एक बार अकबर ने बीरबल से पूछा कि दुनिया में सबसे प्यारी चीज क्या है? तो बीरबल ने जवाब दिया कि दुनिया में सबसे प्यारी चीज है, नींद. अगर नींद ठीक से न मिले तो दुनिया की किसी चीज में कोई रस नहीं आता. वास्तव में नींद केवल प्यारी ही नहीं है, बल्कि जीवन के लिए अति आवश्यक चीज भी है. लेकिन यह प्यारी चीज सबके हाथ लगती कहां है? किसी को पत्थर पर सोने से ही आ जाती है, तो कोई मखमली बिस्तर पर भी पूरी रात करवटें बदलता रहता है. दुनिया में सैकड़ों ऐसे लोग हैं, जो नींद के लिए तरसते हैं. नींद न आने की शिकायत लेकर डौक्टरों के वहां चक्कर काटते हैं. अनिद्रा सिर्फ रात आंखों में काट देने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसके चलते कई दूसरे मानसिक और शारीरिक रोग भी पैदा हो जाते हैं. यहां तक कि कभी-कभी इन्सान डिप्रेशन की हालत में आत्महत्या के लिए भी प्रेरित हो जाता है.

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वर्ष 2008 की बात है जब मैं पहली बार कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर और उनकी मां उज्जवला तिवारी से मिली थी. उन दिनों रोहित शेखर खुद को नारायण दत्त तिवारी का जैविक पुत्र घोषित करने की कानूनी दांवपेंच में फंसे थे. मैं उनके केस की स्थिति जानने के लिए बात कर रही थी. मैंने महसूस किया कि रोहित बिना रुके लगातार बोले जा रहे थे, यहां तक कि वे बीच में इंटरप्ट करने के लिए अपनी मां उज्जवला तक को डांट देते थे. उज्जवला तिवारी उनके आगे बार-बार खामोश हो जाती थीं. करीब चार घंटे अपने केस के बारे में लगातार बोलते रहने के बाद रोहित तब रुके, जब मैं मजबूरन वहां से जाने के लिए उठ खड़ी हुई. उनकी इतनी बातों से मेरा सिर दर्द से झनझनाने लगा था. इतनी देर में मैं यह समझ चुकी थी कि रोहित का बिहेवियर एक नौर्मल आदमी के बिहेवियर से मैच नहीं करता है. वे बहुत तनावग्रस्त और अग्रेसिवनेस के शिकार थे. उनकी यह हालत उनके जीवन में बचपन से जवानी तक चलने वाली कानूनी कार्रवाई, खुद के लिए पिता के नाम की चाह, सामाजिक अपमान, उपेक्षा, कष्ट, दुख और तनाव की वजह से थी. इसके अलावा रोहित अनिद्रा यानी इनसोमिया बीमारी के शिकार थे. वे रात-रात भर जागते रहते थे. चिन्ता में डूबे रहते थे. अपने केस की तैयारियों में जुटे रहते थे. रोहित का रात को देर तक जागना, नींद की ढेरों गोलियां खाना, आधी रात को उठ कर नहाना और दूसरे दिन दोपहर तक सोते रहना गम्भीर बीमारी के लक्षण थे, जिन्हें अनदेखा करना उनके जीवन के लिए बेहद खतरनाक साबित हुआ. आज रोहित शेखर इस दुनिया में नहीं हैं. 16 अप्रैल 2019 की  रात उनकी पत्नी अपूर्वा ने गला दबा कर उनकी हत्या कर दी. अपूर्वा उनकी हत्यारिन है मगर इस हत्या के कारणों में छिपा हुआ एक कारण रोहित की अनिद्रा और उससे उत्पन्न उनकी मानसिक हालत भी जिम्मेदार है, जिसने उन्हें उनकी पत्नी के साथ कभी एक नौरमल जीवन नहीं जीने दिया और उनके व्यवहार से तंग आकर आखिरकार उनकी पत्नी अपूर्वा को ऐसा खतरनाक कदम उठाना पड़ा.

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