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अब ऑनलाइन खरीदें गाय-भैंस…!

अब शहरी जनता और मेट्रो शहरों, कस्बों से आगे बढ़कर गांवों में भी ऑनलाइन खरीद-फरोख्त के कारोबार में तेजी देखने को मिल रही है. गाय-भैंसों के बेचने के लिए हरियाणा के किसान ऑनलाइन हो गए हैं. हरियाणा कि किसान अपनी गाय-भैंसों को बेचने के लिए OLX का इस्तेमाल कर रहे हैं. इतना ही नहीं OLX पर बेचने से किसानों को ज्यादा मुनाफा मिल रहा है.

हरियाणा के किसानों का खेती के अलावा गाय-भैंसों के खरीद-बिक्री का भी धंधा है. कुछ किसान तो पिछले 5 साल से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म OLX पर सक्रिय हैं. OLX पर गाय-भैंसों की खरीद-बिक्री का चलन हरियाणा के अलावा पंजाब और देश के दूसरे हिस्सों में भी जोर पकड़ रहा है. गांवों के किसान भी हाईटेक हो चले हैं और OLX जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर अपना मुनाफा बढ़ा रहे हैं.

अब एक फोन पर बार-बार जनरेट करें जिओ सिम का बारकोड

ये तो आप जानते ही होंगे कि रिलायंस जिओ सिम सिर्फ MyJio एप से जनरेट बारकोड के द्वारा ही ली जा सकती है. एक बार कोड से सिर्फ एक सिम मिलती है और एक स्मार्टफोन में केवल एक ही बार कोड जनरेट होता है.

लेकिन अगर हम आपको ये बताएं कि आप एक ही फोन से बार-बार कोड जनरेट कर सकते हैं तो क्या आप यकीन करेंगे? ये बिल्कुल सच है. एक ट्रिक ऐसी भी है जिससे यूजर एक ही फोन पर कई बार कोड जनरेट करके कई जिओ सिम ले सकते हैं.

सबसे पहले आप अपने स्मार्टफोन पर दो एप्स MyJio और MTK Engineering इन्स्टॉल करें. ये एप्स आपको गूगल प्ले स्टोर पर आसानी से मिल जाएंगी.

अगर आप पहली बार कोड जनरेट कर रहे हैं तो MyJio एप को ओपन कर अपने स्टेट और शहर समेत डिटेल्स फिल कर दें. जिसके बाद बार कोड जनरेट हो जाएगा.

दूसरा कोड बनाने के लिए आपको अपने मोबाइल नंबर का IMEI नंबर चेंज करना होगा. इसके लिए MTK Engineering एप को ओपन करें. ध्यान रहे कि इस एप को खोलते समय आप अपने फोन का नेट बंद कर दें.

इसके बाद एप में MTK Settings> Connectivity> CDS Information> Radio Information> Phone 1 पर जाएं.

यहां आपको AT+ टाइप करना है. इससे नीचे की तरफ AT+EGMR=1,7 आ जाएगा. इसे सेलेक्ट करें.

इसके बाद कोड में नीचे दिए गए IMEI नंबर जोड़ दें.

आपने जो IMEI नंबर लिखा है उसके लास्ट के 3 डिजिट चेंज कर दें. इसके बाद Send at command पर क्लिक करें.

अगर इस कमांड पर क्लिक करने के बाद आपके पास Not Allowed in UserBuild नाम से एक एरर आए तो शुरुआत में AT के बाद स्पेस दें दें. फिर आपके पास 'AT command is sent: OK' का मैसेज आ जाएगा.

फिर अपने फोन को रिस्टार्ट कर दें. इसके बाद Settings> Apps> MyJio पर जाएं और एप का डाटा क्लियर कर दें.

अब MyJio ऐप को ओपन कर अपनी स्टेट और शहर सेलेक्ट करके नाम और मोबाइल नंबर की डिटेल फिल करें. एक OTP आएगा जिसे डालते ही दूसरा बार कोड जनरेट हो जाएगा.

पोकेमॉन गो खेलने से बढ़ेगी उम्र

अगर आप पोकेमॉन गो गेम खेलते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. एक स्टडी में दावा किया गया है कि पोकेमॉन गो खेलने से आप 41 दिन एक्स्ट्रा जी सकते हैं. भले ही इस गेम को खेलने में कई तरह के खतरे हैं, मगर स्वास्थ्य की दृष्टि से यह बहुत फायदेमंद है.

पोकेमॉन गो में प्लेयर को अपने आसपास पोकेमॉन ढूंढकर उसे पकड़ना होता है. हालांकि पोकेमॉन को पकड़ने के चक्कर में बहुत से लोगों के जख्मी होने के मामले सामने आए हैं, मगर स्टडी का कहना है कि फिजिकल ऐक्टिविटी होने से जीवनकाल में बढ़ोतरी हो सकती है.

अमेरिका की स्टैनफर्डी यूनिवर्सिटी और माइक्रोसॉफ्ट के रिसर्चर्स ने पाया है कि पोकेमॉन गो के प्लेयर्स हर रोज औसतन 1,473 कदम ज्यादा चले. यह आंकड़ा सामान्य से 25 फीसदी ज्यादा था. शोधकर्ताओं का कहना है कि 15 से 49 साल की उम्र के लोग अगर रोजना 1000 कदम एक्स्ट्रा चलें तो उनके जीवनकाल के 41.4 दिन बढ़ सकते हैं.

स्टडी के लिए 32,000 पोकेमॉन गो प्लेयर्स की ऐक्टिविटी को 3 महीनों तक जायरोस्कोप और ऐक्सलरोमीटर की मदद से ट्रैक किया गया है. टेलिग्राफ के मुताबिक रिसर्चर्स का कहना है कि इस गेम से फिजिकल ऐक्टिविटी बढ़ जाती है.

सीधे शब्दों में कहें तो जो लोग आमतौर पर ज्यादा ऐक्टिव नहीं रहते हैं, अगर वे पोकेमॉन गो गेम खेलते हैं तो उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है. शोधकर्ताओं ने कहा, 'पहले से ही ऐक्टिव और स्वस्थ लोगों के साथ-साथ कम ऐक्टिव या मोटापे के शिकार लोगों को भी इस गेम से फायदा पहुंचता है.'

स्टडी में यह भी पाया गया है कि अन्य हेल्थ ऐप्स के मुकाबले पोकेमॉन गो ज्यादा प्रभावी है. इस गेमिंग ऐप ने कम ऐक्टिव रहने वाले लोगों से हेल्थ ऐप्स की तुलना में ज्यादा ऐक्टिविटी करवाई.

103 सालों से नहीं टूटा है गेंदबाजी का यह वर्ल्ड रिकॉर्ड

क्रिकेट रिकॉर्डों का खेल है. कई रिकॉर्ड बने और समय के साथ-साथ टूटे भी. भविष्य में भी कई ऐसे रिकॉर्ड बनते टूटते नजर आएंगे, लेकिन कुछ ऐसे रिकॉर्ड कायम हुए हैं जो अभी-तक नहीं टूट पाए हैं न ही इसके आसपास कोई पहुंच पाया है.

आज एक ऐसे वर्ल्ड रिकॉर्ड की बात करते हैं जो 103 साल पहले बना था. और जिस गेंदबाज ने यह रिकॉर्ड बनाया आज वह इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनका रिकॉर्ड कायम है.

सबसे बड़ी बात यह है कि इस खिलाड़ी ने इस रिकॉर्ड को अपने आखिरी टेस्ट सीरीज में बनाया था जो अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है.

जिस गेंदबाज की हम बात कर रहे हैं वह है इंग्लैंड के सिडनी बर्न्स हैं. सिडनी बर्न्स ने अपना पहला मैच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला. उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला.

सिर्फ इतना ही नहीं वह अपने पहले मैच की पहली पारी में पांच विकेट लेने में कामयाब भी हुए. सिडनी बर्न्स ने घरेलू क्रिकेट में काफी शानदार प्रदर्शन किए थे. पांच सेशन में 100 से भी ज्यादा विकेट लेने में कामयाब हुए थे.

एक शानदार वर्ल्ड रिकॉर्ड जो आखिरी सीरीज में बना

सिडनी बर्न्स के जिस रिकॉर्ड की बात हो रही है वह एक सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है जो सिडनी बर्न्स ने अपने आखिरी टेस्ट सीरीज में बनाया था. इस टेस्ट सीरीज में बर्न्स ने चार मैच खेलते हुए 49 विकेट हासिल किए थे.

यह 49 विकेट लेने के लिए बर्न्स को 1356 गेंद गेंदबाजी करनी पड़ी थी. इस सीरीज में उन्होंने एक पारी में सात बार पांच या पांच से ज्यादा विकेट और एक मैच में तीन बार दस या दस से ज्यादा विकेट लिए थे.

1956 में इंग्लैंड के जिम लेकर इस रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब तो पहुंच गए थे लकिन तोड़ नहीं पाए थे. 1956 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एशेज सीरीज में लेकर ने पांच मैच खेलते हुए 46 विकेट लिए थे.

बर्न्स ने की अपना करियर का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन

अपना आखिरी टेस्ट सीरीज खेलने के लिए बर्न्स साउथ अफ्रीका पहुंचे. डरबन के लॉर्ड्स ग्राउंड पर खेले गए पहले टेस्ट मैच को इंग्लैंड ने एक पारी और 157 रन से जीत लिया था. साउथ अफ्रीका अपनी दोनों परियों में 200 से ज्यादा रन नहीं बना पाया था. जीत के हीरो सिडनी बर्न्स थे जो इंग्लैंड के दस विकेट लेने में कामयाब हुए थे.

एक पारी में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में रिकॉर्ड बनाया जोहानिसबर्ग में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में बर्न्स ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका के 17 विकेट लिये. पहली पारी में उन्हें आठ विकेट मिले थे और दूसरी पारी में 9 विकेट. इस तरह एक पारी में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया हांलाकि 1956 में इंग्लैंड के जिम लेकर ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह एक मैच में 19 विकेट लेने में कामयाब हुए.

एक मैच में 17 विकेट बर्न्स का टेस्ट करियर का सबसे शानदार प्रदर्शन है. बर्न्स की शानदार गेंदबाजी की वजह से इंग्लैंड ने इस मैच को एक पारी और 12 रन से जीत लिया था. तीसरे टेस्ट में बर्न्स आठ विकेट लेने में कामयाब हुए और चौथे टेस्ट में भी वह 14 विकेट लिए. यह दोनों टेस्ट मैच इंग्लैंड ने जीते थे. इस तरह बर्न्स एक सीरीज में 49 विकेट लेने में कामयाब हुए.

दस विकेट लेने के मामले बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

एक सीरीज में सबसे ज्यादा बार दस या दस से ज्यादा विकेट लेने के मामले सिडनी बर्न्स ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. 1912 में साउथ अफ्रीका तीन टेस्ट सीरीज खेलने के लिए इंग्लैंड का दौरा किया. इस सीरीज में बर्न्स ने यह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. तीनों मैचों में बर्न्स दस या दस से ज्यादा विकेट लेने में कामयाब हुए थे. इस सीरीज में बर्न्स ने 34 विकेट लिए थे. पहले टेस्ट में उन्होंने 11 विकेट लिए थे जबकि दूसरे टेस्ट में उन्हें 10 विकेट मिले थे. तीसरे टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 13 विकेट हासिल किए थे.

टेस्ट करियर में सबसे ज्यादा बार दस विकेट लेने के मामले में बर्न्स चैथे स्थान पर

सिर्फ 27 मैच खेलते हुए बर्न्स ने सात बार दस विकेट लेने का कारनामा किया था. बर्न्स का टेस्ट करियर भी काफी शानदार रहा. 27 टेस्ट मैच खेलते हुए उन्होंने 189 विकेट लिए हैं जिसमें 24 बार एक पारी में पांच या पांच से ज्यादा विकेट शामिल हैं.

आपके वाट्सएप चैट पर है सरकार की नजर

आने वाले दिनों में जीमेल, वॉट्सऐप, स्नैपचैट और यहां तक कि ऐमजॉन जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को यूजर्स की इन्फर्मेशन जमा करने रखनी पड़ सकती है. इस बारे में सरकार टेक्नॉलजी इंटरमीडियरीज के लिए नया नियम बनाने की तैयारी में है. हालांकि, इसका जोरदार विरोध हो सकता है.

सरकार अब इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी ऐक्ट के सेक्शन 6C के लिए नियमों का ड्राफ्ट बनाने की तैयारी में है. इस मकसद के लिए एक कमिटी बनाई गई है. हाल में बनी कमिटी के तीन सदस्यों के मुताबिक, नियमों में बताया जाएगा कि किस तरह का डेटा किस फॉरर्मैट में कितने समय के लिए रखा जाना है. नियम इसलिए तैयार किए जा रहे हैं, ताकि लॉ-एन्फोर्समेंट एजेंसियां जरूरत पड़ने पर सूचनाएं हासिल कर सकें.

सूचनाओं का साझा करने के मुद्दे पर विदेशी कंपनियों और भारत सरकार के बीच विवाद रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि वॉट्सऐप जैसी कंपनियों के लिए यह नियम लागू करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि वह एंड-टु-एंड एनक्रिप्शन का दावा करती है. स्नैपचैट को भी मुश्किल होगी. इसमें मेसेज कुछ सेकंड के भीतर ही गायब हो जाते हैं और ये कंपनी के सर्वर्स पर भी स्टोर नहीं होते.

डेटा स्टोरेज की कॉस्ट काफी ज्यादा होने और भारतीय नियमों से संचालित नहीं होने के कारण कंपनियां भी इसका विरोध कर सकती हैं. इस सिलसिले में बनाई गई कमिटी की अगुवाई इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड आईटी मिनिस्ट्री के अडिशनल सेक्रेटरी अजय कुमार कर रहे हैं. इसमें होम मिनिस्ट्री, टेलीकॉम डिपार्टमेंट, पर्सनल ऐंड ट्रेनिंग डिपार्टमेंट, नैस्कॉम, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसपीएआई) से भी एक-एक मेंबर हैं. साथ ही, साइबर लॉ के एक्सपर्ट वकील और इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड आईटी मिनिस्ट्री के कुछ अफसरों को इसमें रखा गया है.

कमिटी की पहली बैठक सितंबर के आखिरी हफ्ते में हुई. कमिटी के एक मेंबर ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, 'यह बेहद पेचीदा मसला है. मोबाइल ऐप्स और ओवर द टॉप सर्विस प्रोवाइडर्स की समझ की कमी से यह मसला और उलझ सकता है.' उनके मुताबिक, ज्यादातर टेक्नॉलजी कंपनियां अमेरिका बेस्ड हैं. सूचनाओं को साझा करने को लेकर उनका हमेशा सरकार से टकराव रहा है. उन्होंने कहा, 'बात अगर राष्ट्रीय सुरक्षा की भी हो, तो इनमें से कितनी कंपनियां भारतीय सुरक्षा तंत्र को लेकर जवाबदेह हैं? हमें यह भी पता है कि एपल ने किस तरह से अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई की एक फोन को अनलॉक करने की मांग ठुकरा दी थी.'

गूगल और फेसबुक ने इस मामले में टिप्पणी करने से मना कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के वकील और साइबर लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल का कहना था कि सेक्शन का ड्राफ्ट काफी व्यापक है. उन्होंने कहा, 'इससे काफी हद तक चीजों को संतुलित करने की बात है और यह देखना दिलचस्प होगा कि कमिटी क्या तय करती है.'

नौ-दो ग्यारह होंगे 10 डिजिट के फोन नंबर

अगर आपको मोबाइल फोन के 10 डिजिट के नंबर आसानी से याद नहीं होते तो आपकी मुश्किलें और बढ़ सकती है. जल्द ही मोबाइल फोन के नंबर 11 डिजिट के होने वाले हैं. टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने इसकी मंजूरी दे दी है. कंपनियों से बात करके इसे जल्द लागू कराया जा सकता है. हालांकि यह व्यवस्था नए नंबरों के लिए ही होगी. मौजूदा नंबर 10 डिजिट के ही रहेंगे.

कम पड़ रहे हैं नंबर

नए मोबाइल नंबरों की कमी दूर करने को 11 डिजिट के नंबर लाए जा रहे हैं. डिपार्टमेंट मोबाइल ऑपरेटरों को हर साल 10 डिजिट के नंबर की सीरीज देता है. यह व्यवस्था 2003 से लागू है. तब 10 डिजिट के नंबर की अधिकतम क्षमता 50 करोड़ आंकी गई थी. अनुमान था कि 2030 तक यह सीरीज चलेगी, पर 2010 में ही आंकड़ा बढ़ गया.

इस समय में देश में 1 अरब 34 लाख मोबाइल कंज्यूमर हैं. डिजिट बढ़ाने का प्रस्ताव 2010 में ही आया था, पर यूजर्स की ग्रोथ थमने से इसे लागू नहीं किया गया सका. सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में कंस्यूमर्स की ग्रोथ में ठहराव आया था, लेकिन एक कंपनी द्वारा भारी छूट की स्कीम लाने से नए ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

कंपनियां तलाशेंगी ऑप्शन 

मोबाइल ऑपरेटर कंपनियां डिजिट बढ़ाने से पहले दूसरे ऑप्शन पर गौर करना चाहती हैं. वह नंबरों का डुप्लीकेशन रोकने, मनमाने तरीके से सिम लेने पर सख्ती, निष्क्रिय नंबर सरेंडर कराने, मोबाइल पोर्टेबिलिटी नियम को सख्त बनाने जैसे विकल्पों पर भी विचार करने के पक्ष में हैं. सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेजिडेंट राजन मैथ्यूज ने कहा कि हम डिजिट बढ़ाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इससे पहले डिपार्टमेंट को हर विकल्प पर गौर करना चाहिए.

असफल निर्देशकों से अक्षय कुमार ने किया किनारा

असफलता किसी का पीछा नही छोड़ती. जी हां! एक तफ ‘‘दिलवाले’’ की असफलता का भूत अभी भी रोहित शेट्टी का साथ छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. ‘दिलवाले’ के बुरी तरह असफल होने और शाहरुख खान के साथ जमकर तूतूमैंमैं होने के बाद रोहित शेट्टी ने अपने आपको काफी बदला था. इस बदलाव के तहत ही रोहित शेट्टी ने अक्षय कुमार के साथ मिलकर छोटी फिल्मों का निर्माण करने का फैसला लिया था. उसी वक्त यह तय हुआ था कि एक कम बजट की फिल्म का निर्माण रोहित शेट्टी व अक्षय कुमार करेंगे. इस फिल्म के लिए रोहित की पूरी टीम आधी पारिश्रमिक राशि पर काम करने को तैयार हुई थी.

तय हुआ था कि इस फिल्म का निर्देशन रोहित शेट्टी की बजाय प्रियदर्शन करेंगे और अक्षय कुमार इसमें मुख्य भूमिका निभाएंगे. इस तरह रोहित शेट्टी व अक्षय कुमार की जुगलबंदी बनने के साथ ही अक्षय कुमार और प्रियदर्शन की जोड़ी की तीन वर्ष बाद वापसी होने वाली थी.

लेकिन ‘गोलमाल 4’ व दूसरी अन्य फिल्मों की ही तरह रोहित शेट्टी की यह फिल्म भी लटक गयी. सूत्रों के अनुसार अक्षय कुमार ने इस फिल्म के साथ जुड़ने से साफ मना कर दिया है. अक्षय कुमार के नजदीकी सूत्रों के अनुसार रोहित शेट्टी के बैनर तले बनने वाली फिल्म के लिए अक्षय कुमार के पास समय नहीं है. इसलिए अब अक्षय कुमार व प्रियदर्शन की जोड़ी की वापसी की कोई संभावना नहीं रही. अक्षय कुमार के नजदीकी सूत्रों का दावा है कि रोहित शेट्टी प्रोडक्शन के साथ अक्षय कुमार के जुड़ने की खबरें महज अफवाहें थी. अक्षय कुमार, रोहित शेट्टी के करियर को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे, इसलिए वह अब तक चुप थे. पर उन्होंने कभी भी रोहित शेट्टी के साथ हाथ नहीं मिलाया था.

अक्षय कुमार के नजदीकी सूत्रों की माने तो अक्षय कुमार ने फिल्म ‘‘जाली एलएलबी 2’’ की शूटिंग पूरी कर ली है. अब वह अपनी होम प्रोडक्शन फिल्म ‘‘नाम शबाना’’ की शूटिंग के लिए मलेशिया जाने की तैयारी कर रहे हैं. इस फिल्म की शूटिंग पूरी करने के बाद वह नीरज पांडे की फिल्म ‘‘क्रैक एंड टायलेट -एक प्रेम कथा’’ की शूटिंग करने वाले हैं. ऐसे में वह 2018 से पहले किसी अन्य फिल्म की शूटिंग के लिए समय नहीं दे सकते.

बौलीवुड में चर्चाएं गर्म है कि अब अक्षय कुमार सभी असफल निर्देशकों से किनारा करते जा रहे हैं. यह बात इससे साफ होती है कि सिर्फ रोहित शेट्टी ही नहीं बल्कि अक्षय कुमार ने अपने पसंदीदा निर्देशक ए मुरूगादास से भी किनारा कर लिया है.

पिछले दिनों ए मुरूगादास निर्देशित फिल्म ‘‘अकीरा’’ ने बाक्स आफिस पर पानी नहीं मांगा था. दक्षिण भारत में कई सफलतम फिल्में निर्देशित करने के अलावा हिंदी में ‘गजनी’ व ‘होलीडे..’ जैसी सफलतम फिल्में दे चुके फिल्मकार ए मुरूगादास के करियर में ‘अकीरा’ ने पहली बार असफलता की कील ठोंकी. यूं तो सभी ‘‘अकीरा’’ की असफलता के लिए सोनाक्षी सिन्हा को सबसे बड़ी कमजोर कड़ी मानते हैं, मगर अक्षय कुमार ने अब ए.मुरूगादास की फिल्म ‘‘इक्का’’ न करने का फैसला कर लिया है. अक्षय कुमार के नजदीकी सूत्रों का दावा है कि ए मुरूगादास के साथ अक्षय कुमार द्वारा फिल्म ‘‘इक्का’’ करने की खबर महज बेबुनियाद अफवाह थी.

ड्वेन ब्रावो को अकेला छोड़कर क्यों भागी श्रिया सरन

बुधवार को मुंबई के होटल में अभिनेत्री श्रिया सरन वेस्ट इंडीज के क्रिकेटर ड्वेन ब्रावो के साथ भोजन करने के लिए पहुंची थी, जब वह होटल से बाहर निकलने लगीं, तो होटल के प्रवेश द्वार पर कुछ फोटोग्राफरों को देखकर श्रिया सरन क्रिकेटर ब्रावो को अकेला छोड़कर भागते हुए अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गयी. उनकी इस हरकत ने कई सवाल खड़े कर दिए.

इन सवालों के पीछे वजहें भी हैं. बौलीवुड और क्रिकेट का गठजोड़ काफी पुरानी बात है. इसके अलावा फिल्म अभिनेत्रियों द्वारा क्रिकेटर को अपना पति चुनना भी कोई नई बात नहीं है. इसके अलावा श्रिया सरन और ड्वेन ब्रावो ने एक ही रंग के कपड़े पहन रखे थे और चौथी वजह श्रिया का वहां से भागना, जैसे कि कोइ चोर भाग रहा हो. अब श्रिया सरन ही कबूल कर सकती हैं कि आखिर असली माजरा क्या है?

बहरहाल, वेस्ट इंडीज के क्रिकेटर ड्वेन ब्रावो नृत्य के रियालिटी शो ‘झलक दिखला जा’ का हिस्सा रह चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने फिल्म ‘‘तुम बिन 2’’ में एक गाने में नेहा शर्मा के साथ नृत्य भी किया है. तो वहीं श्रिया सरन अभिनेत्री होने के साथ साथ सेलेब्रिटी क्रिकेट लीग की ब्रांड अम्बेसेडर भी हैं. इसके चलते दोनो का एक साथ भोजन करने किसी होटल में जाना कोई असंभव वाली बात नही है, मगर श्रिया सरन का भागना कई सवाल छोड़ गया….

जयललिता: सेहत और सहमति के मायने

तमिलनाडु के आम लोगों की दिलचस्पी सिर्फ एक बात में है – जयललिता की सेहत कैसी है? आम लोगों जैसी ही सोच काफी हद तक ओ. पनीरसेल्वम जैसे नेताओें की भी होगी – जिन्हें कभी साष्टांग दंडवत करते देखा गया, तो कभी भरी सभा में आंसू पोंछते हुए. ये बात अलग है कि फिलहाल पनीरसेल्वम के पास ही सीएम के सारे अधिकार मौजूद हैं. इससे पहले भी जब कभी वो पूरे मुख्यमंत्री रहे, तब भी वो अपने ही मंत्रालय के दफ्तर से कामकाज निबटाते रहे. जब तक जयललिता जेल से नहीं लौटीं, कुर्सी यूं ही इंतजार करती रही.

विपक्षी दल डीएमके को इस बात से तो कोई एतराज नहीं कि शासन की कमान पनीरसेल्वम के हाथों में क्यों दी गयी है, उनके विरोधी गुट को भले ही आपत्ति हो. डीएमके और साथ में पीएमके का सवाल सिर्फ इतना है कि क्या पनीरसेल्वम को अधिकृत करने के लिए गवर्नर को भेजे गये पत्र पर जयललिता ने हस्ताक्षर किये थे, या नहीं?

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती हुईं. जैसे ही हफ्ता भर बीता कि सेहत को लेकर सवाल उठने लगे. फिर मद्रास हाईकोर्ट को हिदायत देनी पड़ी कि राज्य सरकार सेहत पर स्थिति स्पष्ट करे ताकि लोगों का संदेह दूर हो. बाद में राजभवन की ओर से एक स्टेटमेंट जारी कर जानकारी दी गयी कि संविधान के अनुच्छेद 166 के क्लॉज 3 के तहत मुख्यमंत्री की सलाह के बाद जयललिता के सारे विभागों की जिम्मेदारी वित्त मंत्री पनीरसेल्वम को सौंपी जा रही है. इसके साथ ही पनीरसेल्वम के पास कुल 8 विभागों के कामकाज का जिम्मा हो गया. पनीरसेल्वम को मिले अधिकारों में कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता भी शुमार बतायी गयी.

नयी जिम्मेदारी मिलने के बाद पनीरसेल्वम का पहला दिन अस्पताल में वीआईपी मेहमानों से मिलते जुलते ही बीता. वो कैबिनेट की मीटिंग नहीं ले सके – क्योंकि अमित शाह और अरुण जेटली जैसे मेहमानों के आने से पूरे वक्त गहमागहमी बनी रही. बाकी कामकाज रोज की तरह अस्पताल से चलता रहा. पनीरसेल्वम की सेहत पर फर्क इतना ही पड़ा कि अब उन्हें प्रशासनिक कामकाज देख रहीं शीला बालकृष्णन की हिदायतें नहीं सुननी पड़ेंगी, सलाह की बात और हैं, क्योंकि वो तो सीएम की अधिकृत सलाहकार हैं.

ओ. पनीरसेल्वम को सब लोग OPS कह कर बुलाते हैं. एक करीबी के अनुसार उनका बस एक छोटा सा ख्वाब था – पेरियाकुलम म्युनिसिपल्टी का चेयरमैन बनने का जो 1996 में पूरा भी हो गया. बाद में जो भी तोहफे में मिला वो या तो खुदा की रहमत रही या फिर अम्मा की नेमत. 2001 और 2014 में सीएम की कुर्सी संभाल चुके ओपीएस को 2001 में विधानसभा का टिकट मिला, वो भी शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन की सिफारिश पर, क्योंकि 1999 के लोक सभा चुनाव में वो ओपीएस के ही घर पर ठहरे थे.

विधानसभा चुनाव से पहले ओपीएस के रिश्तेदारों के प्रभाव को लेकर सवाल उठे तो उन्हें भी उसकी कीमत चुकानी पड़ी. तब जयललिता ने उन्हें विधानसभा चुनाव अभियान समिति से भी बाहर रखा, लेकिन एक बार फिर वो अपनी पोजीशन हासिल कर चुके हैं.

जयललिता की सेहत को लेकर डॉक्टरों के हवाले से एआईएडीएमके ने बताया : ''जयललिता तेजी से स्वस्थ हो रही हैं और अखबार भी पढ़ने लगी हैं.'' प्रमुख विपक्षी दल डीएमके के प्रमुख एम. करुणानिधि ने पूछा, "सवाल ये उठता है कि अगर जयललिता ने एक हस्ताक्षरित सलाह जारी की है तो फिर नेताओं को अस्पताल में उनसे मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा है?"

एआईएडीएमके के प्रवक्ता सीआर सरस्वती का कहना है ''पनीरसेल्वम को उनके विभागों का कामकाज संबंधी संदेश जयललिता को भेजा गया था जिस पर उन्होंने 'सहमति' दी. संक्रमण के चलते हर कोई जयललिता के पास नहीं जा सकता. केवल डॉक्‍टर ही जा सकते हैं और इसी तरह उनको संदेश दिया गया. मुख्‍यमंत्री की सलाह के बिना, अन्‍नाडीएमके में कुछ नहीं होता.''

करुणानिधि ने इस मामले में संसद सत्र में विवादों में रहीं एआईएमके की राज्य सभा सांसद शशिकला पुष्पा के हवाले से कहा कि उन्होंने आशंका जताई थी कि कुछ लोग निजी फायदे के लिए जयललिता के फर्जी हस्ताक्षर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. शशिकला पुष्पा को एआईएडीएमके से निकाल दिया गया है.

करुणानिधि की तरह ही पीएमके प्रमुख, डॉ ए. रामदौस ने कहते हैं, “राज्यपाल को ऐसा नहीं होना चाहिए. असंबंधित लोग सरकारी मशीनरी को नियंत्रित कर रहे हैं. जयललिता रेस्पिइरेटरी सपोर्ट पर होने के कारण कोई इशारा या हस्ताक्षर नहीं कर सकतीं. सब काम संविधान के अनुसार करना चाहिए.” एआईएडीएमके के एक नेता के हवाले से कहा जा रहा है कि ये एक राजनीतिक फैसला है, ताकि विरोधी जयललिता की सेहत का मसला उठाते हुए तमिलनाडु में संवैधानिक संकट का सवाल न खड़ा कर सकें.

INDvsNZ: पहले वनडे से रैना बाहर

भारतीय वनडे टीम में वापसी कर रहे सुरेश रैना न्यूजीलैंड के खिलाफ धर्मशाला में होने वाले सीरीज का पहला वनडे मैच नहीं खेलेंगे. दरसल रैना अभी तक वायरल बुखार से पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं, जिसकी वजह से वो टीम के साथ धर्मशाला नहीं गए हैं.

वायरल बुखार से पीड़ित थे रैना

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव अजय शिर्के ने कहा, 'बीसीसीआई की मेडिकल टीम के मुताबिक सुरेश रैना अभी भी वायरल बुखार से उबर रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले पहले वनडे मैच के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया है. उनकी जगह किसी खिलाड़ी को शामिल नहीं किया जायेगा.'

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था पिछला वनडे

रैना ने भारत के लिए अपना पिछला वनडे मैच एक साल पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मुंबई में खेला था. उसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया, जिम्बाब्वे में हुई वनडे सीरीज और फ्लोरिडा में हुए टी20 मैचों के लिए टीम इंडिया में शामिल नहीं किया गया था.

रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की कप्तानी कर रहे रैना बुखार की वजह से पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश के खिलाफ बल्लेबाजी करने मैदान में नहीं उतर पाए थे.

भारत बनाम न्यूजीलैंड सीरीज

पहला वनडे: धर्मशाला (16 अक्टूबर)

दूसरा वनडे: दिल्ली (20 अक्टूबर)

तीसरा वनडे: मोहाली (23 अक्टूबर)

चौथा वनडे: रांची (26 अक्टूबर)

पांचवा वनडे: विशाखापत्तनम (29 अक्टूबर)

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