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सास की हिटलरशाही

राधिका की दादी तारा बाकी दादियों से एकदम अलग हैं. क्रूर, त्योरियां चढ़ी, हर वक्त नाक पर गुस्सा, बातबात पर चिल्लाना उन की आदत है. करीब 75 साल की तारा सरकारी स्कूल से रिटायर्ड प्रिंसिपल हैं. उम्र के इस पड़ाव में वे आज भी फिट हैं. सुबहशाम अकेले टहलने निकल जाती हैं. आमतौर पर तारा अकेले रहना ही पसंद करती हैं. बेटियां उन के साथ वक्त बिताना पसंद नहीं करती हैं. उन के बेटेबहू और पोतेपोतियां तो उन से ग्यारह इंच की दूरी पर रहते हैं. भरापूरा परिवार होने के बावजूद वे अकेली हैं. पति काफी समय पहले ही गुजर चुके हैं. खैर, उन के साथ भी तारा के कुछ खास अच्छे ताल्लुकात नहीं थे. इन सब के अलावा पड़ोसी भी उन से कम ही बतियाते हैं. पड़ोसी उन के घर के बाकी सदस्यों से बात करना पसंद करते हैं लेकिन तारा से बात करने में हर कोई असहज रहता है. ऐसा नहीं है कि तारा से इलाके के सारे लोग डरते हैं.

दरअसल, लोगों के इस रवैये के पीछे वजह है तारा का अजीबोगरीब रूखा स्वभाव. वे स्वभाव से बहुत चिड़चिड़ी हैं. बातबात पर उन्हें गुस्सा आ जाता है. गुस्से में वे क्या कह दें, वे खुद भी नहीं जानतीं. इसी आदत की वजह से उन्हें कोई पसंद नहीं करता. 

तारा तो महज एक उदाहरण हैं. ऐसे कई घर हैं जहां दादीनानी बन चुकी सास आज भी हिटलर बन कर बैठी हैं. स्वभाव में रूखापन लिए असंवेदनशील बातें करने वाली सास आप को काफी घरों में देखने को मिल जाएंगी.

सब कुछ छिन जाने का डर

बेटों की शादी के बाद काफी महिलाओं के स्वभाव में परिवर्तन आ जाता है. बहू के आने के बाद उन्हें अपनी सत्ता छिनती दिखती है जिस के चलते उन का बरताव अजीब सा हो जाता है. पलपल उन को डर सताने लगता है कि कहीं बहू घर में कब्जा न जमा ले? कहीं वह उन के बेटे को न बहका दे? कहीं बेटा हम से अलग न हो जाए? अगर बेटाबहू साथ खुश हैं तो ऐसे में उन्हें तनाव घेर लेता है कि आखिर वे खुश क्यों हैं? वे कहां जा रहे हैं? अगर वे अकेले कहीं बाहर जा रहे हैं तो सास को दौरे पड़ने शुरू हो जाते हैं. वे बातबात पर गुस्सा करने लगती हैं. बेटे को काबू में करने के लिए मर जाने और घर छोड़ जाने तक की धमकी दे डालती हैं जिस से घर में हर वक्त तनाव का माहौल बना रहता है और इसी वजह से पतिपत्नी के बीच आएदिन कलह होती है.

बेटियां भी काट लेती हैं कन्नी

बातबात पर टोकना किसी को पसंद नहीं होता, चाहे वह बेटी हो या फिर बहू. मां के सिरफिरेपन के चलते बेटियां भी मायके आना नहीं चाहतीं क्योंकि बेटियां भी मां की आदत से अच्छी तरह से अवगत होती हैं. ऐसी महिलाएं न सिर्फ अकेले रह जाती हैं, बल्कि बुढ़ापे में जब उन्हें सहारे की जरूरत पड़ती है तब वही बहुएं काम आती हैं, जिन को कभी उन्होंने ताने मारे थे और बहू के बेटे के साथ वक्त बिताने के नाम पर वे विचलित हो जाती थीं.

ऐसी महिलाओं की कोशिश रहती है कि वे सब से पहले पति और बेटे को काबू में करें. बेटे को पट्टी पढ़ाने की फिराक में रहती हैं जिस के चलते बेटा भी मां का अंधभक्त बन जाता है. इस सब के बीच बहू भी छटपटा उठती है. अगर बातबात पर झगड़े होने लगें तो बात बिगड़ते देर नहीं लगती. ऐसी सास न तो घर में कभी शांति रखती है और न ही बेटेबहू का घर चलने देती है. छोटीछोटी बातों का बतंगड़ बनाने, बेटेबहू के बीच झगड़ा करवाने और घर में अशांति पैदा करने में वह माहिर होती है. घर को शतरंज की बिसात पर चलाना ऐसी महिलाएं बखूबी जानती हैं.

क्या करें, जब सास हो ऐसी

हर किसी के हालात अलगअलग हैं और हालात के हिसाब से ही फैसले लिए जा सकते हैं. अगर घर का कोई बड़ा ऐसा है जो आप के रिश्ते को खराब करे या फिर बातबात पर ताना दे तो कोशिश करें कि मामले को प्यार से सुलझाएं. उन्हें समझाएं कि आप के इस व्यवहार के चलते घर के सदस्यों को परेशानी हो रही है. उन के रिश्तों पर आप के स्वभाव का असर पड़ा है. अगर बात समझ में आ जाए तो इस से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता. लेकिन फिर भी अगर सामने वाला लड़ रहा है या तनाव पैदा कर रहा है तो आप शांत रहें. आप न उलझें क्योंकि अगर आप उलझे तो उस का असर धीरेधीरे आप पर भी पड़ता हुआ दिखाई देने लगेगा. अगर बात आप के काबू से बाहर चली जाए तो अच्छा होगा ऐसे शख्स से दूरी बना ली जाए.

अकसर देखा गया है कि जिन बहुओं या बेटियों को अपशब्द कहे जाते हैं, बातबात पर अपमानित किया जाता है आखिरी पड़ाव में वही बेटे और बहुएं काम आते हैं. कोशिश करें सामने वाले के स्वभाव को बदलने की. यह जानने की कोशिश करें कि आखिर क्या वजह है उन की बेरुखी की. हर कोई एकजैसा हो, यह भी तो संभव नहीं न. बात को टालमटोल कर जानें कि क्यों इतना तनाव है उन के मस्तिष्क में. हो सके तो मनोचिकित्सक के पास ले जाएं.

कुछ मामलों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर मामलों में सिर्फ अकड़ ही सामने आती है. सामने वाला उम्र में बड़ा है, लिहाजा वह अपनी ही चलाना चाहता है, चाहे वह सही हो या फिर गलत. हर मामले में वह खुद को सही साबित करने की जुगत में लगा रहता है. अपनी खुशी और स्वार्थ के चलते उन्हें गलत भी अगर सही लगे तो उस काम को वह 100 फीसदी पूरा करता है. लेकिन अगर उस के किसी छोटे से काम से भी किसी को खुशी मिल जाए तो उस काम से वह दूरी बना लेता है. सो, हिटलरटाइप सासों को सोचना चाहिए कि भले ही आज वे अपने हिटलरशाही व्यवहार से खुश हैं, बहू और बाकी घर वालों को अपने हिसाब से चला लें लेकिन आगे चल कर उन का यह रवैया न केवल उन्हें सब से अलगथलग कर देगा बल्कि उन की छवि को भी खराब करेगा.

डिविलियर्स ने छोड़ी कप्तानी, फॉफ ने संभाली जिम्मेदारी

पिछले कुछ समय से कोहनी की चोट से जूझ रहे दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने तुरंत प्रभाव से दक्षिण अफ्रीकी टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है. डिविलियर्स ने उनकी अनुपस्थिति में कप्तानी का जिम्मा संभाल रहे फॉफ डु प्लेसिस को स्थायी रूप से कप्तान नियुक्त करने का समर्थन किया है. क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) ने भी डुप्लेसिस को कप्तान नियुक्त करने की पुष्टि कर दी है.

डिविलियर्स ने कहा, ‘व्यक्तिगत हितों से टीम हित हमेशा ऊपर रखे जाने चाहिए. मेरे लिए टेस्ट टीम की कप्तानी करना बड़ा सम्मान था लेकिन मैं दो सीरीज में नहीं खेल पाया और मेरा श्रीलंका के खिलाफ आगामी सीरीज में भी खेलना संदिग्ध है.’

उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया में टीम के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए यह टीम हित में है कि फॉफ डु प्लेसिस को स्थायी तौर पर कप्तान नियुक्त किये जाने की पुष्टि की जानी चाहिए.’

32 वर्षीय डिविलियर्स को इस साल जनवरी में हाशिम अमला के पद छोड़ने के बाद कप्तान बनाया गया था. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों में टीम की अगुवाई की लेकिन इसके बाद चोट के कारण वह न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नहीं खेल पाये. उनकी कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका ने एक टेस्ट जीता और एक में उसे हार मिली.

डिविलियर्स ने कहा, ‘मैं फॉफ को लगभग 20 वर्षों से जानता हूं जब हम एक ही स्कूल की टीम में खेला करते थे और उन्हें सभी का स्पष्ट समर्थन मिलेगा.’ इस बीच सीएसए की मेडिकल टीम ने डिविलियर्स को टी20 फ्रेंचाइजी प्रतियोगिता के फाइनल में नहीं खेलने की सलाह दी है.

दक्षिण अफ्रीकी टीम के मैनेजर मोहम्मद मूसाजी ने कहा, ‘एबी की बायीं कोहनी में अब काफी सुधार है लेकिन अभी वह पूरी तरह से फिट नहीं हैं. उन्हें ठीक होने में कम से कम तीन चार सप्ताह और लगेंगे.’

इसका मतलब है कि डिविलियर्स श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भी नहीं खेल पाएंगे. इस बीच डुप्लेसिस की गेंद से छेड़छाड़ के लिये दी गयी सजा के खिलाफ अपील पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद 19 दिसंबर को सुनवाई करेगी.

आईसीसी पैनल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट में दूसरे टेस्ट मैच की फुटेज के आधार पर डुप्लेसिस को गेंद से छेड़छाड़ करने का दोषी पाया था. उस समय उनके मुंह में मिंट थी और उन्हें गेंद पर अपनी लार लगाते हुए देखा गया था.

महज एक फीसदी लोगों के पास जमा है देश का 60 फीसदी धन

भारतीय अर्थव्यवस्था को ले कर इन दिनों तरहतरह के अध्ययन किए जा रहे हैं. विश्व की बड़ी रेटिंग एजेंसियां तथा आर्थिक सर्वेक्षण कराने वाली संस्थाएं यह अनुमान लगाना चाहती हैं कि भारत में नोटबंदी का असर अर्थव्यवस्था पर किस तरह से होगा. उसी क्रम में वैश्विक स्तर पर संपत्ति संबंधी सर्वेक्षण कराने वाली ज्यूरिख की वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी क्रैडिट सुइस गु्रप एजी ने हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण में कहा है कि भारत में एक प्रतिशत धनी लोगों के पास देश की 58.4 फीसदी संपत्ति है.

इस संस्था ने कहा है कि भारत में एक फीसदी धनाढ्य लोगों के पास 2014 को 49 प्रतिशत की तुलना में उन की संपत्ति इस बार 58.1 प्रतिशत पहुंच गई है. मतलब कि शेष भारतीयों के पास 41.6 प्रतिशत संपत्ति है. बड़ी आबादी को इस पर ही गुजारा करना है जबकि महज एक फीसदी आबादी के पास देश की 99 फीसदी आबादी से भी ज्यादा संपत्ति है. 2001 की तुलना में 2016 में इस आबादी की हिस्सेदारी अत्यधिक बढ़ी है. मतलब कि 16 साल पहले उन की धन संपत्ति की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत के आसपास थी लेकिन आज इस में 20प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

दुनिया के अन्य देशों में भी गरीब तथा अमीर हैं लेकिन जो खाई भारत के गरीबों तथा अमीरों के बीच है वह शायद किसी अन्य विकासशील देश में देखने को नहीं मिलती है. इस का प्रमाण यह सर्वेक्षण है. इस से स्पष्ट है कि देश की एक फीसदी आबादी किस तरह से 99 प्रतिशत लोगों पर भारी पड़ रही है. देश में असंख्य लोग हैं, जो रात को भूखे ही सोते हैं और रातें खुले आसमान के नीचे बिताते हैं. उन की स्थिति में सुधार का प्रयास नहीं हो रहा है, जबकि अमीर लगातार देश की संपत्ति को हर रहा है.                       

 

मैं 17 साल की लड़की हूं. एक लड़के से प्यार करती हूं. मैं उस के परिवार को कैसे मनाऊं.

सवाल

मैं 17 साल की लड़की हूं. एक लड़के से 4 सालों से प्यार कर रही हूं. कुछ दिनों पहले लड़के के घर वालों को हमारे रिश्ते के बारे में पता चल गया. उन्होंने लड़के को बहुत डांटाफटकारा है. उन का कहना है कि उन के घर में आज तक किसी की लव मैरिज नहीं हुई. शादी ब्याह घर के बड़े तय करते हैं और फिर हम दोनों की जाति भी अलग अलग है. इसलिए शादी का तो सवाल ही नहीं उठता. लड़के के पिता ने उस से कहा है कि यदि उस ने मुझ से बात की तो वे उसे घर से निकाल देंगे या कहीं दूर किसी रिश्तेदार के पास भेज देंगे. लड़का अब मुझ से बात नहीं कर रहा. मैं उसे और उस के परिवार को कैसे मनाऊं?

जवाब

आप बहुत छोटी हैं और 12-13 वर्ष की उम्र जब से आप कहती हैं कि आप का प्रेम संबंध चल रहा है बच्चे प्यार शब्द के माने भी नहीं जानते. आप जिसे प्यार समझ रही हैं वह महज यौनाकर्षण है, जो किशोरावस्था में विपरीत सैक्स में होता है. अत: अपनी पढ़ाई या कैरियर पर ध्यान दें और इस संबंध को यहीं विराम दें. घर वालों को नाराज कर के अपने और लड़के के लिए समस्याएं पैदा न करें.

 

अगर आप भी इस समस्या पर अपने सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें और अपनी राय हमारे पाठकों तक पहुंचाएं.

मैंने कई बार सैक्स किया है, जिस से यौनांग ढीला हो गया है. इसे टाइट करने का घरेलू उपचार बताएं.

सवाल

मैं 21 वर्षीय युवती हूं. 2 महीनों के बाद मेरी शादी है. मैं अपनी एक बहुत बड़ी समस्या की वजह से बेहद परेशान हूं. शादी के लिए कोई उत्साह नहीं है. शादी के लिए इनकार नहीं कर सकती, क्योंकि घर वालों को दुखी नहीं करना चाहती. दरअसल, मैं ने अपने बौयफ्रैंड के साथ कई बार सैक्स किया है, जिस से मेरा यौनांग ढीला हो गया है. कोई घरेलू उपचार बताएं जिस से इसे कुछ टाइट किया जा सके?

जवाब

आप की जल्दी शादी होने वाली है, इसलिए अतीत की बातों को अपने मन से निकाल दें. आप के यौनांग में कोई विकार नहीं हुआ है, इसलिए किसी प्रकार का पूर्वाग्रह न पालें. आप ने कभी किसी से संबंध बनाए थे, इस बात का जिक्र किसी से न करें. यह समय व्यर्थ की बातें सोच कर परेशान होने का नहीं है वरन सुखद भविष्य की कल्पना करने का है.

 

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जब हटाना हो ट्रूकॉलर से नंबर

ट्रूकॉलर ऐप सबके फोन में होता है. पर अगर आप अपने नंबर को सिकरेट रखना चाहते हैं तो यह ट्रिक अपनाकर आप ट्रूकॉलर से अपना मोबाइल नंबर को हटा सकते हैं. सबसे पहले आपको अपना ट्रूकॉलर अकाउंट बंद करना होगा.

ऐसे डिएक्टीवेट करें आपना ट्रूकॉलर अकाउंट

आईफोन यूजर्स

ऐप खोलें–> टॉप में राइट तरफ बने गियर आइकन पर टैप करें–> अबाउट ट्रूकॉलर–> नीचे जाएं–> फिर ट्रूकॉलर को डीएक्टिवेट करें.

एंड्रॉयड यूजर्स

ऐप खोलें–>टॉप में लेफ्ट किनारे पर People आइकन पर टैप करें–> सेटिंग्स–> अबाउट–> डीएक्टिवेट अकाउंट.

विंडोज फोन यूजर्स

ऐप खोलें–> निचले हिस्से में राइट साइड आइकन को टैप करें–>सेटिंग्स–>हेल्प–> अकाउंट डीएक्टिवेट करें.

ट्रूकॉलर से ऐसे हटांए अपना नंबर

– ट्रूकॉलर के अनलिस्ट पेज पर जाएं.

– देश कोड के साथ अपना नंबर डालें.

– अनलिस्ट करने के लिए विकल्प चुनकर कारण बताएं. अगर आप चाहते हैं तो अन्य फॉर्म में कोई और वजह भी बता सकते हैं.

– ट्रूकॉलर वेरफिकेशन के लिए कैप्चा जनरेट करेगा उसे डालें.

– अनलिस्ट पर क्लिक करें.

ट्रूकॉलर अनलिस्ट रिक्वेस्ट मिलने के 24 घंटे के अंदर आपके नंबर को हटा दिया जाएगा.

रोनाल्डो ने जीता बैलन डी’ओर का खिताब

पुर्तगाल फुटबॉल टीम और रियल मैड्रिड एफसी के कप्तान क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने एक बार फिर बैलन डी’ओर खिताब अपने नाम किया है. यह उनका चौथा बैलन डी’ओर खिताब है.

फ्रांस फुटबॉल के आयोजकों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि रियल मैड्रिड के खिलाड़ी के लिए यह साल काफी जबरदस्त रहा. 31 वर्षीय पुर्तगाली खिलाड़ी ने हालिया महीनों में रियल मैड्रिड के साथ चैम्पियंस लीग और पुर्तगाल के साथ यूरोपीयन चैंपियनशिप जीती.

रोनाल्डो ने इसे जीतने के लिए अर्जेंटीनी फुटबॉलर और बार्सिलोना के लिए खेलने वाले लियोनल मेस्सी को पिछाड़ा. मेस्सी पांच बार ये खिताब जीत चुके हैं जबकि रोनाल्डो का यह चौथा खिताब है. रोनाल्डो 2008, 2013, 2014 और 2016 में बैलन डी’ओर जीत चुके हैं जबकि मेस्सी 2009, 2010, 2011, 2012 और 2015 में इस खिताब को अपने नाम कर चुके हैं.

रोनाल्डो ने इसे जीतने के बाद कहा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं बैलन डी’ओर खिताब चार बार जीतूंगा. मुझे बहुत गर्व और खुशी महसूस हो रही है.' 2008 से लेकर इस साल तक मेस्सी और रोनाल्डो ने ही ये खिताब जीता है.

बिना डाउनलोड किए फ्री में देखें फिल्म

फिल्म देखना किसे पसंद नहीं होता है, लेकिन कम ही लोगों को ऑनलाइन मूवीज देखने की साइट्स के बारे में पता होता है, जहां लेटेस्ट और अच्छे प्रिंट वाली फिल्में देखी जा सकें. अगर आपको भी फिल्में देखना पसंद है तो हम आपको एक ऐसी ट्रिक बता रहे हैं जिसकी मदद से आप बिना डाउनलोड किए फिल्म देखने का मजा ले सकते हैं.

ऐसे देखें बिना डाउनलोड किए फिल्म

बिना डाउनलोड किए फिल्म देखने के लिए रॉक्स प्लेयर (ROXPlayer) सबसे पावरफुल सॉफ्टवेयर है. सबसे पहले इस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड कर अपने सिस्टम में इन्स्टॉल कर लें. पहली बार ROXPlayer ओपन करने पर आपको वीएलसी (VLC) मीडिया प्लेयर जैसा इंटरफेस दिखाई देगा.

स्टेप 1

सबसे पहले इस सॉफ्टवेयर को डाउनलोड कर अपने सिस्टम में इन्स्टॉल कर लें.

स्टेप 2

अब फाइल मेन्यू में जाकर ओपन टॉरेंट (open torrent) ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद टॉरेंट मैग्नेट लिंक (torrent magnet link) ऑप्शन पर क्लिक करें.

स्टेप 3

टॉरेंट मैग्नेट लिंक पर क्लिक करते ही डायलॉग बॉक्स खुलेगा. उस पर जा कर पेस्ट द इंक टू द मैग्नेट यूआरएल (paste to the magnet URL) पर क्लिक करें.

स्टेप 4

मैगंनेटिक यूआरएल कई टॉरेंट साइट्स से मिल जाएगा. आप जैसे ही डाउनलोड टॉरेंट के लिंक पर जाएंगे उसके पास में मैग्नेट का साइन बना हुआ आएगा.

स्टेप 5

मैग्नेटिक लिंक का यूआरएल आपको रॉकप्लेयर (rox player) में पेस्ट करना होगा. इसके बाद आपकी टॉरेंट फाइल खुलने लगेगी.

स्टेप 6

कुछ सेकंड में आपको अन्य टॉरेंट फाइल्स भी दिखेंगी. यहां मेन मूवी पर जाकर डबल क्लिक करें. 3-4 मिनट में मूवी बफर हो जाएगी, जिसे बिना डाउनलोड किए देख सकते हैं.

स्टेप 7

मूवी की बफरिंग इंटरनेट की स्पीड पर डिपेंड होती है. ऐसे में इंटरनेट जितना फास्ट होगा उतनी जल्दी मूवी ओपन होगी.

चुनिए अपने फेसबुक अकाउंट का वारिस

अपनी पैतृक संपत्ति की तरह ही आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट भी किसी के नाम करके जा सकते हैं. कई सोशल मीडिया साइट्स अपने यूजर्स को उनका उत्तराधिकारी चुनने का विकल्प देती हैं. आपके वारिस आपकी लिगेसी को जारी रखते हुए आपके अकाउंट को चला सकते हैं या फिर उसमें मौजूद जरूरी डेटा हासिल कर सकते हैं.

अब फेसबुक, जीमेल और यू-ट्यूब अकाउंट की भी वसीयत तैयार की जा सकती है. फेसबुक के लॉन्च होने के 8 साल के भीतर उसके बहुत से यूजर गुजर गए. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठा कि उनके न रहने पर अकाउंट का क्या होगा. फेसबुक ने इसी के मद्देनजर साल 2012 के आसपास उपभोक्ताओं को मौत के बाद अकाउंट डिलीट करने या फिर उसका उत्तराधिकारी तय करने का विकल्प दिया.

फेसबुक अकाउंट की ‘सेटिंग’ में जाएं. यहां ‘सिक्योरिटी’ पर क्लिक करने पर नीचे की तरफ ‘लिगेसी कॉन्टेक्ट’ का विकल्प मिलेगा. उस पर क्लिक कर अकाउंट के उत्तराधिकारी का नाम दे सकते हैं. ‘लिगेसी कॉन्टैक्ट’ के नीचे ‘अकाउंट डिलीशन’ का विकल्प भी दिया गया है. यूजर इस पर क्लिक करके मौत के बाद अकाउंट डिलीट करने का फैसला भी ले सकते हैं.

ब्रिटिश रॉक बैंड के साथ काम करेंगे करण सिंह ग्रोवर

​करण सिंह ग्रोवर प्रतिभाशाली अभिनेता होने के साथ ही ​सिंगिंग के भी दीवाने हैं, वे अक्सर अपने फिल्म के सेट पर गुनगुनाया करते हैं, पर अब वे अपनी सिंगिंग को नई उड़ान देना चाहते हैं.

यह प्रतिभाशाली अभिनेता जल्द ही इंटरनेशनल म्यूजिक बैंड के साथ अपने सुर मिलाते हुए नजर आएंगे. अगर सूत्रों की माने तो यह अभिनेता प्रोफेशनली ट्रेनिंग करने का प्लान कर रहे हैं, ताकि वे  ब्रिटिश म्यूजिक बैंड, डायनासौर पिल अप के साथ काम कर सकें.

करण कहते हैं "​मुझे लगता है यह एक अच्छा अवसर है. यह एक दिलचस्प अनुभव होगा और  संगीत के क्षेत्र में अच्छा कर सकता हूं. अभी कुछ भी खुलासा करने के लिए बहुत जल्दी होगी. मुझे रॉक संगीत पसंद है और मेरे पसंदीदा शैलियों में से एक है. इस रॉक बैंड उनके रॉक नंबर्स के लिए पहचाना जाता है और मेरा विचार है कि शैली में कुछ करूं.’’ 

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