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ऐसे जानें वाइ-फाइ का सीक्रेट पासवर्ड

आज की हाइटेक लाइफ में सभी के पास स्मार्टफोन है और स्मार्टफोन होते हुए 2G, 3G और वाइ-फाइ के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता. ऐसे में किसी पब्लिक वाइ-फाइ का पासवर्ड पता चल जाये, तो क्या बात है. अक्सर कॉलेज, मॉल, थिएटर हर जगह वाइ-फाइ का ओपन नेटवर्क होता है. यानी अगर इनके पासवर्ड को हैक कर लिया जाये, तो आपका काम और आसान हो जाता है. आइए जानते हैं कुछ ऐसे एप्स के बारे में जिसके जरिए आप मिनटों में वाइ-फाइ के पासवर्ड का पता लगा लेंगे.

1. बेस्ट वाइ-फाइ नेटवर्क हैकर

 इस एप को बनाने वाली कंपनी का दावा है कि चाहे जैसा भी पासवर्ड हो यह एप्लिकेशन हर तरह का एन्क्रिप्शन को तोड़कर वाइ-फाइ का असली पासवर्ड आपको बता देगा. आजकल किसी भी ओपन या क्लोज वाइ-फाइ नेटवर्क को हैक करने के लिए इसका इस्तेमाल आम हो गया है.

2. हाऊ टू हैक वायरलेस नेटवर्क

इस एप को एक ट्यूटोरियल की तरह लिया जा सकता है. इसमें आपको एथिकल हैकिंग टिप्स और ट्रिक्स सिखाई जाती हैं. साथ ही वाइ-फाइ प्रोटेक्शन के लिए बनायी गयी सिक्योरिटी एल्गोरिथम को हैक करना सिखाया जाता है.

 3. वाइ-फाइ हैकर

वाइ-फाइ हैकर बीएनजी भी एक खास पासवर्ड ब्रेकिंग एप्प है. आप इस एप्प को इंस्टॉल करने के बाद बस किसी भी वाइ-फाइ ओपन नेटवर्क की रेंज में जाइए. यह एप्प आपके काम को आसान कर देगा.

 4. हैक वाइ-फाइ पासवर्ड

 यह एप गूगल प्ले पर फ्री में उपलब्ध है. कुछ सेकेंड में ही इस एप्प की मदद से वाइ-फाइ का पासवर्ड तोड़ा जा सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक 10 लाख से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं.

 5. फाइंड माई राउटर्स पासवर्ड

 डिफॉल्ट पासवर्ड रिकवरी, मैनुअल पासवर्ड रिकवरी और डिक्शनरी पासवर्ड रिकवरी जैसे कई फंक्शन के साथ यह एप आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. अगर आपने एक नया राउटर खरीदा है और उसका पासवर्ड अगर आपको नहीं पता है तो इसके लिए आप इस एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

खुद डिलीट हो जाएंगे व्हाट्सएप के बेकार फोटोज!

व्हाट्सएप पर पूरा दिन कई फोटोज शेयर की जाती हैं. खासकर जब आप किसी ग्रुप से जुड़े हों. दिन भर व्हाट्सएप के नोटिफिकेशन का ढ़ेर लगा रहता है. व्हाट्सएप की इन तस्वीरों को आप रखना भी नहीं चाहते हैं, क्योंकि वो काम की नहीं होती हैं. यह फोटोज फोन में काफी स्पेस ले लेते हैं. जिससे फोन खुद ही स्लो होने लगता है. व्हाट्सएप पर ये फोटोज कई हिडेन फोल्डर्स में सेफ हो जाती हैं. जिन्हें ढूंढ़ना भी मुश्किल होता है, और न ही इतना समय कि आप हर दिन इन तस्वीरों को डिलीट कर पाएं. लेकिन अब आपकी ये बेकार की स्पेस लेने वाली फोटोज खुद ही डिलीट हो जाया करेगीं. क्योंकि अब आ गया है मैजिक क्लीनर, जो कि सच में जादू करता है. देखिए कैसे होता है ये जादू-

मैजिक क्लीनर एप

आपको गूगल स्टोर में जाकर मैजिक क्लीनर एप को डाउनलोड करना होगा.

तस्वीरों को करेगा एनालाइज 

यह एप आपके फोन की तस्वीरों को ढूंढ कर उन्हें एनालाइज करती है ताकि सिर्फ वही फोटो आप डिलीट कर सकें जो बेकार हैं.

बेकार फोटोज करेगा अलग

इसमें जो भी उसे बेकार फोटोज लगती हैं वह उनको अलग कर देता है.

एक टैप में डिलीट

इन बेकार तस्वीरों को आप फोन में सिर्फ एक क्‍लिक से ही डिलीट कर सकते हैं. अब आपके फोन का स्पेस भी कम नहीं होगा और फोन में बेकार की फोटोज भी जमा नहीं होंगी.

17 मई को भारत में लॉन्च होगा मोटो 4जी

मोटोरोला ने पिछले साल जुलाई में मोटो जी 3 लॉन्च किया था. इस साल कंपनी मई में नेक्स्ट जेन स्मार्टफोन मोटो जी4 (Moto G4) लॉन्च करने जा रही है. मोटो जी (जेन 4) के लिए कंपनी ने ट्विटर पर #Missing हैशटैग के साथ लोगों को टीज करना शुरू कर दिया है. नया मोटो जी अपनी परफॉर्मेंस और कीमत के साथ कंपनी के लिए सबसे महत्वपूर्ण फोनों में से एक होने जा रहा है. आने वाले दिनों में मोटो जी 4 के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी, लेकिन लॉन्च से पहले ही मोटो जी 4 की काफी कुछ चर्चा शुरू हो चुकी है.

दो वेरिएंट:

नया मोटो जी4 दो वेरिएंट में लॉन्च हो सकता है. कंपनी इसे 5 इंच डिस्‍प्ले और 5.5 इंच डिस्‍प्‍ले के साथ लॉन्च कर सकती है. दोनों ही वेरिएंट फुल एचडी स्क्रीन के साथ होंगे. कंपनी मोटो जी4 को भारत में 17 मई को लॉन्च कर सकती है.

कीमत:

नए मोटो जी4 की कीमत पिछले मोटो जी फोन की तुलना में ज्‍यादा हो सकती है. दरअसल लेनोवो के स्वामित्व वाली कंपनी मोटोरोला अपने स्मार्टफोन को ज्यादा प्रीमियम प्रोडक्ट के तौर पर लॉन्च करना चाहती है. इसके चलते भारत में मोटो जी4 की कीमत 18,000 रुपये से अधिक हो सकती है.

प्रोसेसर:

इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि मोटो जी4 ऑक्टा कोर प्रोसेसर के साथ लॉन्च होगा. मोटो जी3 1.4 GHz Cortex-A53 क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 410 प्रोसेसर के साथ था, उम्मीद है कि नया मोटो जी4 क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 615 प्रोसेसर के साथ होगा. मोटो जी3 दो जीबी रैम के साथ उपलब्‍ध है. नए फोन में रैम को भी और बेहतर किया जा सकता है. इंटरनल स्टोरेज कम से कम 16 जीबी होगी.

कैमरा:

कंपनी ने अपने #Missing हैशटैग में ऑटोफोकस के कारण खराब फोटो का जिक्र किया है. साथ ही कंपनी ने बेहतर कैमरे की बात भी कही है. इसमें 13 मेगापिक्सल रियर कैमरा और 5 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा हो सकता है जो डुअल ऑटोफोकस सिस्टम के साथ काम करेगा.

बैटरी:

#Missing हैशटैग में बैटरी को भी बेहतर करने की बात है. मोटो जी3 2470 mAh बैटरी के साथ है. नया मोटो मोटो जी4 ज्यादा पावर 27-3000mAh बैटरी के साथ हो सकता है. फिंगरप्रिंट सेंसर की पुष्टि हो चुकी है. साथ ही नया फोन डुअल सिम सपोर्ट के साथ होगा.

एक्टिंग छोड़ ट्रैफिक सिग्नल संभालेगा ये एक्टर

फिल्मी गलियारों में मनोज बाजपेई की अगली फिल्म 'ट्रैफिक' रिलीज के लिए तैयार है. फिल्म का प्रमोशन शुरू हो चुका है. खबर है कि मनोज इसके लिए एक पूरा दिन ट्रैफिक पुलिस के रूप में बिताने वाले हैं.

हालांकि यह प्रमोशन का हिस्सा है मगर फिर भी रोचक है. जानकारी के मुताबिक मनोज बाजपेई लोखंडवाला स्थित एक ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े रहेंगे.

मनोज बाजपेई की पिछली रिलीज फिल्म 'अलीगढ़' थी. इसे समीक्षकों ने सराहा था. आपको बता दें कि मनोज ने ट्रैफिक पुलिस के किरदार को जीवंत करने के लिए कड़ी मेहनत की है. किरदार को अच्छे से निभाने के लिए मनोज ने ट्रैफिक पुलिस के काम को काफी करीब से देखा है. यही कारण है कि हिंदी फिल्मों में मनोज की पहचान बेहतरीन अभिनेताओं में की जाती है.

फिल्म के प्रवक्ता ने कहा 'मनोज यह देखना और समझना चाहते हैं कि काम करने के दौरान ट्रैफिक पुलिस वाले किस तरह के दबाव को झेलते हैं. फिल्म भी सत्य घटना पर आधारित है. फिल्म में मनोज बाजपेई के साथ ही दिव्या दत्ता, जिम्मी शेरगिल भी दिखेंगे. फिल्म 6 मई को रिलीज होगी.'

परदेस में भी चलेगा पेटीएम का बटुआ

पेटीएम का वॉलेट इस्तेमाल करने वाले करीब 12.6 करोड़ भारतीयों को जल्द ही 16 से ज्यादा देशों में इससे खरीदारी करने का मौका मिलेगा. पेटीएम ने अलीबाबा समूह की कंपनी अलीपे के सहयोग से वैश्विक बाजार में मोबाइल वॉलेट शुरू करने की योजना बनाई है. इसकी शुरुआत 16-17 देशों से की जाएगी. पेटीएम के यूजर इन देशों में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सुपरमार्केट श्रृंखलाओं, होटलों और कैब में इससे भुगतान कर सकेंगे.

पेटीएम की प्रवर्तक कंपनी वन97 के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी विजय शेखर शर्मा ने बताया कि अलीपे और उनकी कंपनी, पेटीएम वॉलेट को दुनिया भर में इस्तेमाल के लायक बनाने पर काम कर रही थी. उन्होंने कहा, 'पेटीएम और अलीपे वैश्विक नेटवर्क बना रही हैं.

अलीपे दुनिया भर में इसे चलाने के लिए काम कर रही है और पेटीएम देश में इसके ग्राहक बढ़ा रही है.' उन्होंने कहा कि उबर और मैसीज से करार हो चुके हैं. जहां भी अलीपे चलता है, वहां पेटीएम वॉलेट भी चलेगा. उन्होंने कहा कि कार्ड दुनिया भर में चलते हैं, जिससे कार्ड कंपनियों को फायदा हो रहा था. लेकिन वॉलेट कंपनियां पिछड़ रही थीं. लेकिन इस कदम के बाद पेटीएम वॉलेट वीजा कार्ड की तरह पूरी दुनिया में चलेगा.

शर्मा ने बताया कि अलीपे और पेटीएम का एकीकरण इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा और फिर पेटीएम विदेश में भी चलने लगेगा. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनियां सरकारी वित्तीय कानूनों के दायरे में ही काम कर रही हैं. शर्मा ने कहा, 'भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक वॉलेट भारतीय मुद्रा में ही भुगतान कर सकते हैं, इसलिए विदेशी मुद्रा को रुपये में बदलकर ही भुगतान करना होगा. यह काम अलीपे करेगी.'

पेटीएम के मुताबिक अलीपे का प्लेटफॉर्म 15 देशों में चलता है, जिसमें अधिकतर दक्षिण पूर्व एशिया के हैं और अमेरिका भी शामिल है. कंपनी दक्षिण अमेरिकी और यूरोपीय देशों में भी जा रही है. इसके लिए शुरुआत में अलीपे, पेटीएम और उबर के बीच समझौता हुआ है, जिससे भारतीय मुसाफिर विदेश में भी उबर की सवारी के लिए पेटीएम के वॉलेट का इस्तेमाल कर सकेंगे.

 

भारत ने ‘एप्पल’ को दिया झटका

भारत में अपने कारोबार को बढ़ाने की कोशिशों में जुटी दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी एप्पल को केंद्र सरकार ने करारा झटका दिया है. सरकार ने एप्पल को पुराने स्मार्टफोन्स को आयात करने और यहां बेचने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

सरकार का कहना है कि इससे देश में खतरनाक ई-कचरा बढ़ेगा, जो पर्यावरण के लिहाज से सही नहीं होगा. दुनिया भर में आईफोन की सेल में कमी के बीच एप्पल के सीईओ टिम कुक ने भारत में कारोबार को लेकर उम्मीद जताई थी.

2015 में एप्पल के स्मार्टफोन्स की बिक्री में भारत में 56 % का इजाफा हुआ. केंद्र ने पिछले साल अगस्त में ही नोकिया, एप्पल और आईबीएम जैसी कंपनियों की ओर से यूज्ड फोन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के आयात पर रोक लगा दी थी.एप्पल ने इसे हटाने की मांग की थी, जिसे पर्यावरण मंत्रालय ने खारिज कर दिया. सरकार का यह विचार एप्पल की रणनीति के लिए करारा झटका है, जो भारत में यूज्ड फोन की सेल कर कारोबार बढ़ाना चाहती थी.

पूरी दुनिया में भारत स्मार्टफोन का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है. एप्पल का मानना था कि पुराने फोन्स को आयात कर वह उन भारतीय ग्राहकों तक अपनी पहुंच बना सकेगी, जो उसके स्मार्टफोन्स को महंगी कीमतों के चलते नहीं लेते.

 

अब दो वक्त की दाल रोटी भी पड़ेगी महंगी…

महाराष्ट्र के सूखे का असर अब साफ तौर पर बाजार में दाल की कीमतों पर दिखने लगा है. खाद्य मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक पिछले 15 दिनों में अरहर दाल के दाम देश के 18 बड़े शहरों में 7 रुपये से 35 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गए हैं.

महाराष्ट्र के सूखे ने कई दलहन फसलों को तबाह कर दिया. इसका असर अनाज मंडियों में साफ तौर पर दिखने लगा है. खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 18 अप्रैल से 3 मई के बीच 18 अहम शहरों में अरहर दाल 7 रुपये किलो या उससे ज़्यादा महंगी हो गई है. सबसे ज्यादा बढ़ोतरी झांसी में दर्ज की गई है, जहां अरहर दाल की कीमत 125 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई, यानी 35 रुपये की बढ़ोतरी.

इस दौरान पटना में अरहर दाल की कीमत 115 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 140 रुपये, सूरत में 120 से बढ़कर 140 रुपये, मैसूर में 128 से बढ़कर 147 रुपये और दुर्ग में 125 रुपये बढ़कर 140 रुपये प्रति किलो हो गई है.दिल्ली के नया बाजार के एक दाल व्यापारी कहते हैं, ‘महाराष्ट्र के कई जिलों में अरहर दाल की खेती होती है. वहां भयंकर सूखे की वजह से काफी फसल बर्बाद हो गई, जिसकी वजह से देश की बड़ी मंडियों में दाल कम पहुंची है और इसकी कीमतें बढ़ गई हैं.’

दाल महंगी होने की वजह से बाजार में इसकी बिक्री भी घट गई है. दाल व्यापारी सरकारी नीतियों को भी इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं. एक अन्य दाल व्यापारी कहते हैं, ‘स्टॉक होल्डिंग 2000 क्विंटल फिक्स करने से व्यापारी बड़े स्तर पर व्यापार नहीं कर पा रहे हैं.’अब व्यापारियों की मांग है कि सरकार को दिल्ली में स्टॉक होल्डिंग लिमिट 2000 क्विंटल से बढ़ाना चाहिए.

 

 

बद्रीनाथ की दुल्हनिया का पहला लुक जारी

‘स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर’ और ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’ जैसी फिल्मों में साथ काम कर चुके वरुण धवन और आलिया भट्ट एक बार फिर बिग स्क्रीन पर साथ नजर आने वाले हैं. डायरेक्टर शशांक खैतान की अपकमिंग फिल्म ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ में दोनों फिर से रोमांस करते दिखेंगे.

फिल्म का फर्स्ट मोशन पोस्टर करन जौहर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है. ये फिल्म मई महीने में फ्लोर पर जाएगी और इस फिल्म को सिर्फ एक शेड्यूल में पूरा किया जाएगा. यह फिल्म एक लव स्टोरी है जो यूपी शहर पर बेस्ड होगी.

वरुण और आलिया की जोड़ी को हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया में काफी पसंद किया गया था. इस फिल्म के गाने भी काफी पसंद किए गए थे. फिल्म बद्रीनाथ की दुल्हनिया 2017 में रिलिज होगी.

 

 

स्वाद और सेहत से भरपूर फ्रेश फ्रूट कुल्फी

लखनऊ की कुल्फी पूरे देश में मशहूर है. गरमियों में यहां घूमने आने वाले कुल्फी और चाट का आनंद जरूर लेते है.लखनऊ में कुल्फी को लेकर नित नये नये प्रयोग भी होते रहते है. दूध और केसर से बनने वाली कुल्फी के साथ ही साथ कई अलगअलग तरह के स्वाद वाली कुल्फी भी अब यहां तैयार होने लगी है.गरमियों में आने वाले फलों के स्वाद वाली कुल्फी खाने वालों को खूब पसंद आ रही है.इसको फ्रेशफ्रूट कुल्फी के नाम से जाना जाता है. छप्पनभोग मिठाई शौप के मालिक रवीन्द्र गुप्ता कहते है ’ दूध से तैयार रबडी में फलो के पल्प को मिलाकर उस फल के स्वाद वाली कुल्फी तैयार की जाती है.जो खाने में फल और कुल्फी जैसा स्वाद देती है.इनमें जिन फलांे का उपयोग होता है उनमें वाटर मिलन, चीकू मैंगो, लीची, केला, कोकोनट और औरेंज खास होता है.’

कुल्फी दूध, मेवा और केसर से तैयार होती है.अब इसके स्वाद को बढाने के लिये तरहतरह के फलों का प्रयोग होने लगा है. लखनऊ की कुल्फी की खासबात यह होती है कि इसके साथ फालूदा भी दिया जाता है.जो सेवइयों की तरह नूडल्स जैसा होता है.अब यह प्लास्टिक के छोटे छोटे बाक्स में रखकर बर्फ मंे जमाई जाती है.रात के खाने के बाद कुल्फी का प्रयोग डेजर्ट की तरह होता है. फ्रेशफ्रूट कुल्फी स्वाद के साथ सेहत से भी भरपूर होती है.इसको तैयार करने में 60 फीसदी हिस्सा दूध और मेवा से तैयार होता है तो 40 फीसदी हिस्सा फ्रेशफ्रूट से तैयार होता है.इससे खाने में कुल्फी की ठंडक और फ्रेशफ्रूट की ताजगी दोनो का अहसास होता है.यह शरीर को गरमी से लडने की ताकत भी देती है.

लखनऊ में कुल्फी खाने का बहुत रिवाज है.यहां गरमियों की शाम का आनंद कुल्फी के साथ ही लिया जाता है.शहर में छोटी बडी तमाम तरह की कुल्फी बनाने वाली दुकाने है.जहां पर सस्ती से महंगी कुल्फी खाने का मिल जाती है.40 रूपये से लेकर 80 रूपये प्लेट तक की कुल्फी यहां मिलती है.कुल्फी को पैककर घर तक ले जाने के लिये भी सुविधा है.जिससे कुल्फी घर पहंुचने तक खराब नहीं होती. लखनऊ की मटका कुल्फी भी बहुत पसंद की जाती है.गलियों में आवाज लगाकर कुल्फी बेचने वाले भी इसका कारोबार करते है.यह लोग शाम 8 बजे के बाद से रात 12 बजे तक साइकिल पर मटका रखकर कुल्फी बेचते है. लखनऊ आये तो लखनवी चाट और कुल्फी का आनंद जरूर ले.मटका कुल्फी से लेकर फाइव स्टार होटल तक में यह मिलती है.

               

                         

कांग्रेस में पुराने चेहरों की होगी छुट्टी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस सबसे ज्यादा रस्साकशी में जुटी है.अपनी हालत को मजबूत करने के लिये चुनाव प्रबंधन के लिये मशहूर प्रशांत किशोर को कमान सौंपी है.प्रशांत किशोर और उनकी टीम पहले स्तर पर कांग्रेस के पुराने संगठन को जांच परखकर एक रिपोर्ट तैयार कर रही है. यहां वह ऐसे युवा नेताओं के नामों की सूची तैयार कर रही है जिनकी उस इलाके में पकड है.दूसरे दलों से नाराज चल रहे प्रभावशाली नेताओं पर भी उनकी नजर है.प्रशांत किशोर की टीम को यह पता चला है कि जनता कांग्रेस के पुराने नेताओं से खुश नहीं है.ऐसे नेता नये चेहरों को उभरने नहीं देना चाहते.ऐसे में प्रशांत किशोर की टीम चाहती है कि पुराने हाशिये पर पहंुच चुके नेताओं की जगह पर नये नेताओं को लाया जाये.प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व को लेकर भी प्रशांत किशोर की टीम को नये चेहरे की तलाश है.प्रशांत किशोर की टीम को कांग्रेस के पुराने लोग पसंद नहीं कर रहे. उनको लगता है कि प्रशांत किशोर की टीम की सिफारिशों के चलते उनका पत्ता कट सकता है.

कांग्रेस के ऐसे तमाम दिग्गज नेता प्रशांत किशोर की टीम को पसंद नहीं कर रहे.ऐसे में कई जगहों पर उनका विरोध शुरू हो गया.इसके बाद भी प्रशांत किशोर और उनकी टीम ने अपना काम जारी रखा है.उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस किसी चेहरे का नाम चुनाव के पहले घोषित करने की पहल नहीं करेगी.कांग्रेस ने यह भी साफ कर दिया है कि गांधी परिवार का कोई चेहरा उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं होगा.कांग्रेस हाईकमान इस बात पर सहमत है कि पुराने नेताओं को रिटायर कर अच्छी छवि वाले नये नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा जाये.दूसरे दलों के उन नेताओं को कांग्रेस का टिकट दिया जा सकता है जो जनाधार वाले उपेक्षित पडे हो.

कांग्रेस उत्तर प्रदेश में जनता दल युनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल सहित कई दूसरे दलो को मिलाकर महागठबंधन बना कर चुनाव लडने की योजना में है.लोकदल भी इसका हिस्सा हो सकता है.कांग्रेस चाहती है कि अगर उत्तर प्रदेश में किसी भी दल को बहुमत न मिले तो उनका गठबंधन इस हालत में रहे कि बिना उसके मिले उत्तर प्रदेश की सरकार न बन सके.बिहार के मुकाबले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिये अच्छे अवसर है.अम्बेडकर जंयती के समापन के अवसर पर कांग्रेस के नेता सुशील कुमार शिन्दे लखनऊ में थे.इस समारोह में यह खुलासा हुआ कि उत्तर प्रदेश के 2 क्षेत्रिय दलों ने सुशील कुमार शिन्दे को राष्ट्रपति नहीं बनने दिया.कांग्रेस इस तरह के मुददो से लोगों को लुभाने को काम कर रही है.चुनाव में वह एक बार फिर युवा और सवर्ण चेहरे की अगुवाई चाहती है.उत्तर प्रदेश के बाकी दलों में दलित और पिछडों को लेकर जो होड लगी है उसका जवाब देने के लिये सर्वण कार्ड को खेलेगी.उत्तर प्रदेश में अभी भी सवर्ण जातियों में कांग्रेस को लेकर मोह बना हुआ है.कांग्रेस के आगे आने से यह लोग उसके साथ एकजुट हो सकते है.

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