Download App

तो कंगना ने कर ली निर्देशक बनने की तैयारी

पिछली बार कंगना रानौट से मेरी मुलाकात हुई थी, उस वक्त वह अमरीका से फिल्म मेंकिंग और फिल्म पटकथा लेखन की पढ़ाई करके वापस लौटी थी. उस वक्त उन्होने हमसे साफ साफ कहा था कि वह बहुत जल्द फिल्म निर्देशित करना चाहती हैं.अब विशाल भारद्वाज निर्देशित फिल्म ‘‘रंगून’’ के सेट से जिस तरह की खबरें मिल रही हैं, उससे यह जाहिर होता है कि कंगना रानौट ने फिल्म निर्देशक बनने की अपनी सारी तैयारी पूरी कर ली है.
 
फिल्म‘‘रंगून’’से जुड़े सूत्र बताते है कि कंगना रानौट ने इस फिल्म के सेट पर फिल्म के लेखक व निर्देशक विशाल भारद्वाज के साथ मिलकर न सिर्फ फिल्म की पटकथा पर काम किया, बल्कि विशाल भारद्वाज की आज्ञा लेकर कुछ सीन कंगना ने ही निर्देशित किए हैं. सूत्र बताते हैं कि इस फिल्म के सेट पर विशाल भारद्वाज की भूमिका तो कंगना रानौट के मेंटर की रही है.
 
1940 की पृष्ठभूमि की कहानी वाली इस फिल्म में कंगना रानौट के अलावा शाहिद कपूर और सैफ अली की भी भूमिकाएं है .यह फिल्म फरवरी 2017 में प्रदर्षित होने वाली है. कंगना के अति नजदीकी सूत्रों पर यकीन किया जाए,तो कंगना रानौट,हंसल मेहता निर्देशित फिल्म ‘‘सिमरन’’ की शूटिंग पूरी करने के बाद एक लघु फिल्म निर्देशित कर सकती हैं. उसके बाद वह केतन मेेहता के निर्देशन में फिल्म ‘‘झांसी की रानी लक्ष्मीबाई’’ की शूटिंग करने वाली हैं. इस फिल्म की शूटिंग खत्म करने के बाद कंगना रानौट फीचर फिल्म निर्देशित करने की घोषणा कर सकती है…चलिए हमें उस दिन का इंतजार रहेगा..
 

‘डिअर जिंदगी’ में अली जफर की जगह अब होंगे ताहिर भसीन

उड़ी पर हुए आतंकवादी हमले के बाद हालात हर दिन बदलते जा रहे हैं. पाकिस्तानी कलाकारों के खिलाफ भी माहौल बनता जा रहा है. करण जोहर ने तो ‘आर्मी वेल्फेअर फंड’ में पाॅंच करोड़ देने की बात स्वीकार कर अपनी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को प्रदर्शित कर दिया, जिसमें पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान हैं. मगर बौलीवुड से जुड़े सूत्रों की माने तो ‘इंग्लिश विंग्लिश’ जैसी सफल फिल्म की निर्देशक गौरी शिंदे ने तो अपनी फिल्म ‘‘डिअर जिंदगी’’  से अली जफर को हटाकर उनकी जगह ताहिर भसीन को ले आयी हैं. ताहिर भसीन ने रानी मुखर्जी के साथ फिल्म ‘‘मर्दानी’’ में अभिनय कर अपनी पहचान बनायी थी. सूत्र दावा कर रहे हैं कि ताहिर भसीन के साथ फिल्म ‘‘डिअर जिंदगी’’ के कुछ सीन दिवाली के बाद सोमवार व मंगलवार को पुनः फिल्माए गए. सूत्र दावा कर रहे हैं कि आलिया भट्ट विदेश में थी, तो उन्हें वहां से वापस बुलाया गया. मंगलवार की सुबह मुम्बई पहुॅचते ही आलिया भट्ट ने ताहिर भसीन के साथ इस फिल्म के लिए एक गाने की शूटिंग की, जो कि पहले अली जफर के साथ फिल्माया गया था. इस गाने को अरिजीत सिंह की आवाज में रिकार्ड किया गया है.
 
‘‘डिअर जिंदगी’’ से अली जफर को हटाए जाने से अली जफर को काफी नुकसान हुआ है. इससे पहले अली जफर के भाई डानियल को ‘यशराज फिल्मस’ बाहर का रास्ता दिखा चुका है, जिसकी वजह से उसका बौलीवुड करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया. उधर करण जोहर ने भी अब अली जफर के भाई को लांच करने से इंकार कर दिया है. करण ने तो कह दिया है कि वह पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम ही नहीं करेंगे. फिल्म ‘‘डिअर जिंदगी’’ 25 नवंबर को प्रदर्शित होनी है. इस मसले पर गौरी शिंदे व ताहिर भसीन कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.
 

झारखंड-उत्तराखंड से भी पीछे हैं यूपी और बिहार

उत्तर प्रदेश में युवा विकास पुरुष के रूप में प्रोजेक्ट किये जा रहे अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार और बिहार में सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कुमार की सरकार विकास के तमाम दावे भले कर ले, पर विश्व बैंक की रिपोर्ट में बिहार और उत्तर प्रदेश झारखंड और उत्तराखंड से भी पीछे हैं. विश्व बैंक कारोबार में आसानी के लिहाज से एक रैकिंग सूची जारी करता है. यह सूची उन सुधारों को लेकर तैयार की जाती है, जिनसे प्रदेश में निजी निवेश के लिये रास्ता सरल बनाया जाता है. निवेश करने वाले बिजनेसमैन उन राज्यों में ही निवेश ज्यादा करते है जहां सहूलियतें मिलती है.

पिछले कुछ सालों से विश्वबैंक की रैंकिंग सूची में गुजरात पहले नम्बर पर होता था. अब गुजरात तीसरे नम्बर पर चला गया है. पहले और दूसरे नम्बर पर आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना का कब्जा हो गया है. बीमारू प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश और बिहार तो अपने से अलग हुये उत्तराखंड और झारखंड से भी पीछे चले गये हैं. उत्तराखंड ने आर्थिक सुधार के बेहतर कानून बना कर निजी निवेशकों का दिल जीतने का काम किया है. जिस वजह से वह पिछले साल के 23 वें स्थान से छलांग लगाकर 9वें स्थान पर कब्जा जमा बैठा है. केवल नये राज्य ही नहीं, पुराने राज्यों ने भी अपनी हालत मे सुधार किया है. हरियाणा इसका उदाहरण है. हरियाणा पिछले साल 14 वें स्थान पर था अब वह  नम्बर 6 पर आ गया है.

तेलंगाना ने सबसे तेजी से सुधार किया. एक साल पहले वह 13 वें नम्बर पर था वहां से वह सीधे पहले नम्बर पर आन्ध्र प्रदेश के मुकाबले खड़ा हो गया. उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में निजी निवेशको को मंत्रियों और असफरों के इतने चक्कर काटने पड़ते हैं कि लोग यहां पैसा लगाने से बचना चाहते हैं. यह सच है कि निजी निवेशक इन राज्यों में पैसा लगाने के लिये तैयार हैं पर यहां की व्यवस्था से वह पीछे हट जाते हैं. यही वजह है कि यह दोनों बड़े राज्य विश्वबैंक की रैकिंग सूची में नम्बर 10 तक कोई जगह बनाने में सफल नहीं हो पाये हैं.

निजी निवेशक वहां पर पैसा लगाता है, जहां उसकों अफसरों ओर नेताओं के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं. निजी निवेशक के लिये यह बहुत कठिन काम होता है. उत्तर प्रदेश और बिहार हर बिजनेसमैन को लुभाते हैं पर यहां के हालात अनुकूल न होने से वह यहां निवेश नहीं करता. तेलंगाना ने निवेशक को अनुमति देने के काम को एक समय सीमा में तय कर दिया है. जिसकी वजह से निवेशक को नेताओं और अफसरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते. इस वजह से ही वह निवेशकों की पहली पंसद बन गया है. झांरखड और उत्तराखंड ने भी ऐसे ही सुधार करके अपनी छवि सुधारी है. तमाम तरह की इनवेस्ट मीट करने के बाद भी उत्तर प्रदेश और बिहार ऐसे सुधार करने में पीछे रहे हैं, जिससे वह निवेशको के बीच अपनी साख नहीं बना पाये.

चुनावी यात्राओं में रथ का नाम, कार सा आराम

राजनीतिक दलों की चुनावी यात्राओं का नाम भले ही रथयात्रा हो, असल में वह आरामदायक कार की यात्रायें हैं. जिसमें सुविधा का हर साजोसामान मौजूद है. रथ यात्राओं के चुनावी उत्सव में नेताओं के आराम का ख्याल रखने का पूरा काम होता है. नेता के समर्थक भी रथयात्रा में पीछे चलने के लिये आरामदायक लग्जरी एसी कारों का प्रयोग कर रहे हैं. 5 साल सत्ता में रहकर सुविधाभोग चुके यह नेता शरीर से इतने कमजोर हो चुके हैं कि यह आरामदायक एसी कार के बिना चल ही नहीं सकते थे. रथ यात्राओं में जुटने वाली भीड़ सड़क पर जाम का कारण बनती है, जिससे जनता परेशान होती है. जबकि नेता एसी गाड़ियों में गरमी में भी ठंडी हवाओं का लुत्फ ले रहे होते हैं. कुछ समय पहले बसपा नेता मायावती की सभा में भीड, उमस और गरमी को शिकार होकर रैली में आने वालों की मौत हो गई थी. इसके बाद भी नेता सबक नहीं ले रहे, भीड़ जमा कर अपनी ताकत दिखाने से बाज नहीं आ रहे.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी विकास रथयात्रा की शुरुआत लखनऊ से उन्नाव तक सफर तय करके की है. इसके लिये 3 नवम्बर को लखनऊ से उन्नाव के मार्ग में पड़ने वाले सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया. लखनऊ में पूरे प्रदेश के अखिलेश समर्थक नेता अपनी अपनी गाड़ियों से जुट गये. जिससे लखनऊ से उन्नाव के बीच पूरे रास्ते पर भीषण जाम लग गया. इन रास्तों का प्रयोग करने से जनता बचने लगी. जिसको बहुत जरूरी काम हुआ वहीं घर से निकला. समाजवादी पार्टी में अखिलेश बनाम शिवपाल के खेल में एक दूसरे को ताकत दिखाने की होड़ के बीच जनता पिस रही है. 3 नवम्बर की रथ यात्रा के बाद 5 नवम्बर को समाजवादी पार्टी स्थापना दिवस के रजत जंयती समारोह का आयोजन है. अखिलेश बनाम शिवपाल की जोर आजमाइश में जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी का खेल जारी है.

रथयात्रा के लिये जिस लग्जरी बस को रथ का नाम दिया गया है असल में उसकी कीमत 5 करोड के करीब है. इसमें मुख्यमंत्री के भाषण के लिये हाइड्रोलिक लिफ्ट, वाईफाई, मुख्यमंत्री के लिये एक आरामदायक आफिस और आराम कक्ष को तैयार किया गया है. रथ के बाहर एलईडी स्क्रीन लगी है. जिस पर अखिलेश सरकार के किये गये विकास के कामों को दिखाया जा रहा है. बस के अंदर मुख्यमंत्री सफर के दौरान कुछ लोगों से आराम से बातचीत कर सकते हैं. बाहर की गरमी अंदर तक न पहुचे इसका विशेष ख्याल रखा गया है.

रथयात्राओं का दौर नया नहीं है. सरकार में रहने के दौरान बड़े नेताओं का जनता से सीधा संबंध नहीं रहता, चुनाव के समय नेता यह दिखाने का काम करते हैं कि वह वोट मांगने उनके पास चल कर आये हैं. रथयात्रा का उद्देश्य जनता की भावनाओं को प्रभावित कर वोट लेना होता है. रथयात्राओं के इतिहास को देखे तो यह बात पूरी तरह से समझ आ जाती है.

आन्ध्र प्रदेश में 1982 में एनटी रामाराव ने 75 हजार किलोमीटर लंबी रथयात्रा निकाली थी. उस समय शेरवने वैन को रथ में बदला गया था. एनटी रामाराव ने उसकी छत पर बैठ कर भाषण दिया. सफर के समय वह कार के अंदर हो जाते थे. तब टेक्नालाजी इतनी बेहतर नहीं थी. रथयात्रा के दम पर एनटीआर कांग्रेस को पीछे छोड़ सरकार बनाने में सफल रहे थे.

लोकदल बनाने वाले देवीलाल ने 1989 में हरियाणा में रथयात्रा निकाली, इसमें भी लग्जरी गाड़ियों क प्रयोग किया गया था, जिसमें किचन और आराम करने का स्थान भी बनाया गया था. आगे आगे 18 वीडियो वैन चल रही थी, जिसमें देवीलाल के भाषण सुनाये और दिखाये जा रहे थे. 1990 में 10 हजार किलोमीटर लंबी रथयात्रा करने का काम भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने किया था. सोमनाथ से अयोध्या के बीच की इस यात्रा ने भाजपा को शून्य से शिखर तक पहुंचा दिया था. इसमें टोयटा के मिनी ट्रक को रथ में बदला गया था. 2014 में नरेन्द्र मोदी ने नमो रथ निकाला, आत्याधुनिक रथयात्रा ने लोकसभा चुनावों पर असर डाला और पहली बार भाजपा बहुमत से सत्ता में आ गई. अब सत्ता में वापसी के लिये अखिलेश भी रथयात्रा का सहारा ले रहे हैं.                       

यह कैसी 21वीं सदी है

दुनिया आज फिर तनाव, युद्धों के बादलों, तेज होती सेनाओं, नए नए बारूदी केंद्रों को झेल रही है. उरी में आतंकवादियों के हमले के बाद भारतीय सेना का दावा कि उस ने पाकिस्तान की सीमा में चल रहे आतंकवादी कैंपों को नष्ट कर दिया है, एक बड़े खतरे की ओर इशारा करता है. सरकारें, सेनाएं लड़ती रहें, कम फर्क पड़ता है. फर्क पड़ता है तब जब लड़ाई का परिणाम आम घरों, परिवारों, बच्चों, औरतों, बूढ़ों को झेलना पड़ता है.

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारतपाक सीमा के निकट रह रहे लगभग 10 हजार गरीब किसानों और मजदूरों को अपने ठिकाने बदलने को कहा गया है. ये अब अपने देश में अपने ही लोगों के बनाए शरणार्थी हो गए हैं. इन की गिनती दुनिया भर के उन 20-25 करोड़ शरणार्थियों में तो नहीं हो रही है, जिन्हें युद्ध, गोलाबारी, भूख से बचने के लिए अपने खुशहाल घर छोड़ कर दूसरे देशों में कच्चेपक्के मकानों, टैंटों, सड़कों पर पनाह लेनी पड़ रही है पर उन की अपने ही देश में हालत बहुत अच्छी नहीं है.

शरणार्थियों के जत्थों में एक बात हर जगह सामान्य है और वह है औरतों की मुसीबत. जब सिर पर छत न हो, चूल्हा, गैस न हो, खाने का सामान न हो, ठंड में गरम कपड़े न हों, मैले कपड़े हों, तो इन सब समस्याओं को हल औरतों को ही करना पड़ता है. उन्हें न केवल अपनी इज्जत की रक्षा करनी होती है, बेटियों को भी लूटे जाने से बचाना होता है, रात का खाना भी तैयार करना होता है.

इन शरणार्थी शिविरों में जब भी सरकार का, किसी समाजसेवी संगठन का या फिर संयुक्त राष्ट्र संघ का राहत देने वाला ट्रक पहुंचता है तो मर्दों से ज्यादा औरतें भाग कर कुछ पाने के लिए भीड़ में कुचले जाने तक का जोखिम लेती हैं.

लड़ाइयां देशों के नेता करवाते हैं, धर्म प्रचारक करवाते हैं, भाषा या रंग भेद के नाम पर उकसाने वाले करवाते हैं पर असली शिकार न सेनाएं होती हैं, न सरकारें, न धर्म प्रचारक और न ही नीति निर्धारक: शिकार तो बस औरतें होती हैं.

हर रिफ्यूजी कैंप के टैंटों के सामने खाली बैठे मर्द और कमरतोड़ मेहनत करती औरतें देखी जा सकती हैं. सुबह उठ कर खाने का प्रबंध करने से ले कर शाम तक हर आतंक का निशाना औरतें ही होती हैं. इसलामिक स्टेट के कारण हजारों औरतों को अगवा कर के देहव्यापार में बेचा जा रहा है और उन की नंगी तसवीरें इंटरनैट पर डाल कर बोलियां लगवाई जा रही हैं. उन्हें न केवल अपने मातापिता, भाईबहनों, बच्चों से अलग करा जा रहा है, उन्हें सैक्स स्लेव बना कर हर रोज बीसियों को सहना भी पड़ रहा है, क्योंकि लड़ाकू मर्दों को पेट की भूख के साथ सैक्स की भूख भी होती है.

इलाका चाहे एशिया का हो, दक्षिणी यूरोप का हो, उत्तरी अफ्रीका का हो; केंद्रीय दक्षिणी अमेरिका का हो या फिर दक्षिणपूर्व एशिया का, बिना धर्म, रंग, कद, भाषा के भेद के औरतों को रिफ्यूजी होने की कीमत चुकानी पड़ रही है, मेहनत कर के या टांगें फैला कर. यह कैसी 21वीं सदी है? यह कैसी इंटरनैट क्रांति है? यह कैसा चांद और मंगल पर पहुंचने का दावा है? यह कैसा लोकतंत्र है? औरतें किसी भी देश, समाज, धर्म में सुरक्षित नहीं हैं. लानत है उन पर जो आधुनिक तकनीक का अंतिम निशाना औरतों को बना रहे हैं.

राजकुमार राव का सहारा

‘अजहर’जैसी असफल फिल्म का निर्देशन करने के बाद टाॅनी डिसूजा के सामने भी कई संकट खड़े हो गए हैं. अब उन्हे कोई भी निर्माता अपनी फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी नहीं देना चाहता. इसी के चलते अब टाॅनी डिसूजा निर्देशन छोड़कर निर्माण के क्षेत्र में उतर रहे हैं. सूत्रों की माने तो टाॅनी डिसूजा, अमूल विकास मोहन और नितिन उपाध्याय के साथ मिलकर एक हास्य फिल्म ‘‘बहन होगी तेरी’’ का निर्माण करने जा रहे हैं, जिसका निर्देशन पंजाबी फिल्मों के चर्चित  निर्देशक अजय के पन्नालाल करेंगें. सूत्रों केे अनुसार इस फिल्म में राज कुमार राव के साथ श्रुति हासन की जोड़ी होगी. सूत्र दावा कर रहे हैं कि दिसंबर 2016 और जनवरी 2017 के बीच इस फिल्म को लखनऊ में फिल्माया जाएगा.
 

 

अजहर बनें पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पाकिस्तान के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी अजहर महमूद को राष्ट्रीय टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया. महमूद को दो वर्ष के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया है. पाकिस्तान के लिए 21 टेस्ट और 141 वनडे खेल चुके महमूद 17 नवंबर से शुरू हो रहे न्यूजीलैंड दौरे से पदभार संभाल लेंगे. पाकिस्तान को न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेलने हैं. पहला मैच क्राइस्टचर्च में जबकि दूसरा मैच हैमिल्टन में खेला जाएगा.

सूत्रों के अनुसार, महमूद को पहली बार इसी वर्ष फरवरी में एशिया कप के दौरान मुश्ताक अहमद की गैरमौजूदगी में टीम का कार्यभार सौंपा गया और उसके बाद आईसीसी टी-20 विश्व कप के दौरान उन्होंने मुश्ताक अहमद के सहयोगी के रूप में काम किया. 21 टेस्ट करियर में महमूद के नाम 39 विकेट और 900 रन हैं. इसके अलावा 143 वनडे में महमूद ने 1521 रन बनाने के साथ 123 विकेट भी लिए हैं.

ख़बरों के मुताबिक पाकिस्तान टीम के मुख्य कोच मिकी आर्थर ने कई विदेशी पूर्व खिलाड़ियों के नाम गेंदबाजी कोच के लिए पीसीबी को दिया था लेकिन किसी से बात नहीं बनी. माना जा रहा कि पहले टीम के साथ काम करने का अनुभव होने की वजह से पीसीबी ने अजहर महमूद को दोबारा गेंदबाजी कोच की जिम्मेदारी देने का फैसला किया.

बोर्ड ने कहा, ‘‘अजहर महमूद को दो साल के लिए राष्ट्रीय टीम का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है जो एक नवंबर 2016 से प्रभावी होगा.’’ बोर्ड ब्रिटेन में रह रहे इस पूर्व क्रिकेटर के साथ पिछले दो महीने से बात कर रहा था और सूत्रों ने बताया कि अंतत: दोनों पक्ष प्रतिस्पर्धी वेतन पैकेज के लिए राजी हो गए हैं.

अजहर पहले भी पाकिस्तान क्रिकेट टीम के साथ कम समय के अनुबंध पर काम कर चुके हैं. वह इस साल अप्रैल में भारत में हुए विश्व टी20 ओर फिर इंग्लैंड में सीमित ओवरों की सीरीज के दौरान पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच थे. हालांकि इंग्लिश काउंटी क्लब सरे के साथ जुलाई, 2016 तक करारबद्ध होने के कारण वह इस दौरान राष्ट्रीय टीम के साथ सिर्फ छोटे-छोटे अंतराल के लिए जुड़े रहे.

कराची किंग्स फ्रेंचाइजी ने भी फरवरी 2017 में होने वाले पाकिस्तान सुपर लीग के दूसरे सत्र के लिए महमूद को कोच नियुक्त किया है.

बतौर कोच तो महमूद के पास खास अनुभव नहीं है, लेकिन भारत, इंग्लैंड, बांग्लादेश और न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज की धरती पर खेल चुके हरफनमौला खिलाड़ी के पास काफी अनुभव है, जिसका पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम लाभ उठा सकती है.

सिर्फ 20 रुपए में खुलवायें बचत खाता

बचत खाता खुलवाने के लिए सिर्फ बैंक ही एकमात्र विकल्प नहीं होता है, आप अपने नजदीक के पोस्ट ऑफिस में भी बचत खाता खुलवा सकते हैं. पोस्ट ऑफिस की तरफ से खोले जाने वाले बचत खाते में भी वो सारी सुविधाएं दी जाती हैं जो बैंक के बचत खाते में मिलती हैं.

आमतौर पर छोटे कस्बों और गांवों में बैंकिंग की बेहतर सुविधा उपलब्ध नहीं होती है, ऐसे में पोस्ट ऑफिस ही लोगों को बैंकिंग से जुड़ी तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाने का काम करते हैं.

पोस्ट ऑफिस में बचत खाता खुलवाने के लिए सिर्फ 20 रुपए की जरूरत होती है, हालांकि इसके इसके लिए आपको अपने खाते में न्यूनतम 50 रुपए की बैलेंस रखना जरूरी होता है. इसमें सालाना 4 फीसदी की दर से ब्याज (इंडिविजुअल या ज्वाइंट एकाउंट) दिया जाता है. साथ ही आने वाले दिनों में सरकार पोस्ट ऑफिस को बैंक का दर्जा देने का विचार कर रही है.

जानिए पोस्ट ऑफिस के बचत खाते से जुड़ी अहम बातें:

1. यह एकाउंट केवल नकदी (कैश) से ही खुलवाया जा सकता है.

2. नॉन चेक प्रावधान के तहत एकाउंट में न्यूनतम राशि 50 रुपए होना अनिवार्य है.

3. चेक फैसिलिटी तब मिलती है जब एकाउंट 500 रुपए की राशि से खुलवाया जाए. साथ ही इसके लिए जरूरी है कि एकाउंट में न्यूनतम राशि 500 रुपए हो.

4. मौजूदा एकाउंट में भी चेक की फैसिलिटी ली जा सकती है.

5. सालाना (वित्त वर्ष 2012-13 से) 10,000 रुपए की राशि पर मिलने वाला ब्याज कर मुक्त होता है.

6. एकाउंट में नॉमिनेशन का प्रावधान एकाउंट खुलवाते समय और खुलवाने के बाद भी मिलता है.

7. एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में एकाउंट ट्रांस्फर करवाया जा सकता है.

8. एक पोस्ट ऑफिस में एक ही एकाउंट खुलवाया जा सकता है.

9. माइनर के नाम पर भी एकाउंट खुलवाया जा सकता है. साथ ही 10 वर्ष या 10 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे अपना एकाउंट खोल व ऑपरेट कर सकते हैं.

10. ज्वाइंट एकाउंट की स्थिति में यह एकाउंट दो से तीन बालिग लोग खोल सकते हैं.

11. एकाउंट को एक्टिव रखने के लिए तीन वित्त वर्षों में न्यूनतम एक ट्रांजेक्शन या निकासी अनिवार्य है.

12. सिंगल एकाउंट को ज्वाइंट में और ज्वाइंट को सिंगल में तब्दील करवाया जा सकता है.

13. नाबालिग को बालिग होने के बाद एकाउंट को अपने नाम पर करवाने के लिए आवेदन करना होता है.

14. डिपॉजिट और निकासी किसी भी सीबीएस (सेंट्रल बैंकिंग सिस्टम) पोस्ट ऑफिस के इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किया जा सकता है.

15. इंटर पोस्ट ऑफिस ट्रांजेक्शन सीबीएस पोस्ट ऑफिस के बीच में हो सकता है.

16. सीबीएस पोस्ट ऑफिस के सेविंग्स एकाउंट होल्डर्स को एटीएम या डेबिट कार्ड बी दिए जा सकते हैं. इसके लिए कार्ड इश्यू होने के दिन निर्धारित न्यूनतम बैलेंस होना अनिवार्य है.

अब एटीएम से निकलेंगे सिर्फ 100 रुपए के नोट

आम आदमी की खुले पैसों की दिक्कत को खत्म करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बड़ी तैयारी की है. केंद्रीय बैंक एक ऐसी पायलट स्कीम पर काम कर रहा है, जिसके तहत देश भर में 10 फीसदी ATM से खास तौर पर सिर्फ 100 के नोट निकलेंगे.

RBI ने एक नोटीफिकेशन जारी करते हुए कहा, ‘केंद्रीय बैंक की अधिसूचना में कहा गया है, स्वच्छ नोट की नीति के तहत जनता की 100 रुपए के नोट की उचित जरूरत को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. बैंकों को अपने एटीएम में पर्याप्त संख्या में 100 रुपए के नोट डालना चाहिए.’

जल्द शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट

– बैंकों को इस दिशा में प्रोत्साहित करने को एक पायलट परियोजना शुरू करने का फैसला किया गया है.

– इसके तहत देश में 10 प्रतिशत एटीएम से विशिष्ट रूप से 100 के नोट निकाले जा सकेंगे.

10 फीसदी ATM में मिलेंगे सिर्फ 100 रुपए के नोट

– रिजर्व बैंक ने कहा कि ऐसे में बैंकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने 10 फीसदी एटीएम में यह व्यवस्था सुनिश्चित करें.

– रिजर्व बैंक ने हाल में बैंकों के उन कदमों की समीक्षा की जिसके तहत ऐसे एटीएम लगाए जाने हैं जो कम मूल्य का नोट दें.

पंड्या ने 10 महीने में तय किया टी20 से टेस्ट का सफर

इंग्लैंड के खिलाफ 9 नवंबर से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया है. केएल राहुल, शिखर धवन और रोहित शर्मा चोट के कारण टीम में जगह नहीं बना पाए हैं, जबकि भुवनेश्वर कुमार भी अभी चोट से नहीं उभरे हैं.

गौतम गंभीर की टीम में जगह बरकरार है और ईशांत शर्मा की टीम में वापसी हुई है. न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लंबे समय के बाद वापसी करने वाले गंभीर ने इंदौर में हुए आखिरी टेस्ट मैच में अर्धशतक लगाया.

टीम में हार्दिक पांड्या, करुण नायर और जयंत यादव को शामिल किया गया है. ये टीम पहले दो टेस्ट के लिए चुनी गई है.

टीम में हार्दिक पंड्या का चयन सरप्राइज फैक्टर था. आईपीएल में अपनी प्रतिभा चमकाने के बाद इस खिलाड़ी ने 10 महीने पहले जनवरी में टी20 क्रिकेट से इंटरनैशनल क्रिकेट में पदार्पण किया था.

इसके बाद हाल ही में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज के लिए हार्दिक चुने गए. इस सीरीज में हार्दिक का प्रदर्शन भी शानदार रहा और अपने डेब्यू मैच में तीन विकेट चटकाकर उन्होंने अपने वनडे करियर की यादगार शुरुआत की. भारत ने यह सीरीज 3-2 से अपने नाम की.

अपने इस प्रदर्शन से 22 वर्षीय पंड्या ने सिलेक्टर्स का दिल जीत लिया और चोटिल हुए रोहित शर्मा की जगह टेस्ट टीम के 15 खिलाड़ियों में अपनी जगह बना ली. 10 महीने के भीतर टीम इंडिया के तीनों ही फॉर्मेट में जगह बनाने वाले हार्दिक दुर्लभ उदाहरण हैं.

हालांकि टी20 क्रिकेट के जरिए ऑस्ट्रेलिया में अपना इंटरनैशनल करियर शुरू करने वाले पंड्या की शुरुआत कुछ खास नहीं रही थी. ऑस्ट्रेलिया में 3 विकेट लेने के बाद, उन्हें भारत में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए तीन टी20 मैचों में भी कोई विकेट नहीं मिला था.

लेकिन फरवरी में खेले गए एशिया कप में पंड्या ने अपनी छाप छोड़ी. इस सीरीज में उन्होंने 7 विकेट अपने नाम किए. पाकिस्तान के खिलाफ 8 रन देकर 3 विकेट लेकर उन्होंने धमाल ही मचा दिया.

इसके बाद टी20 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. इस टूर्नमेंट में पंड्या ने 5 मैचों में 5 विकेट लिए और बांग्लादेश के खिलाफ मैच की अंतिम बॉल पर धोनी ने जो यादगार रन आउट किया था, वह पंड्या की ही बॉल थी. इसके बाद पंड्या को लंबे ब्रेक के बाद अक्टूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे टीम में जगह मिली.

सीरीज के पहले ही वनडे में उन्हें टीम में जगह मिल गई. अपने पहले ही मैच में 3 विकेट लेने वाले पंड्या भारत के 14वें ऐसे बोलर बने, जिसने अपने डेब्यू मैच में 3 या इससे ज्यादा विकेट लिए हों. भारत के लिए अपने डेब्यू मैच में 3/31 का प्रदर्शन भारत की ओर से चौथा सबसे शानदार प्रदर्शन है.

इन 10 महीनों में हार्दिक पंड्या अब तक 16 इंटरनैशनल टी20 मैच खेल चुके हैं. आईपीएल में मुंबई इंडियन की ओर से खेलने वाले पंड्या बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं. अच्छी बैटिंग और बोलिंग के साथ-साथ वह अच्छी फील्डिंग के लिए भी जाने जाते हैं.

आईपीएल टूर्नमेंट में अपने कई एथलेटिक कैच की बदौलत भी वह खासा सुर्खियों में रहे थे. ऐसे में कहा जा सकता है कि इस युवा खिलाड़ी के करियर का यह शानदार पड़ाव है. अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि पंड्या टेस्ट मैच के प्लेइंग 11 में अपनी जगह बना पाते हैं या नहीं.

टेस्ट सीरीज का पूरा कार्यक्रम

इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में 9-13 नवंबर के बीच होने वाले टेस्ट से सीरीज का आगाज होगा और भारतीय टीम 5 नवंबर से राजकोट में अभ्यास शुरू करेगी. इसके बाद 17-12 नवंबर के बीच विशाखापट्टनम में दूसरा, 26-30 नवंबर के बीच मोहाली में तीसरा, 8-12 दिसंबर के बीच मुंबई में चौथा और 16-20 दिसंबर के बीच चेन्नई में पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच खेला जाना है.

इंग्लैंड से पिछली तीनों टेस्ट सीरीज हारा है भारत

आईसीसी टेस्ट टीम रैंकिंग में शीर्ष पर मौजूद भारतीय टीम के लिए यह श्रृंखला किसी परीक्षा के समान होगी, क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ पिछली तीन टेस्ट श्रृंखलाओं में भारत को हार मिली है.

टीम इस प्रकार है

विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, अजिंक्य रहाणे, ईशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, गौतम गंभीर, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, जयंत यादव, हार्दिक पंड्या, उमेश यादव, करुण नायर, अमित मिश्रा, रिद्धिमान साहा और चेतेश्वर पुजारा.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें