सासबहू की नोकझोंक के किस्से तो आम हैं. यह रिश्ता ऐसा है जिस में घर घर में महाभारत जारी है. सासबहू के बीच वर्चस्व की लड़ाई में बेटे और ससुर की बुरी गत बनती है. ये दोनों प्राणी निरीह गेहूं के दानों जैसे 2 पाटों के बीच पिसते रहते हैं. बेटा अगर मां का पक्ष लेता है तो बीवी नाराज और बीवी का पक्ष ले तो मां नाराज. ससुर भी पत्नी के डर से बहू के अच्छे कामों की तारीफ नहीं कर पाता. अधिकांश ससुर घर में बहू आने के बाद ज़्यादा समय ख़ामोशी ओढ़ कर बाहरी कमरे में अपना ठिकाना बना लेते हैं. भारतीय घरों में जहां बेटा अपनी पत्नी और माँ बाप के साथ एक ही घर में रहता है वहाँ यही स्थिति नजर आती है. मगर हेमंत के घर की स्थिति इस के विपरीत है.

हेमंत की शादी जब निकिता से हुई और निकिता मायके से विदा होकर अपनी ससुराल पहुंची तो कुछ ही दिनों में उसने अपने ससुर को अपना फैन बना लिया. दरअसल निकिता ब्यूटीशियन थी. एक दिन उसने ससुर के पैर छूते वक्त उनके पैरों की फटी बिवाइयों और काले धब्बों को देखा और पूछ बैठी कि- पापा आप पेडीक्योर नहीं करवाते क्या?

पेडीक्योर उस के ससुर ने आश्चर्य से यह शब्द दोहराया. निकिता ने कहा- पापा पेडीक्योर करवाते रहने से एड़ियों में बिवाइयां नहीं पड़तीं हैं. एड़ियां साफ़ और मुलायम रहती हैं. आप को तो चलने में बड़ा दर्द होता होगा? आपकी एड़ियां तो कितनी ज्यादा फटी हुई हैं और इनमें कितना मैल जम गया है.

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