आज के समय में हर उम्र के लोगों के हाथ में स्मार्टफोन है. वे जब चाहें कुछ भी सर्च कर सकते हैं. आजकल इंटरनैट पर सबकुछ उपलब्ध है और ऐसे में बङों की तो छोङिए, छोटे बच्चे भी वे सब देखने लग जाते हैं जो उन को नहीं देखना चाहिए.

बढ़ती उम्र के बच्चों में कई सारे हारमोनल बदलाव होते हैं। ऐसे में वे इंटरनैट पर पौर्न वीडियोज सर्च कर देखने लगते हैं. न सिर्फ पौर्न वीडियोज बल्कि पौर्न वीडियोज देख कर मास्टरबेट यानि हस्तमैथुन भी करने लगते हैं। इस से उन का किसी और चीज में मन नहीं लगता.

आने लगते हैं गलत विचार

जिस उम्र में बच्चों को सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए उस उम्र में बच्चे खुद को अकेला पा कर पौर्न वीडियोज देखने लग जाते हैं. यों मास्टरबेट करना कोई गलत बात नहीं है बल्कि कई मामलों में इस कार्य को हैल्दी भी माना गया है पर जब कोई चीज हद से ज्यादा हो जाए तो नुकसानदायक भी साबित हो सकती है.

अधिक मास्टरबेट करने से बच्चों के मन में बहुत जल्दी गलत विचार आने लगते हैं और फिर वे लड़कियों को देख उन के साथ वही सब करने का सोचने लगते हैं जो उन्होंने पौर्न वीडियोज में देखा होता है.

बच्चों के दें सैक्स ऐजुकेशन

पेरैंट्स को इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए कि उन का बच्चा अपने फोन में क्या क्या चीजें सर्च करता है या किस तरह की चीजें देखता है. भारतीय पेरैंट्स अपने बच्चों से खुल कर बात नहीं कर पाते जोकि काफी गलत है. उन्हें शुरुआत से ही बच्चों को सही और गलत के बारे में बताना चाहिए और खासतौर पर जब बच्चे अपनी टीनऐज में आ जाएं तब उन्हें सैक्स संबंधित जानकारी भी देनी चाहिए।

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