शॉर्ट फिल्म की ओर दर्शकों के क्रेज को देखते हुए एक बार फिर से बड़े कलाकार समानान्तर फिल्मों की ओर रुख कर रहे है. ‘इंटीरियर कैफ़े’ इसी कड़ी की अगली फिल्म है, जिसे यंग डायरेक्टर अधिराज बोस ने निर्देशित किया है. फिल्म में रिश्तों की अहमियत को बताने की कोशिश की गई है. इसमें लिजेंड्री एक्टर नसीरुद्दीन शाह और शेरनाज पटेल ने मुख्य भूमिका निभाई है.

इस अवसर पर नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि इस तरह की फिल्मों में नए और टैलेंटेड डायरेक्टर, एक्टर को काम करने का अवसर मिल रहा है. ऐसी फिल्में जितनी अधिक बने, उतनी अच्छी हैं और अगर यंग बनाये, तो और भी अच्छी हैं. इस फिल्म में मैंने सिर्फ एक बात को ‘हेट’ किया है, वह है दो रात की शूटिंग. लेकिन इसकी स्क्रिप्ट इतनी अच्छी थी कि मैंने नए डायरेक्टर के साथ काम करना और शेरनाज पटेल जैसी मजी हुई थिएटर कलाकार के साथ अभिनय करना अच्छा लगा. मैंने इस फिल्म में अपने जैसे कलाकार को जिया है.

इस चरित्र को निभाने में चुनौती क्या थी? पूछे जाने पर नसीरुद्दीन का कहना था कि अगर कोई भी चरित्र अच्छी तरह लिखा जाता है तो एक्टर का काम आधा कम हो जाता है. मैंने जो भी पहले फिल्में की है फिर वह चाहे ‘मासूम’ हो या ‘मानसून वेडिंग’ उनके स्क्रिप्ट इतने अच्छे थे कि 90 प्रतिशत काम कम हो जाता था. चुनौती तब आती है जब आपके पास ठीक से लिखी हुई स्क्रिप्ट न हो. आपको समझ नहीं आती कि कहाँ से शुरू करें. ऐसे में लेखक और निर्देशक की जिम्मेदारी अधिक होती है कि वह किसी दृश्य को कैसे देखता है, कैसे लिखता है. मसाला मूवी भी असफल हो जाती है अगर कहानी ठीक न हो, ऐसे में चुनौती यही होती है कि मैं उस कहानी को चुनूँ जो मेरे अभिनय को आसान बनाये.

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