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किस किस के प्रशंसक हैं ‘रूस्तम’ के निर्देशक टीनू देसाई

फिल्म रूस्तम के प्रदर्शन के साथ ही बौलीवुड में हर तरफ फिल्म के निर्देशक टीनू सुरेश देसाई की काबीलियत की ही चर्चा हो रही है. मजेदार बात यह है कि टीनू सुरेश देसाई के पिता सुरेश देसाई ‘जी पी सिप्पी फिल्मस’ में ‘शोले’ व ‘शान’ से लेकर ‘अकेला’ तक कई फिल्मों में बतौर प्रोडक्शन मैनेजर काम कर चुके हैं, मगर टीनू सुरेश देसाई ने प्रोडक्शन में हाथ आजमाने की बजाय निर्देशन के क्षेत्र में काम करने की इच्छा के साथ बौलीवुड में कदम रखा.

टीनू ने रमेश सिप्पी, कुक्कू कोहली व राहुल रवैल के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम किया. जबकि रूमी जाफरी, अब्बास मस्तान, विक्रम भट्ट और नीरज पांडे के साथ बतौर एसोसिएट निर्देशक काम किया. उसके बाद नीरज पांडे ने उन्हें स्वतंत्र निर्देशक के रूप में अनुबंधित किया. पर अच्छी कहानी की तलाश में दो साल का वक्त लग गया. इस बीच टीनू दसाई ने विक्रम भट्ट की फिल्म ‘1920’ के सिक्वअल ‘1920 लंदन’ निर्देशित की. कुछ वजहों से यह फिल्म बीच में लटकी रही, पर अंततः 6 मई 2016 को यह फिल्म रिलीज हुई.

1920 लंदन के प्रदर्शन से पहले ही टीनू सुरेश देसाई ने रूस्तम की शूटिंग पूरी कर ली थी. यह फिल्म अब प्रदर्शित हुई है. अपनी अब तक की यात्रा पर रोशनी डालते हुए ‘सरिता’ पत्रिका को टीनू देसाई ने बताया, ‘मेरे पिता फिल्मों से जुडे़ हुए थे. इसलिए कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही मैं बतौर सहायक निर्देशक फिल्मों से जुड़ गया था. मैंने सबसे पहले रमेश सिप्पी के साथ बतौर रनर निर्देशक सीरियल ‘किस्मत’ में काम किया. फिर रजत रावल के साथ दो फिल्में, रवि चोपड़ा के साथ ‘महाभारत 2’ तथा राहुल रवेल के साथ ‘अर्जुन पंडित’ में बतौर सहायक निर्देशक काम किया. इसके बाद कुक्कू कोहली के साथ ‘अनाड़ी नंबर वन’, रूमी जाफरी के साथ ‘गॉड तूस्सी ग्रेट हो’ और ‘लाइफ पार्टनर’, विक्रम भट्ट के साथ ‘शापित’ और नीरज पांडे के साथ ‘स्पेशल 26’ बतौर एसोसिएट निर्देशक काम किया. फिर मैंने ‘1920 लंदन’ का निर्देशन किया. यह फिल्म कई साल तक रूक गयी थी. मगर मुझे स्वतंत्र निर्देशक के रूप में नीरज पांडे ही लॉंच करना चाहते थे, पर हमें अच्छी कहानी नही मिली, इसलिए मामला अटका रहा. 1920 लंदन के रिलीज होने से पहले ही मैंने फिल्म रूस्तम की शूटिंग पूरी कर ली थी.’

टीनू देसाई कई दिग्गज फिल्मकारों के साथ काम किया है. पर वह मौलिक काम करना चाहते हैं. इस संबंध में उन्होंने कहा, ‘मैंने दिग्गज निर्देशकों के साथ काम करते हुए उनसे बहुत कुछ सीखने की कोशिस की. पर मेरी यह कोशिश रही है कि मैं कुछ नया करूं. मेरी फिल्म देखते समय कही किसी को किसी की छाप नजर आए, तो मैं कुछ कह नहीं सकता. क्येंकि मुझे खुद नहीं पता कि किस निर्देशक से मेरे अंदर क्या बात आयी है, जिसका उपयोग मैं अपनी फिल्म में कर रहा हूं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘कुक्कू कोहली को संगीत की समझ बहुत अच्छी है. स्व. रवि चोपड़ा जी बहुत विनम्र थे. वह सेट पर सभी को सम्मान देते थे. पारिवारीक माहौल होता था. राहुल रवेल तो जीनियस हैं, उनकी याद्दाश्त की दाद देनी पड़ेगी. रूमी जाफरी बहुत अच्छे लेखक हैं, तो उनसे मुझे लेखन की समझ आयी. अब्बास मस्तान के साथ एक अच्छी थ्रिलर फिल्म बनाना और पेपर वर्क करना सीखा. नीरज पांडे का अपनी अलग स्टाइल है. उनकी फिल्मों में रोमांच के साथ-साथ यथार्थ होता है.’

सिनेमा के बदलाव पर उन्होंने कहा, ‘परिवर्तन संसार का नियम है. परिवर्तन हमेशा अच्छे के लिए ही होता है. सिनेमा में जो बदलाव आ रहे हैं, उसकी वजह से ही अब नयी तरह की फिल्में बन रही हैं. मैं  आपको यश चोपड़ा जी का उदाहरण देना चाहूंगा. वह समय के साथ खुद को बदलते रहते थे. उनकी फिल्मों में वह बदलाव नजर आता रहा है, जिसकी वजह से उनकी फिल्में हिट रही हैं.’

टीनू देसाई ने अभिनेता अक्षय कुमार की तारीफ करते हुए कहा, ‘वही काफी समझदार हैं. उन्हें पटकथा की काफी अच्छी समझ है. वह कभी दुविधा में नहीं रहते. वह हमेशा अपने गट्स के आधार पर काम करते हैं और एक बार जो निर्णय ले लेते हैं, उससे पीछे नहीं हटते. वह अपने हर काम को बेहतर तरीके से करने में यकीन करते हैं. मेहनती हैं,इसलिए रिस्क उठाते हैं और उन्हें फायदा होता है.’

जानें फोन पर किसके साथ बिजी है दोस्त

कभी-कभी ऐसा होता है कि आप अपने दोस्त को कॉल कर रहे होते हैं और उसका फोन बिजी चल रहा होता है. चलिए एक बार कॉल करने पर अगर फोन बिजी गया, तो ये नॉर्मल है, ऐसा सभी के साथ होता होगा. लेकिन जरा सोचिए कि अगर आप उसे कुछ घंटों के बाद फोन करे और तब भी उसका फोन बिजी जा रहा हो तो आप क्या करते हैं. जाहिर है कि आपको गुस्सा आता होगा और ये जानने की भी इच्छा होती होगी की आखिर वो इतनी देर से कहां बिजी चल रहा है.

ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे तरीके के बारे में जिसके जरिए आप ये जान पाएंगे की आपका दोस्त इतनी देर से किससे बात कर रहा है. ये एक काफी चर्चित एप है जिसका नाम है ट्रूकॉलर. ये एप आपको बताएगा की आपका दोस्त किससे बात कर रहा है.

कैसे काम करती है ये एप?

ये एप तब काम करेगी जब आपके और आपके दोस्त के फोन में इंटरनेट डाटा होगा. इसके जरिए पता लगाया जा सकता है कि जो आपको कॉल कर रहा है उसका नाम क्या है इसके साथ ही उसकी फोटो भी नजर आएगी. यही नहीं, ये एप उन लोगों के भी नाम और फोटो यूजर्स को दिखा देता जिनके नंबर आपकी फोनबुक में नहीं हैं. इसके अलावा अगर आपका दोस्त किसी और के साथ फोन पर बिजी होगा तो आपको ये भी पता चल जाएगा कि वो किसके साथ बिजी है.

जाहिर है कि ये एक ऐसी एप है जिसे दुनिया भर के करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं और इनमें से कोई भी आपको कॉल करे तो उसका नाम और फोटो पता लग जाता है.

खत्म हो जाएगा ‘रेल बजट’ का सफर

अगले वित्त वर्ष से रेलवे के लिए अलग बजट नहीं बनेगा. 1924 से चला आ रहा यह सिलसिला वहीं खत्म हो जाएगा. वित्त मंत्रालय रेल बजट को आम बजट में ही मिला देने के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है.

सरकार की यह पहल काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के वर्षों में और खासकर 1996 के बाद आई गठबंधन सरकारों में राजनीति पर दबदबा रखनेवालों ने रेल बजट का इस्तेमाल अपनी छवि बनाने में किया था. रेल मंत्रालय अक्सर क्षेत्रीय दिग्गजों के अधीन रहा, इसलिए रेल बजट में रेल मंत्री की राजनीतिक प्राथमिकताओं को ही ज्यादा तवज्जो दी जाती रही. इस दौरान विभागीय नौकरशाहों की ओर से भी कड़ा प्रतिरोध सामने आया.

लेकिन, चमक-दमक का त्याग करने की रेल मंत्री सुरेश प्रभु की तत्परता से रेल बजट की परंपरा पर अब विराम लगने जा रहा है क्योंकि लोकसभा में पूर्ण बहुमत की वजह से बीजेपी रेल मंत्रालय का जिम्मा अपने सहयोगी दल को देने की बजाय इसे अपने पास रखने में सक्षम हो पाई है. अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही रेल बजट की परंपरा पर विराम लगाने पर चर्चा तब शुरू हुई जब नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय और किशोर देसाई ने इसे खत्म करने की सलाह दी.

प्रभु ने राज्यसभा को बताया कि उन्होंने रेलवे और देश की अर्थव्यवस्था के हित में वित्त मंत्री से रेल बजट का आम बजट में विलय करने का आग्रह किया है. हालांकि, उन्होंने इसकी कोई समय-सीमा नहीं बताई थी. अगर रेल बजट का आम बजट में विलय हो जाता है तो रेलवे भी उन दूसरे विभागों की तरह हो जाएगा जिन्हें बजट अलॉट किया जाता है, लेकिन इनके खर्च एवं आमदनी पर वित्त मंत्रालय की नजर होती है.

1924 तक ब्रिटिश सरकार संयुक्त बजट पेश किया करती थी, लेकिन अर्थशास्त्री विलियम एकवर्थ की अध्यक्षता में एक समिति ने पुनर्गठन के लिए अलग-अलग बजट का प्रावधान करने का सुझाव दिया तो चीजें बदल गईं. अब मामला बिल्कुल उलटा हो रहा है क्योंकि मोदी सरकार रेलवे के काम-काज के तौर-तरीक बदलने पर आमदा दिखती है. सरकार की इच्छा का प्रदर्शन रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन की प्रक्रियाओं में भी होता है

ओलंपिक: फेल्प्स ने तोड़ा किसका रिकॉर्ड

माइकल फेल्प्स ने ओलंपिक में अब तक 22 गोल्ड मेडल जीते जो अपने आप में ओलंपिक रिकॉर्ड है. पूर्व सोवियत संघ की जिमनास्ट लारिसा लातनिना ने 1956 से 1964 के ओलंपिक खेलों के दौरान कुल नौ गोल्ड मेडल जीते थे.

लेकिन आधुनिक ओलंपिक खेलों से पहले प्राचीन ओलंपिक खेलों के दौरान एक एथलीट ऐसा था जिसने 12 इवेंट में जीत हासिल की थी और उनके कारनामे को फेल्प्स रियो ओलंपिक में ही पीछे छोड़ पाए हैं.

दरअसल माइकल फेल्प्स ने अब तक जो 22 गोल्ड मेडल जीते हैं, इसमें से नौ तो रिले टीम के गोल्ड मेडल हैं. ऐसे में व्यक्तिगत गोल्ड मेडल के हिसाब से देखें तो फेल्प्स ने रियो में अपना 13वां गोल्ड जीत कर लियोनेड्स ऑफ रोड्स का रिकॉर्ड तोड़ा है.

रोड्स ने ईसा से 164 साल पूर्व, 160 साल पूर्व, 156 साल पूर्व और 152 साल पूर्व में आयोजित लगातार चार ओलंपिक खेलों में अलग अलग तरह के तीन रेसों में जीत हासिल की थी. उस दौर में विजेता खिलाड़ियों को गोल्ड, सिल्वर या फिर ब्रांज मेडल देने का चलन नहीं था, केवल जैतून की पत्तियां दी जाती थीं.

रोड्स ने करीब 200 मीटर, 400 मीटर की रेस और कवच पहनकर होने वाले रेसों में लगातार चार ओलंपिक में जीत हासिल की. एक ही ओलंपिक में तीन इवेंट में जीत हासिल करने वाले एथलीट को ट्रिपलर कहा जाता है. ऐसे केवल सात एथलीट हैं.

रोड्स ऐसे एथलीट हैं जो एक बार से ज्यादा ये कारनामा दिखा चुके हैं. इतना ही नहीं, जब उन्हें चौथी बार ये कारनामा दिखाया था, तब उनकी उम्र 36 साल की थी, फेल्प्स से पांच साल अधिक.

उस जमाने में रेस के दौरान खिलाड़ी नंगे ही दौड़ते थे, लेकिन कवच वाले रेस में खिलाड़ी को युद्ध के दौरान पहने वाले कवच, हेलमेट पहनकर भागना होता था. ब्रिटिश म्यूजियम के सीनियर क्यूरेटर जूडिथ स्वाडलिंग कहते हैं, “इन सभी इवेंट में हिस्सा लेना भी काफी बड़ी उपलब्धि थी.”

वहीं कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पॉल कार्टलेज कहते हैं, “कवच पहनकर दौड़ना मुश्किल काम था, वो भी 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में. इसके लिए मांसपेशियों में दमखम के साथ साथ जिमनास्ट वाली खूबियां भी जरूरी थीं.”

लेकिन इस एथलीट के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है और ना ही उनकी कोई तस्वीर भी मौजूद है. कार्टलेज के मुताबिक उनका नाम शेर के लिए इस्तेमाल होने वाले ग्रीक शब्द से निकला है, जिससे जाहिर होता है, वह काफी अभिजात्य रहे होंगे, संपन्न भी होंगे और संभवत एथलीट परिवार में जन्मे हों.

जूडिथ स्वाडलिंग के मुताबिक यूनान के रोड्स इलाके के इस एथलीट की मौत के बाद उन्हें उस वक्त के स्थानीय लोग ईश्वर जैसा ही मानते थे.

वैसे लियोनेड्स का जिक्र प्राचीन यूनानी साहित्य में भी मिलता है, जिसमें उन्हें सबसे प्रसिद्ध धावक कहा गया है. उनकी एक मूर्ति रोड्स में लगी हुई है और उनकी ख्याति तेज दौड़ने में ईश्वर जैसी क्षमता वाले धावक की थी.

ऐसे लीक होने से बचाएं इंटीमेट फोटोज

स्मार्टफोन के आने के बाद से लाइफ बड़ी आसान सी लगती है. सब कुछ छोटे से डिवाइस में सेव रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसा Data भी होता है जिसे स्मार्टफोन पर बिलकुल सेव नहीं रखना चाहिए.स्मार्टफोन में ना सेव करें ये Data…

1. क्या ना करें सेव

इंटीमेट फोटोज

क्यों ना करें सेव

एंड्रॉइड फोन में हैकिंग और Data लीक होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. अगर आप एंड्रॉइड फोन में बैकअप भी लेते हैं तो भी आपका Data ऑनलाइन भी आसानी से हैक हो सकता है. अगर आप इंटीमेट फोटोज सेव कर रहे हैं फोन में और गलती से भी किसी पोर्न साइट को विजिट कर रहे हैं तो उसकी कुकीज फोन से ऐसी फोटोज चुरा भी सकती हैं. पोर्न साइट्स आपको ट्रैक करती हैं और साथ-साथ थर्ड पार्टी ऐप्स में सबसे ज्यादा मालवेयर का खतरा होता है.

क्या करें

अगर आपकी कोई ऐसी फोटोज हैं भी तो उन्हें किसी USB डिवाइस में सेव रखें. किसी पेन ड्राइव में ये ज्यादा सेफ रहेंगी. पेन ड्राइव में भी प्रोटेक्शन के लिए पासवर्ड लगाया जा सकता है.

2.क्या ना करें सेव

पर्सनल अकाउंट नंबर, आधार नबंर या पिन नंबर जैसी चीजें

क्यों ना करें सेव

स्मार्टफोन में ये सब एक ही जगह सेव रखने से Data लीक होने की समस्या आ सकती है. ऐसा फोन चोरी होने से, वायरस आ जाने से या ऑनलाइन हैकिंग के कारण भी हो सकता है.

3. क्या ना रखें सेव

Wifi सिग्नल बूस्टिंग ऐप्स

क्यों ना रखें सेव

वाई-फाई सिग्नल बूस्टिंग ऐप्स या वाई-फाई पासवर्ड क्रैकिंग ऐप या ऐसे ही किसी ऐप को सेव करने से आप अपने फोन के साथ रिस्क लेते हैं. ऐसे ऐप्स ज्यादातर स्पाईवेयर होते हैं जो फोन को वायरस या मालवेयर से इन्फेक्ट करते हैं. ऐसे में आपका Data हैकर्स के पास जा सकता है.

4. क्या ना रखें सेव

ऑनलाइन शॉपिंग या इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड्स

क्यों ना रखें सेव

ईबे, Paypal, फ्लिपकार्ट, नेटबैंकिंग के पासवर्ड्स कभी अपने फोन में सेव नहीं रखने चाहिए. हर बार जब भी आपको लॉगइन करना हो "save your user ID or password" बटन को अनक्लिक करें. इन ऐप्स पर अगर आप लॉगइन रहते हैं तो आपके अकाउंट संबंधित जानकारी लीक हो सकती है.

क्या करें

जितनी बार भी इन ऐप्स का इस्तेमाल करें काम खत्म होने के बाद हमेशा लॉगआउट करें.

5. क्या ना करें सेव

क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या किसी अन्य पर्सनल ID की फोटो

क्यों ना करें सेव

जिस तरह इंटिमेट फोटोज को खतरा रहता है उसी तरह ATM कार्ड, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या किसी भी ID को खतरा रहता है. आपके किसी भी बैंकिंग संबंधित डॉक्युमेंट की स्कैन कॉपी के जरिए बैंकिंग फ्रॉड हो सकता है.

खादी संग मनाइए आजादी का त्यौहार

इंडसदीवा के फैशन ब्रांड खादी ओरिजनल्स अब मिंत्रा (Myntra) पर उपलब्ध होगी. इसमें पारंपरिक से लेकर कार्यस्थल वाले पोशाक शामिल होंगे. एक बयान में कहा गया कि मुंबई खादी ग्रामोद्योग(एमकेवीआईए) संघ के सहयोग से ऐसा किया जाएगा.

मूल खादी जमीनी पहचान, न्यूनतम ठाठ और सूक्ष्म परिष्कार का मिश्रण है. इसे महिला और पुरुष के साधारण, सहज और आरामदायक पोशाक के रूप में तैयार किया गया है. प्रकृति से प्रेरित होकर इसे हर मौसम के अनुकूल बनाया गया है. खादी मूल रूप में मिंत्रा पर करीब 200 से ज्यादा उत्पाद एक औसत मूल्य 1,699 रुपये में उपलब्ध होंगे.

इंडसदीवा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनीत सक्सेना ने कहा, ‘भारत की नौजवान पीढ़ी अपने इस पारंपरिक परिधान को कई कारणों से खो रही है. इसे पुराने फैशन के तौर पर और ज्यादा नहीं पहने जाने वाले भारतीय पारंपरिक परिधान के रूप में देखा जा रहा है, जिसे ज्यादातर युवा अपने माता-पिता के आलमारियों में करीने से रखी धोती और साड़ी की तरह समझते हैं.'

जब एटीएम में फंस जाएं पैसे…

अक्‍सर आपको पैसे निकालने के लिए दूसरे बैंक का एटीएम यूज करना पड़ता है. दूसरे बैंक का एटीएम यूज करते समय आपको कुछ अहम बातों का ध्‍यान रखना चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको फाइनेंशियल नुकसान के साथ मानसिक परेशानी भी उठानी पड़ सकती है

संभाल कर रखें ट्रांजेक्‍शन स्लिप

अगर आप दूसरे बैंक के एटीएम का यूज करते हैं तो आप ट्रांजेक्‍शन के बाद निकलने वाली स्लिप जरूर संभाल कर रखें. एटीएम मशीन में खराबी की वजह से कई बार ऐसा देखा गया है कि मशीन से पैसा नहीं निकलता है लेकिन पैसे कट जाते हैं. ऐसे में अगर आप ने स्लिप संभाल कर नहीं रखी है तो आप के पास कोई प्रूफ नहीं होगा और आपको दिक्‍कत हो सकती है.

अगर पैसा कट गया है तो करें कंप्‍लेन

दूसरे बैंक के एटीएम से ट्रांजेक्‍शन के दौरान अगर मशीन से पैसा नहीं निकला है और आपके अकाउंट से पैसा कट गया है तो आप को अपने बैंक और जिस बैंक के एटीएम को आपने यूज किया है दोनों में कंप्‍लेन करनी चाहिए. इस कंप्‍लेन में एटीएम आईडी का रेफरेंस जरूर दें.

फ्रॉड होने पर कराएं एफआईआर

अगर आप दूसरे बैंक के एटीएम से ट्रांजेक्‍शन करते हैं और आप फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं तो आपको सबसे पहले इसके बारे में पुलिस के पास एफआईआर दर्ज करानी चाहिए. इसके अलावा आपको अपने बैंक और जिस बैंक‍ के एटीएम से आपने ट्रांजेक्‍शन किया है दोनों में कंप्‍लेन करनी चाहिए. इस कंप्‍लेन में भी एटीएम आईडी का रेफरेंस जरूर दें. इसके आधार पर आपका बैंक दूसरे बैंक से सीसीटीवी फुटेज मंगा कर यह देखेगा कि आपकी डीटेल्‍स किस तरह से चोरी हुई और आपके अकाउंट से पैसे किसने निकाले.

कटे- फटे नोट निकलने पर नजदीकी ब्रांच से करें संपर्क

दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालने पर अगर कटे फटे नोट निकलते हैं तो आप उस बैंक की नजदीकी ब्रांच में जाकर नोट बदलवा सकते हैं. अब लगभग सभी बैंक कटे फटे नोट बदलने की सुविधा देते हैं.

बैंकिंग लोकपाल से करें शिकायत

एटीएम से संबंधित किसी और समस्‍या के लिए आप सबसे पहले अपने बैंक से शिकायत करें. इस शिकायत पर अगर एक माह तक कोई कार्रवाई नहीं होती है तो आप बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं.

कंज्‍यूमर कोर्ट में जाएं

अगर आप बैंकिंग लोकपाल के पास नहीं जाना चाहते हैं तो कन्‍ज्‍यूमर कोर्ट की मदद ले सकते हैं. लेकिन इसकी मदद लेने से पहले आपको बैंक को शिकायत पर कार्रवाई के लिए एक महीने का समय देना होगा.

अब 100 एमबी तक की फाइल करें ईमेल से अटैच

ईमेल के जरिए कोई हैवी फाइल भेजनी हो या फिर ईमेल अकाउंट पर ऑनलाइन डाटा सुरक्षित रखना हो, ज्यादातर ईमेल सर्विसदाता इनकी एक निर्धारित सीमा ही देते हैं. लेकिन, कुछ इमेल अकाउंट पर आप अनलिमिटेड डाटा स्टोर कर सकते हैं और 100 एमबी तक की फाइल ईमेल कर सकते हैं.

गूगल के जीमेल पर ईमेल अकाउंट तो होगा, लेकिन कई बार इस पर उपलब्‍ध 15 जीबी का ऑनलाइन डाटा स्टोरेज स्पेस कम पड़ जाता है और फिर दिक्कत आती है अपने पुराने उपयोगी डाटा को उड़ाने की. चूंकि जब तक इनबॉक्स में स्पेस नहीं बनता तब तक नए ईमेल आने बंद हो जाते हैं.

ऐसे में या तो सालों से सुरक्षित रखे डाटा को डिलीट करना पड़ता है या फिर जीमेल से मासिक या सालाना दर पर नया स्पेस खरीदना पड़ता है. अब जब ईमेल सुविधा मुफ्त में उपलब्‍ध हो, तो उसके लिए स्पेस खरीदना ठीक नहीं लगता. वैसे जीमेल के अलावा कई दूसरे ईमेल सर्विस भी मौजूद हैं, जहां डाटा स्टोरेज कैपेसिटी चिंता की बात नहीं है.

बॉक्स और याहू मेल भी हैं विकल्प

बॉक्स- जीमेल पर भले ही डाटा स्टोरेज क्षमता और सिंगल मेल सेंडिंग कैपेसिटी सीमित हो, लेकिन बावजूद इसके यह हर अत्याधुनिक फीचर से लैस है. गूगल की गूगल प्लस, ड्राइव, फोटो, यूट्यूब, मैप्स, न्यूज जैसे फीचर आपके ईमेल के साथ अटैच रहते हैं. इसीलिए इस ईमेल सर्विस को दुनिया भर में 900 मिलियन से ज्यादा उपभोक्ता इस्तेमाल करते हैं.

याहू मेल- जीमेल के बाद द‌ुनिया भर में ईमेल के लिए सबसे ज्यादा लोग (करीब 300 मिलियन) याहू की सर्विस इस्तेमाल करते हैं. हाल ही में याहू ने उपभोक्ताओं के लिए स्टोरेज स्पेस की सीमा बढ़ा दी है. अब याहू की यह ईमेल सर्विस अपने हर उपभोक्ता को 1 टीबी(टेराबाइट) यानी एक हजार जीबी का डाटा स्टोरेज स्पेस मिलता है.

ऑनलाइन डाटा स्टोरेज और सेविंग के लिहाज से यह बेहतर प्लेटफॉर्म है. इसके अलावा यह हेवी फाइल को अटैच ईमेल भेजने के लिए भी बेहतर है. याहू से आप 100एमबी तक की फाइल अपलोड कर ईमेल कर सकते हैं.
भले ही पिछले दिनों याहू के बिकने की खबर आपने सुनी हो, लेकिन इससे आपकी ईमेल सुविधा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यदि आप छह महीने तक अपना ईमेल अकाउंट लॉग इन नहीं करते, तो आपके अकाउंट का याहू इनएक्टिव (समाप्त) कर देगा. इस ऑनलाइन चैट मैसेंजर की सुविधा भी उपलब्‍ध है.

मेलडॉटकॉम और एओएल मेल

मेलडॉटकॉम Mail.com- अगर सभी ईमेल सर्विस पर स्टोरेज डाटा की सीमा सिरदर्द लगती है, तो रुख कीजिए मेलडॉटकॉम का. इस ईमेल सर्विस पर आपको असीमीत स्टोरेज डाटा मिलेगा. यानी आपको अपना इनबॉक्स व्यवस्थित रखने के लिए कभी ईमेल डिलीट करने की जरूरत ही नहीं. इसके अलावा इस ईमेल सेवा से आप अधिकतम 50एमबी की फाइल भी ईमेल भेज सकते हैं. इसके अलावा आप अपने ईमेल एड्रेस abc@mail.com की जगह abc@xyz.com चुन सकते हैं. यानी @ के बाद अपनी मर्जी का विशेष उपमा (जैसे- डॉक्टर, इंजीनियर, एशिया आदि) भी जोड़ सकते हैं.

एओएल मेल AOL MAIL- इस ईमेल सेवा पर भी अनलिमिटेड स्टोरेज स्पेस मिलता है और एक 25 एमबी तक की फाइल ईमेल कर सकते हैं. इस सर्विस पर भी आप मेलडॉटकॉम की ही तरह @ के बाद अपनी मनपसंद उपमाएं चुन सकते हैं. इस पर जीमेल, याहू की तहर चैट करने के लिए मैसेंजर की सुविधा भी उपलब्‍ध है.

आउटलुक और जोहो मेल

आउटलुक Outlook- यह माइक्रोसॉफ्ट की ईमेल सेवा है. अगर आप माइक्रोसॉफ्ट के वनड्राइव, स्काइप, पीपुल और कैलेंडर सेवा का इस्तेमाल करते हैं, तो आउटलुक ईमेल अकाउंट पर इन सभी को एक साथ जोड़ (कनफिगर) कर सकते हैं. इस ईमेल पर 5 जीबी स्टोरेज डाटा मुफ्त में मिलता है और एक बार में 25एमबी तक की फाइल इससे सेंड की जा सकती है. इसे खास बनाता है इसका ऑटोमेटिक डिलीटशन सिस्टम, आपके द्वारा ब्लेकलिस्टिड ईमेल को खुद-ब-खुद डिलीट कर देता है. यहां तक फिजूल के ये ईमेल आपको इनबॉक्स में दिखने से पहले ही यह एडवांस सिस्टम डिलीट कर देता है.

जोहो मेल Zoho Mail- ईमेल पर फिजूल के एडवरटाइजमेंट दिखने से समय बर्बाद होता है. जोहो ईमेल इसी का इलाज है. चाहे जोहो पर आप फ्री सेवा का उपयोग करें या फिर पेड सर्विस को यह ईमेल वेबसाइट 100 फीसदी एड फ्री की गारंटी देती है यानी जोहो पर किसी तरह का कोई एड शो नहीं होगा. इसके अलावा जोहो आपकी सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखता है और आपकी सूचनाएं या अन्या डाटा किसी से साझा नहीं करता. इसके अलावा इस ईमेल सेवा पर आप ऑटोमेट इनकमिंग ईमेल को फिल्टर, लेबल, फोल्डर शिफ्ट कर सकते हैं. हालांकि इस वेबसाइट पर सिर्फ 5जीबी तक का स्पेस मुफ्त मिलता है. इससे ज्यादा उपयोग के लिए आपको अपने अकाउंट में स्पेस बनाए रखने के लिए या तो अपने ईमेल डिलीट करने होंगे या फिर अतिरिक्त स्पेस खरीदना होगा.

ये सभी ईमेल सेवाएं आईफोन और एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर कंफिगर की जा सकती हैं. यानी चाहे आप कोई भी ईमेल सेवा उपयोग कर रहे हों आप उनका एक्सेस खास ऐप के जरिए अपने फोन पर पा सकते हैं.

इनके अलावा आईक्लाउड, हशमेल, जोहो, यैनडेक्स, जैसी ढेरों ईमेल सुविधाएं उपलब्‍ध हैं.

खुशखबरी: मेसी की अर्जेंटीना टीम में वापसी

स्पेन के बार्सिलोना फुटबॉल क्लब के स्टार फुटबॉलर लियोनेल मेसी एक बार फिर अपनी राष्ट्रीय टीम अर्जेंटीना के लिए खेलते नजर आने वाले हैं. मेसी ने अर्जेंटीना की कोपा अमेरिका कप के फाइनल में हार के बाद दुखी होकर टीम से संन्यास ले लिया था.

मेसी को अर्जेंटीना की वर्ल्ड कप क्वालिफायर टीम में शामिल किया गया है. बता दें कि सितंबर में वर्ल्ड कप क्वॉलिफायर मुकाबलों में अर्जेंटीना की टीम उरूगुए और वेनेजुएला के साथ खेलने वाली हैं. बता दें कि अर्जेंटीना की टीम के नए मैनेजर एडगार्दो बाउसा से मुलाकात के बाद मेसी ने ये फैसला लिया है. उम्मीद जताई जा रही है मेसी इसी हफ्ते टीम में लौट आएंगे.

स्पेन के बार्सिलोना फुटबॉल क्लब के स्टार फुटबॉलर लियोनेल मेसी एक बार फिर अपनी राष्ट्रीय टीम अर्जेंटीना के लिए खेलते नजर आने वाले हैं. मेसी ने अर्जेंटीना की कोपा अमेरिका कप के फाइनल में हार के बाद दुखी होकर टीम से संन्यास ले लिया था.

रियो: किसी का टूटा हाथ, तो किसी ने तोड़ा पैर

रियो में हो रहे ओलंपिक खेलों में दुनिया भर के तमाम एथलीट पदक की उम्मीद लेकर पहुंचे हैं. कई एथलीट अब तक मुकाबले में हारकर बाहर हुए हैं तो कई दिग्गज एथलीट्स की उम्मीदों को चोट के चलते करारा झटका लगा है.

फ्रांस के जिमनास्ट सामिर एट सेड रियो ओलंपिक में एक खौफनाक हादसे में अपनी स्पर्धा के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए. सामिर वोल्ट पर हवा में छलांग लगाने के बाद जमीन पर आ रहे थे कि जमीन छूते ही उनका घुटना पूरी तरह मुड़ गया.

पूरा स्टेडियम इस घटना से सन्न रह गया. तमाम अधिकारी सामिर की तरफ दौड़े और उन्हें स्ट्रेचर पर स्टेडियम से बाहर ले जाया गया. जमीन पर गिरते ही सामिर असहनीय दर्द से कराह उठे. इसके बावजूद उन्होंने 2020 टोक्यो ओलंपिक में वापसी करने और पदक जीतने की उम्मीद व्यक्त की है.

क्वालिफाइंग के दौरान जंप करने के बाद जमीन पर आते समय सामिर का दायां पैर गलत एंगल से जमीन पर पड़ा और उनके पैर की हड्डी टूट गई. उन्होंने वॉल्ट के ऊपर से छलांग लगाते हुए पहले दो बैक फ्लिप पूरे किए लेकिन उसे ठीक से फिनिश नहीं कर सके.

उन्हें तुरंत उपचार के लिए ले जाया गया और वह निराशाजनक रूप से रियो ओलंपिक से बाहर हो गए. अंतरराष्ट्रीय जिमनास्टिक्स महासंघ ने इस हादसे पर अफसोस जताते हुए कहा कि सभी जिमनास्ट्स की सुरक्षा का पूरा ख्याल किया जाता है और समय-समय पर कई नियम भी आसान किये गए हैं, लेकिन फिर भी ऐसे हादसे दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

26 वर्षीय सामिर की चोट के बाद सर्जरी की गई और फिलहाल वह इस समय ठीक हैं. उन्होंने कहा, चोट के कारण रियो से विदाई लेना निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं इससे बेहद निराश हूं लेकिन मैं सभी प्रशंसकों का अपार समर्थन देने के लिए आभारी हूं. मैं इस समय जरूर मुश्किल में हूं लेकिन मुझे पूरी उम्मीद है कि चार वर्ष बाद टोक्यो ओलंपिक में मैं वापसी कर सकूंगा. मैं एक बार फिर अपने पैरों पर मजबूती से खड़ा हो सकूंगा.

उन्होंने कहा, मैं भले ही अब रियो में आगे चुनौती नहीं पेश कर सकूंगा लेकिन प्रतियोगिता अभी समाप्त नहीं हुई है और मैं अपने साथियों का हौसला बढ़ाने के लिए उनके साथ मौजूद रहूंगा. फ्रांसीसी जिमनास्ट ने कहा, टोक्यो ओलंपिक के लिए अभी चार वर्ष का समय है और एक बार उबरने के बाद मैं अपना प्रशिक्षण फिर से शुरू कर दूंगा.

किन एथलीट्स को चोट के चलते मैदान से बाहर होना पड़ा है…

ऐंड्रनिक केरापेटियन

आर्मीनियन वेटलिफ्टर ऐंड्रनिक जब 77 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में 195 किलो वजन उठा रहे थे तो उनकी ऐल्बो डिसलोकेट हो गई, और इसी के साथ उनका अपना पहला ओलंपिक मेडल जीतने का सपना भी चकनाचूर हो गया. चोट इतनी भयावह थी कि खुद उनके ट्रेनर को अपना चेहरा हाथ से ढक लेना पड़ा. किसी से इस खिलाड़ी का दर्द नहीं देखा जा रहा था.

सामिर एट सईद

फ्रेंच जिमनास्ट सामिर एट सईद को संभवत: रियो ओलंपिक की सबसे गंभीर चोट का सामना करना पड़ा है. सईद जब वॉल्ट स्पर्धा में करतब दिखाते हुए जब वह जमीन पर उतरे तो उनका पैर सही स्थान पर नहीं पड़ा. इसकी वजह से बैलेंस बिगड़ा और उनका बायां पैर बुरी तरह टूट गया.

सारा मेनेजीस

रियो ओलंपिक के पहले ही दिन महिला जूडो के 48 किलोग्राम भारवर्ग मुकाबले में ब्राजील की सारा मेनेजीस की बांह में गंभीर चोट आ गई. इसके साथ ही उन्हें मुकाबले से बाहर होना पड़ा. सारा ने लंदन ओलंपिक में अपने देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था.

रिची पोर्ट

ऑस्ट्रेलियन साइकलिस्ट रिची पोर्ट की साइकल एक पेड़ से जा टकराई, जिसके चलते उन्हें गंभीर चोट आई है. उनके कंधे में गंभीर चोट लगी है. इसके अलावा उन्हें कई अंदरुनी चोटें भी आई हैं.

मेलीसा हॉस्किंस

ऑस्ट्रलियाई साइकलिस्ट मेलीसा हॉस्किंस तो ट्रेनिंग सेशन के दौरान ही घायल हो गईं. उन्हें हिप में चोट लगी है. हालांकि फिलहाल वह स्वस्थ महसूस कर रही हैं.

अन्नेमीक वन फ्लोट

नीदरलैंड की महिला साइकलिस्ट अन्नेमीक वन फ्लोट को स्पर्धा के दौरान गंभीर चोट खानी पड़ी और अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. रोड रेस के दौरान उनकी साइकल का बैलेंस बिगड़ गया था और एक मोड़ पर गिरने की वजह से उन्हें गंभीर चोट आई. मौके पर वह अचेत मिलीं. उन्हें तत्काल आईसीयू में ऐडमिट कराया, फिलहाल वह खतरे से बाहर हैं.

एलिसा डाउनी

जिमनास्ट की आर्टिस्टिक स्पर्धा के क्वॉलिफाइंग राउंड के दौरान ब्रिटिश की 17 वर्षीय जिमनास्ट एलिसा डाउनी की गर्दन में चोट लग गई थी. वह कलात्मक प्रदर्शन के दौरान अपने शरीर का बैलेंस नहीं साध सकीं और मैट पर सिर के बल ही गिरीं, जिसके चलते उनकी गर्दन पर गंभीर चोट आई है. वह तत्काल उठ खड़ी हुईं और अपना रूटीन पूरा किया. लेकिन फाइनल राउंड में चोट के चलते हिस्सा नहीं ले सकीं.

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