ड ने सौगात दे दी. श्रीलंका की धरती पर 22 साल बाद टेस्ट सीरीज़ जीतने और दक्षिण अफ्रीका को 9 साल बाद विदेशी धरती पर चित करने वाले कप्तान को पॉली उमरीगर क्रिकेटर ऑफ द ईयर के सम्मान से नवाजा गया. सम्मान मिलने के बाद विराट ने कहा 'अभी तक उनके क्रिकेट करियर का सबसे बढ़िया लम्हा ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ रहा, जिसे भारत ने 2-0 से गंवा दिया, लेकिन कड़े मुकाबले के बाद.'

मिताली राज को एमए चिंदबरम ट्रॉफी
वन-डे में 5000 रन पूरी करने वाली इकलौती महिला क्रिकेटर मिताली राज को भी एमए चिंदबरम ट्रॉफी से नवाजा गया. घरेलू मैचों में शानदार प्रदर्शन के लिए रॉबिन उथप्पा, विनय कुमार, दीपक हुड्डा जैसे खिलाड़ियों को भी इस मौके पर सम्मानित किया गया.

 

इरफान खान की आंखों का दीवाना है ये हॉलीवुड स्टार

हॉलीवुड के सुपरस्टार टॉम हैंक्स को लगता है कि फिल्म “इन्फर्नो” में उनके साथी कलाकार इरफान खान की आंखें जादुई हैं, जो उन्हें मोहित करती हैं. डान ब्राउन के उपन्यास “इन्फर्नो” के फिल्मी रुपांतरण का निर्देशन रॉन होवार्ड कर रहे हैं, जिसमें हैंक्स मुख्य भूमिका में हैं और 48 वर्षीय इरफान को हैरी सिम्स के किरदार में देखा जा सकेगा, जो एक रहस्यमयी संगठन कंसोर्टियम के प्रमुख होंगे.

मेक्सिको के कानकून में एक प्रेस कार्यक्रम में हैंक्स ने इरफान के बारे में कहा, मैं उनकी जादुई आंखों से अभिभूत हूं. उनका शारीरिक विन्यास आकर्षित करता है. 59 वर्षीय हैंक्स ने जून में मेक्सिको में फिल्म के प्रचार के दौरान हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय नायक इरफान की तारीफ तब की थी जब उन्होंने साथ में शूटिंग भी नहीं की थी.

शाहरूख खान और रोहित शेट्टी के बीच खिंची तलवारें

अजय देवगन को लेकर ‘गोलमाल’ और ‘सिंघम’ सीरीज की सुपरडुपर हिट फिल्मों के निर्देशक रोहित शेट्टी इन दिनों आग बबुला हैं. उनका यह गुस्सा शाहरूख खान की मार्केटिंग टीम पर है. सूत्र बताते हैं कि रोहित शेट्टी निर्देशित हर फिल्म दो सौ करोड़ रुपये कमाती रही है. अजय देवगन का साथ छोड़कर ‘‘चेन्नई एक्सप्रेस’’ से शाहरूख खान का साथ पकड़़ने वाले रोहित शेट्टी काफी खुश थे. वह अजय देवगन के साथ फिल्म शुरू करने को लेकर बहाने बाजी करते हुए शाहरूख खान के साथ ही फिल्म करना चाहते थे. लेकिन बाक्स आफिस पर फिल्म ‘दिलवाले’ की जो दुगर्ति हुई है, उससे उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

रोहित शेट्टी का दावा रहा है कि उनकी हर फिल्म बाक्स आफिस पर दो सौ करोड़ से कम नहीं कमाती है. मगर अफसोस की बात यह है कि ‘दिलवाले’ बाक्स आफिस पर दो सौ करोड़ का आंकड़ा छूने में असफल रही. बड़ी मुश्किल से सौ करोड़ बना पायी. जबकि 18 दिसंबर को ही ‘दिलवाले’ के साथ रिलीज हुई संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’अब तक सिर्फ भारत में 211 करोड़ रुपये कमा चुकी है. इस बात से रोहित शेट्टी बौखला गए. सूत्रों का दावा है कि रोहित शेट्टी अपने गुस्से पर काबू नहीं रख पाए और वह शाहरूख खान के आफिस जाकर उनकी प्रोडक्शन कंपनी ‘रेड चिल्ली’ की मॉर्केटिंग टीम पर जमकर बरसे.

सूत्रों का दावा है कि रोहित शेट्टी ने मॉर्केटिंग टीम पर ठीक से काम ना करने, फिल्म ‘दिलवाले’ के प्रमोशन और मॉर्केटिंग की गलत स्ट्रेटजी बनाने का आरोप लगाया. रोहित शेट्टी के नजदीकी सूत्रों का दावा है कि शाहरूख खान की कंपनी की मॉर्केटिंग टीम ने रोहित शेट्टी को समझाने की कोशिश की कि ‘दिलवाले’ को बाक्स आफिस पर जो नुकसान हुआ, उसकी वजह शाहरूख खान का असहिष्णुता पर दिया गया बयान है. पर रोहित शेट्टी ने इसे नहीं माना. सूत्रों के अनुसार रोहित शेट्टी ने दावा किया कि शाहरूख खान के इस बयान ने फिल्म को नुकसान नहीं पहुंचाया. बॉलीवुड के सूत्रों का दावा है कि शाहरूख खान की मॉर्केटिंग टीम के कुछ सदस्यो ने रोहित शेट्टी के सामने फिल्म ‘दिलवाले’ की कमियां भी गिनायी. इस पर रोहित शेट्टी को और अधिक गुस्सा आ गया. बालीवुड के सूत्रों की माने तो रोहित शेट्टी अब लोगों से बताते फिर रहे हैं कि उन्होने कैसे शाहरूख खान की टीम को सुनाया. जबकि कुछ सूत्र दावा कर रहे है कि रोहित शेट्टी के इस कदम से शाहरूख खान काफी नाराज हैं. जिसके चलते अब रोहित शेट्टी और शाहरूख खान के बीच शीत युद्ध की शुरुआत हो चुकी है.

धौनी बोले, संन्यास के बारे में सही समय पर सोचूंगा

भारतीय वनडे क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा है कि वह सही समय पर खेल से संन्यास लेने के बारे में सोचेंगे.

भारत के आईसीसी विश्व कप से बाहर होने के बाद भी 34 साल के धौनी से उनके संन्यास को लेकर यही सवाल पूछा गया था और उन्होंने ऐसी किसी योजना से इनकार कर दिया था. विराट कोहली को तीनों प्रारूपों में कप्तान बनाने की मांग जोर पकड़ रही है क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में उनके आक्रामक रवैये से काफी लोग प्रभावित हैं.

इसके अलावा पिछले एक साल से बल्ले से धौनी का प्रदर्शन भी प्रभावी नहीं रहा है. इस तरह की अटकलें हैं कि वह भारत में होने वाली आईसीसी विश्व टी20 चैम्पियनशिप के बाद फैसला कर सकते हैं.

ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम की रवानगी से पहले जब धौनी से संन्यास के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो वर्तमान में जीता है और विश्व टी20 चैम्पियनशिप से पहले ध्यान ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है. मैं सही समय आने पर इसके बारे में सोचूंगा.

प्रियंका चोपड़ा को मात देने पर आमादा कंगना रानौट

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘‘फैशन’’ में एक साथ काम करने वाली अभिनेत्रियों प्रियंका चोपड़ा और कंगना रानौट ने अपनी पहचान नारी प्रधान फिल्मों में अभिनय करने वाली अदाकारा के रूप में बना रखी है. पर बॉलीवुड के सूत्रों की माने तो इन दोनों के बीच कभी नहीं जमती. जबकि दोनों एक दूसरे को अपना दोस्त बताती हैं.

बॉलीवुड के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार कंगना रानौट और प्रियंका चोपड़ा के बीच कुछ दूरियां उस वक्त बढ़ीं, जब फिल्म ‘क्वीन’ के लिए कंगना रानौट को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल गया, जबकि उस वक्त प्रियंका चोपड़ा को उम्मीद थी कि फिल्म‘‘मैरी कॉम’’के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा.

उसके बाद से प्रियंका चोपडा व कंगना के बीच मुलाकातें नहीं हुई. इस बीच प्रियंका चोपड़ा ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखते हुए ‘फैशन’ के निर्देशक मधुर भंडारकर के साथ फिल्म ‘मैडम जी’ का निर्माण करने की सोची. पर तमाम उठापटक के बाद अंततः फिल्म ‘मैडमजी’ का निर्माण रुक गया.

सूत्रों के अनुसार ‘मैडम जी’ नहीं बनने वाली हैं. पर ‘क्वाटिंको’ सीरियल में अभिनय कर प्रियंका चोपड़ा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोहरत बटोर ली है. तो अब वह अपनी इस शोहरत को भुनाने के लिए एक बार फिर एक नारी प्रधान फिल्म बनाने का निर्णय किया है.सूत्रों की माने तो प्रियंका चोपड़ा ने अपनी इस नारी प्रधान फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने के लिए कंगना रानौट से संपर्क किया. मगर सूत्रों का दावा है कि कंगना रानौट ने प्रियंका चोपड़ा की पूरी बात सुने बगैर ही उनकी इस फिल्म में अभिनय करने से साफ मना कर दिया.

इतना ही नहीं अब कंगना रानौट धीरे धीरे उन सभी फिल्मकारों के साथ काम करने की कोशिश कर रही हैं, जिनके साथ कभी प्रियंका चोपड़ा ने काम किया था. इसी स्ट्रेटजी के चलते कंगना रानौट इन दिनों विशाल भारद्वाज के संग फिल्म ‘‘रंगून’’ कर रही है. कंगना के इस रवैये को देखते हुए चर्चाएं गर्म है कि कंगना रानौट, प्रियंका चोपड़ा को मात पर मात दे रही हैं.

एक्टिंग के बाद अब डायरेक्शन कर रही हैं कोंकणा

लगता है रणवीर शोरी से तलाक लेते ही अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा की लाटरी लग गयी है और अब वह निर्देशक बन गयी हैं. जी हां! कोंकणा एक फिल्म ‘‘ए डेथ इन द गंज’’का निर्देशन कर रही हैं, जिसके निर्माता अभिषेक चौबे और हनी त्रेहान हैं.

हनी त्रेहान बॉलीवुड के जाने माने कास्टिंग डायरेक्टर हैं और पहली बार वह अभिषेक चौबे के साथ मिलकर फिल्म निर्माण में उतर रहे हैं. जबकि विद्या बालन, नसिरूद्दीन शाह व अरशद वारसी के अभिनय से सजी फिल्म ‘‘डेढ़ इश्किया’’का निर्देषन कर अभिषेक चौबे बतौर निर्देशक अपनी एक पहचान बना चुके हैं, पर अब पहली बार वह हनी त्रेहान के साथ निर्माता बने हैं.

अभिनेत्री से निर्देशक बन चुकी अभिनेत्री कोकणा सेन कैरियर की अपनी इस नयी पारी से काफी खुश हैं. कोंकणा के नजदीकी सूत्रों का दावा है कि रणवीर शोरी के साथ कोंकणा तलाक ने उनकी जिंदगी व करियर में खुशियां ला दी हैं.

कठघरे में जेटली

सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान, स्मृति ईरानी और नितिन गडकरी के बाद अब अरुण जेटली भी आरोपों के फंदों में फंस गए हैं. आरोप सही हैं या गलत, यह तो वर्षों बाद पता चलेगा पर इतने दिन स्वच्छ नरेंद्र मोदी की सुशासित, भ्रष्टाचारमुक्त सरकार पर गलत कारनामों के छींटे दिखते रहेंगे चाहे वे विरोधियों के फेंके हुए हों या काजल की कोठरी में घुसने पर लगे हों.

भारतीय जनता पार्टी का दूसरों से अलग होने का दावा उतना ही खोखला साबित हो रहा है जितना उस की भजभज मंडली का श्रेष्ठ, महान, सभ्य, ज्ञान का जनक, त्याग और तपस्या वाले हिंदू राष्ट्र होने का दावा. भारतीय जनता पार्टी विशुद्ध भारतीय राजनीतिक दलों की तरह है जिन में भ्रष्टाचार, परिवारवाद, भेदभाव, अपनों का खयाल रखना उतनी ही मात्रा में है जितना दूसरे दलों में. आम जनता के लिए यह दुखद बात है कि जिसजिस पर उस ने भरोसा किया उस के पैर कीचड़ में सने निकले.

अरुण जेटली ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला क्रिकेट स्टेडियम को बनवाने में पैसों का हेरफेर किया या नहीं, यह साबित करना या ठुकराना वर्षों का काम है. मोटे तौर पर यह दिख रहा है कि हरी घास के नीचे बहुत काली मिट्टी है और स्टेडियम की कुरसियों के नीचे गंद की परतें जमी हैं. अब उन का लाभ अरुण जेटली को मिला, उन के परिवार को, उन के सहयोगियों को या यह सिर्फ प्रशासनिक भूल थी, यह बहुत बाद में पता चलेगा.

एक ही घर में बनी कईकई कंपनियों को उन कार्यों के लिए करोड़ों रुपए दिए गए जो उन के कार्यक्षेत्र में नहीं आते थे और वह पैसा दिया गया जो टिकट खिड़की से नहीं, औद्योगिक घरानों से आया. ऐसे में संदेह तो होगा ही. अगर अरविंद केजरीवाल की टीम उत्साहित है और भारतीय जनता पार्टी पैनिक मोड में है तो इसलिए कि उन्हें लग रहा है कि इस सारे कांड में हनुमान की पूंछ जल सकती है और लक्ष्मण को घातक चोट लग सकती है.

नरेंद्र मोदी सरकार के ढीलेढाले शासन, भाजपा के कट्टरवादी संगठनों का हिंदूजनित विवाद खड़ा करना, महंगाई, बढ़ते कर वगैरा पहले से ही भाजपा सरकार पर भारी पड़ रहे हैं और मतदाता नाराज दिख ही रहे हैं, उस पर अरुण जेटली कांड ने और स्याही पोत दी है.

अपने दूसरे नंबर के सब से जुझारू और तार्किक वक्ता व नेता को बचाने में पार्टी लगी है पर क्या यह बचाव नाव में हुए एक छेद का पानी दूसरा छेद कर के निकालने का प्रयास तो साबित न होगा? सांसद कीर्ति आजाद को निलंबित करने से नाव और डगमगा गई है क्योंकि अब अपनों में से एक और दुश्मन तैयार कर लिया गया है. नरेंद्र मोदी साबित कर रहे हैं कि इतिहास में वर्णित हिंदू राजाओं का ढीलापन क्या और कैसे था. दरअसल, केवल पूजे जाने और ब्राह्मण भोजों से राज सफल नहीं होता.

जानिए आखिर कैसे बन रहा है इंडिया ई खरीददार

औनलाइन शौपिंग के इतिहास में 6 अक्तूबर, 2014 ऐतिहासिक दिन के रूप में जाना जाता है. इस दिन फ्लिपकार्ट ने 3 दिनों के लिए ‘बिग बिलियन डे’ के रूप में मेगा सेल की शुरुआत की, जिस में स्मार्ट फोन से ले कर टैबलेट तक, परफ्यूम से ले कर किचन ऐप्लायंसेज तक, कपड़ों से ले कर जूतों तक और इलैक्ट्रौनिक्स सामान की खरीदारी पर भारी छूट दी गई. महज 3 दिनों में फ्लिपकार्ट ने इतना बड़ा कारोबार किया कि यह खुदरा कारोबार के लिए चुनौती बन गया और 6 अक्तूबर के दिन तो फ्लिपकार्ट ने 700 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया.

सफलता की ओर

हालांकि इन 3 दिनों में खरीदारों की शिकायतें भी कम दर्ज नहीं हुईं. खरीदारी शुरू होने के कुछ घंटों में ही इतने बड़े पैमाने पर खरीदारी के लिए साइट में भीड़ लगी कि साइट स्लो हो गई. यही नहीं, शिकायत तो यह भी दर्ज हुई कि साइट पर छूट दिखाए जाने के बावजूद छूट नहीं मिली, उलटे अधिक कीमत देनी पड़ी. फ्लिपकार्ट ने इस तरह की गड़बड़ी की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि उम्मीद से कहीं बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के लौग इन होने से यह दिक्कत पेश आई.

बहरहाल, औनलाइन शौपिंग के इस कदर सफल होने की उम्मीद किसी को नहीं थी. 6 अक्तूबर ने मार्केट के बड़ेबडे़ विशेषज्ञों को चौंका दिया. अब तो खुदरा विक्रेताओं से ले कर बड़ेबड़े शौपिंग मौल्स को अपने कारोबार को बचाए रखने की चिंता सताने लगी है.

इंडियन रिटेल सेल्स सर्च इन फैस्टिव सीजन के नाम से किए गए सर्वे की मानें तो इस फैस्टिव सीजन के पहले चरण में शौपिंग मौल्स को बड़ा नुकसान हुआ. इन की बिक्री में 50 से 55 फीसदी की कमी आई. यह सर्वेक्षण कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, बैंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, देहरादून और चंडीगढ़ जैसे शहरों में किया गया.

ऐसोसिएटिड चैंबर्स औफ कौमर्स ऐंड इंडस्ट्री औफ इंडिया (ऐसोचैम) का अनुमान है कि इस पूरे फैस्टिव सीजन में दिल्ली के शौपिंग मौल्स की बिक्री सब से अधिक प्रभावित हुई है. वहां पिछले साल की तुलना में बिक्री में 49.5 फीसदी की कमी रही. अहमदाबाद में 48.2 फीसदी, चेन्नई में 46 फीसदी, मुंबई में 42 फीसदी तो हैदराबाद में 39 फीसदी की कमी रही.

औनलाइन शौपिंग साइट्स साल भर थोड़ीबहुत छूट देती हैं और त्योहारों के मौके पर तो भारी छूट दी जाती है. इस के अलावा आगे की खरीदारी के लिए कूपन भी दिए जाते हैं. फिर चाहे वह स्नैपडील हो या फ्लिपकार्ट, मंत्रा हो या जबोंग अथवा अमेजौन सभी ने भारी छूट के साथ हर तरह का सामान फैस्टिव सीजन में बेचा.

खुदरा व्यापार पर भारी

औनलाइन कारोबार ने अगर सब से ज्यादा किसी को प्रभावित किया है तो वे हैं मोबाइल फोन के खुदरा विक्रेता. इन के कारोबार में 50 फीसदी की कमी आई है. यह कमी औनलाइन पर स्मार्ट फोन की बिक्री पर अधिकतम छूट दिए जाने के कारण आई है.

हाल ही में खुदरा कारोबार सलाहकार संस्था टैक्नोपैकर के अध्यक्ष अरविंद सिंघल का बयान आया था कि भारत में खुदरा कारोबार लगभग 52,500 करोड़ डौलर का है और 2020 तक इस के 10 लाख करोड़ डौलर तक पहुंचने की उम्मीद है. ई-कौमर्स इस खुदरा कारोबार के एक बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने में फिलहाल कामयाब नहीं हुआ है, क्योंकि औनलाइन शौपिंग अभी भी बहुत सारे लोगों का भरोसा नहीं जीत पाई है. लेकिन शौपिंग की नई संस्कृति के जानकारों का मानना है कि बहुत सारी चीजें ऐसी हैं जिन से खुदरा कारोबार आने वाले समय में बुरी तरह प्रभावित होने वाला है. स्मार्ट फोन और दूसरे मोबाइल फोन की औनलाइन बिक्री पिछले कुछ महीनों में बहुत अधिक बढ़ी है और आने वाले दिनों में इन की औनलाइन बिक्री में और इजाफा होगा.

कोलकाता के सैंटर फौर स्टडीज इन सोशल साइंस के प्रोफैसर सैबाल कर का कहना है कि कुल मिला कर औनलाइन शौपिंग एक तरह से और्डर सप्लाई का कारोबार है. इन का अपना  कुछ भी प्रोडक्शन नहीं होता है. दूसरे शब्दों में यह औनलाइन मार्केट प्लेस है, जहां ब्रैंडेड कपड़ों से ले कर जूते, जेवर, गिफ्ट, मोबाइल फोन, घडि़यां, इलैक्ट्रौनिक सामान सब कुछ मिल जाता है और वह भी थोड़ीबहुत छूट के साथ. क्रैडिट कार्ड पर निर्भरता और इंटरनैट पर क्रैडिट कार्ड के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिहाज से भी औनलाइन शौपिंग फूलफल रहा है. औनलाइन शौपिंग में सब से ज्यादा भरोसे की अमेरिका की वैरीसाइन जैसी कंपनियां हैं. गौरतलब है कि औनलाइन लेनदेन के मामले में वैरीसाइन प्रामाणिक सेवा प्रदान करती है. इस से लेनदेन सुरक्षित रहता है. खरीदारों के लिए यह एक बड़ा भरोसा है.

शौपिंग का नया अनुभव

औनलाइन शौपिंग में न तो समय की बरबादी होती है और न ही पैसों की. इन का कैटलौग देख कर और्डर किया जा सकता है. जहां तक डिलिवरी का सवाल है तो वह कहीं से भी हो सकती है. कभी मुंबई से, कभी अहमदाबाद से तो कभी दक्षिण के किसी अन्य राज्य से. औनलाइन शौपिंग कंपनी के गोदाम लगभग हर बडे़ शहर में हैं.

सैबाल बताते हैं कि बारकोड की सूरत में और्डर कंपनी की मार्फत औनलाइन खुदरा कारोबारी के पास पहुंच जाता है और खरीदार तक समान की सप्लाई हो जाती है. और्डर दिलाने के एवज में मुनाफे का एक हिस्सा कमीशन के तौर पर कंपनी को मिल जाता है.

इस कारोबार के फूलनेफलने के पीछे एक बड़ा कारण सैबाल यह भी बताते हैं कि किसी भी औनलाइन शौपिंग पोर्टल में जितने लोग एकसाथ किसी भी एक प्रोडक्ट को देख पाते हैं, उतने लोगों तक एकसाथ कोई भी कंपनी नहीं पहुंच पाती है. ऐसा केवल औनलाइन शौपिंग के मामले में ही नहीं होता है, बल्कि होटल, रेलवे, फ्लाइट टिकट बुकिंग में भी लागू होता है. डिपार्टमैंटल स्टोर, एसी मार्केट, शौपिंग मौल्स भी एकसाथ इतने सारे ग्राहकों को आकर्षित नहीं कर पाते हैं.

औनलाइन शौपिंग ने अच्छेअच्छों को पानी पिला दिया है. वालमार्ट भी इस में शामिल है. हालांकि वालमार्ट हफ्ते में 1 दिन यानी शुक्रवार को रोलबैक नाम का औफर देता है. इस दिन चीजों की कीमत कम होती है.

यों तो औनलाइन शौपिंग वैबसाइट्स को नईनई चीजों की खरीदारी के लिए जाना जाता है, पर ओएलएक्स और क्विकर जैसी वैबसाइट्स ने  पुराने सामान को खरीदने और बेचने का एक नया जरीया लोगों को दिया है. इन साइट्स के जरीए बिना किसी टैंशन और खर्च के अपने सामान को फोटो के साथ विज्ञापन के तौर पर लगा सकते हैं. पुराने घरेलू सामानों को बेचने व खरीदने का यह तरीका बड़े शहरों के साथसाथ अब छोटे शहरों में भी प्रचलित हो रहा है.

जानकारों का मानना है कि अगर औनलाइन शौपिंग के प्रति इसी तरह लोगों का रुझान बढ़ता रहा तो खुदरा व्यापार और करोड़ों रुपयों की लागत से बनाए गए शौपिंग मौल्स की बिक्री का प्रतिशत बेहद गिर जाएगा.

औनलाइन शौपिंग की शिकायतों के मद्देनजर केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय औनलाइन शौपिंग को ले कर नई नीति बनाने जा रहा है. हालांकि एसोचैम औनलाइन शौपिंग के मद्देनजर नई नीति व कानून बनाने के खिलाफ है. एसोचैम का कहना है कि ऐसा करने पर भारत में नयानया फूलनेफलने वाला कारोबार पूरी तरह नष्ट हो जाएगा. इसलिए मौजूदा कानून के तहत ही क्रेता सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

शादी की शौपिंग का नया अड्डा

दीपा तिवारी

अगर शहनाई बजने वाली है तो शौपिंग की चिंता छोड़ें. बस एक क्लिक पर घर बैठे परिवार के सभी लोग अपनीअपनी पसंद के अनुसार ईपोर्टल पर सामान चुनें और और्डर कर दें. कुछ ही दिनों में होम डिलिवरी के जरीए सारा सामान आप के घर पर होगा. यह शौपिंग का आसान और भागदौड़ से बचने का अच्छा तरीका है. इस से समय और पैसे दोनों की बचत होती है. यों तो औनलाइन शौपिंग कंपनियां साल भर सस्ते औफर देती हैं पर त्योहारों में डिस्काउंट और बढ़ जाते हैं. महंगे और ब्रैंडेड सामानों पर सामान्य तौर पर 15 से 25% तक की छूट आसानी से मिल ही जाती है.

कंपीटिशन को देखते हुए आजकल औनलाइन शौपिंग वैबसाइट्स खूब छूट देती हैं. फ्लिपकार्ट, स्नैपडील, एसबाइज डौट कौम, 99 लेबल्स डौट कौम, फैशन ऐंड यू डौट कौम, ऐक्सक्लूसिवली डौट इन, मिंत्रा डौट कौम आदि कुछ प्रमुख वैबसाइट हैं, जहां से शादी की बेहतरीन खरीदारी की जा सकती है. जिस रंग का सूट या फैब्रिक चाहिए या फिर मेकअप किट यहां सब उपलब्ध हैं. कपड़ों के अलावा बैल्ट, बैग, परफ्यूम और घड़ी जैसे सामानों पर औनलाइन पोटर्ल पर 50% की छूट आसानी से मिल जाती है. इन के पास देशीविदेशी कई ब्रैंड मौजूद हैं, बस एक क्लिक की जरूरत है. इन के जरीए आप एक स्मार्ट शौपिंग कर के अपना बैंडबाजा और बरात बड़े धूमधाम से ले कर चल सकते हैं.

ई-शौपिंग में रखें इन बातों का ध्यान

औनलाइन शौपिंग ने खरीदारी को काफी आसान तो बनाया है पर यदि सामान खरीदते समय जरा सी चूक हो जाए तो आप का नुकसान भी हो सकता है. इसलिए ई खरीदारी करते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें:

औनलाइन साइट्स पर आप के बजट के मुताबिक सभी तरह के प्रोडक्ट मौजूद हैं, तो कुछ साइट किसी खास प्रोडक्ट को सेल करती हैं. आप प्रोडक्ट का चुनाव अपनी आवश्यकता के अनुसार करें, प्रलोभन में पड़ कर नहीं.

सभी शौपिंग साइट्स नए वर्ष और त्योहारों के मौकों पर खास तरह के औफर सीमित समय यानी कुछ दिनों के लिए अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराती हैं. इस तरह के औफर्स का लाभ जरूर उठाएं.

हमेशा डिस्काउंट वाले प्रोडक्ट ही न देखें, क्योंकि ज्यादा डिस्काउंट वाले प्रोडक्ट क्वालिटी के मामले में उतने अच्छे नहीं होते. लेकिन एक बार औफर जोन में विजिट जरूर करें. जो प्रोडक्ट पसंद आ रहा है, उसे शौपिंग कार्ट में शौर्टलिस्ट करती जाएं. प्रोडक्ट को खरीदने के पहले उस के सिमलर प्रोडक्ट को देखना न भूलें. हो सकता है कि जिस कंपनी का प्रोडक्ट आप खरीदना चाहती हैं, उस से अच्छा प्रोडक्ट किसी दूसरे ब्रैंड में आप को बैस्ट प्राइज में मिल जाए.

खरीदते समय (चेक एबिलिटी के औप्शन में) अपने एरिया का पिनकोड डाल कर यह पता लगा लें कि उस प्रोडक्ट की डिलिवरी आप के एरिया में हो सकती है या नहीं. प्रोडक्ट की डिलिवरी के कई औप्शन मौजूद होते हैं. जैसे प्रोडक्ट की फ्री डिलिवरी में कुछ समय लगता है, पर अगर आप सिर्फ 1 ही दिन में ही डिलिवरी चाहती हैं, तो कुछ ऐक्स्ट्रा चार्जेज देने पड़ेंगे.

प्रोडक्ट के पेमैंट के भी कई औप्शन मौजूद होते हैं. जैसे डिलिवरी के समय कैश पेमैंट, नैट बैंकिंग से पेमैंट और ईएमआई औप्शन. किसी भी महंगे प्रोडक्ट को आप अपने बजट के मुताबिक 3 महीने से ले कर 12 महीने तक की ईजी ईएमआई से खरीद सकती हैं. लेकिन यह सुविधा केवल क्रैडिट कार्ड धारकों को ही मिल सकती है.

आजकल सभी औनलाइन कंपनियां 30 दिन में ईजी रिटर्न की सुविधा दे रही हैं. प्रोडक्ट पसंद न आने पर या कुछ खराबी होने पर आप 30 दिनों के अंदर सामान वापस करवा सकती हैं. आप का सामान घर से वही डिलिवरी करने वाला ले कर जाएगा और बिना कुछ अतिरिक्त राशि लिए हुए पूरा पेमैंट वापस होगा.

डिलिवरी लेते समय यह जरूर कन्फर्म करें कि यह वही प्रोडक्ट है जिस का आप ने और्डर किया था. अगर डिलिवरी के पहले पेमैंट हो चुकी है तो आप डिलिवरी करने वाले के सामने ही पार्सल की पैकिंग खोल कर देख लें. अगर कुछ गड़बड़ है तो उसी समय पार्सल को वापस कर दें.

अपने और्डर किए हुए प्रोडक्ट के साथ उस का गारंटी कार्ड है या नहीं, यह अच्छे से जांच लें. प्रोडक्ट की गारंटी उस औनलाइन कंपनी के बिल की डेट से शुरू होती है. गारंटी पीरियड में कुछ समस्या आने पर उस कंपनी से बात कर सकती हैं या खरीदे गए प्रोडक्ट के सर्विस सैंटर पर जा कर बिल के आधार पर उस प्रोडक्ट की प्रौब्लम सौल्व करवा सकती हैं. डिलिवरी के लिए अपना सही पता, पिनकोड, फोन नंबर और ई-मेल बिलकुल सहीसही दें. आप के मेल पर आई डिलिवरी ट्रैकिंग मेल से और्डर डिलिवरी का समय और कहां तक पार्सल पहुंचा, पता लगा सकती हैं.

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