दीपा और संदीप क्लासमेट हैं. दोनों की दोस्ती कई सालों से है. टीनऐजर दीपा शांत स्वभाव की है, इसलिए किसी से अधिक बात नहीं करती. क्लास में कुछ छूट जाने पर वह संदीप से ही नोट कर लेती है.
एक दिन दीपा की सहेली चहकती हुई दीपा के पास आ कर बोली कि वह कल डेटिंग पर गई थी. खूब मजा आया. बहुत सारी बातें कीं और एकदूसरे के बारे में विस्तार से जान कर व क्लास के बच्चे उन दोनों के बारे में क्याक्या कहते हैं, सुन कर खूब मजा आया और आगे भी डेट पर जाने की प्लानिंग है.
दीपा कुछ सुनना नहीं चाह रही थी. दरअसल उस ने डेटिंग के बारे में सुन तो रखा था पर कभी जाने के बारे में नहीं सोचा, क्योंकि उस के पेरैंट्स उस के आनेजाने को ले कर बहुत औब्जर्व करते हैं और वह उन की अकेली संतान है. लेकिन उस की सहेली की डेट पर हुए अच्छे अनुभव को बेमन से ही सही, सुन कर दीपा को लगा कि शायद उस से कुछ छूट रहा है, जो ये लड़कियां कर रही हैं पर वह नहीं.
इस बात को उस ने संदीप से शेयर किया. संदीप, दीपा की बात सम?ा रहा था, लेकिन दीपा का खुल कर उस से कुछ न कह पाने को देख कर वह मन ही मन मुसकरा उठा और एक दिन वह उसे भी डेट पर ले जाएगा, ऐसा सोच कर घर चला गया.
संदीप का यह व्यवहार दीपा को अच्छा नहीं लगा था. लेकिन दीपा कह भी नहीं पा रही थी कि उस को डेट पर जाना है क्योंकि उसे भी अपनी सहेली की तरह एक्सपीरियंस करना है.
क्या है डेटिंग
असल में डेट पर जाने में गर्लफ्रैंड या बौयफ्रैंड बन जाना नहीं है. यह एक साधारण परिचय की तरह होता है जिस में पहली बार किसी से अकेले मिलते हैं, जहां आसपास कोई जानने वाला नहीं होता.
यही वजह है कि टीनऐजर्स अपनी पहली डेट को ले कर बहुत ही उत्साहित रहते हैं और वे इसे एक बहुत बड़ी अचीवमैंट सम?ाते हैं. हालांकि यह सही है कि पहली बार डेट पर जाने वाले टीनऐजर्स थोड़े घबराए हुए रहते हैं, लेकिन वे इस की तैयारी करते हैं ताकि वे अपने फ्रैंड्स को इंप्रैस कर सकें.
मनोरंजन का साधन है डेटिंग
मुंबई जैसे शहर में तो स्कूल जाने वाले टीनऐजर्स का डेटिंग पर जाना, उन की पढ़ाई के साथसाथ एक मनोरंजन का विकल्प माना जाता है. यहां हर जगह छोटेछोटे रैस्तरां हैं, जहां चाय, कौफी और सौफ्ट ड्रिंक बहुत ही कम पैसे में मिलते हैं.
कई बार ये टीनऐजर्स अपनी पौकेटमनी से बन मस्का और चाय ले कर इन रैस्तरां में बैठ जाते हैं और घंटों बातचीत करने के बाद अपनेअपने घर चले जाते हैं. इस के अलावा कई बार समुद्र के किनारे ऐसे टीनऐजर्स घंटों बैठ कर गपशप करते हैं.
ये बच्चे अधिकतर स्कूल से निकल कर लाइब्रेरी या किसी दोस्त का नाम बता कर पेरैंट्स को मना लेते हैं. पहली बार डेट पर जाने वाले टीनऐजर्स अधिकतर शौपिंग करते हैं, जिस में नई ड्रैस पहनना, नया बैग लेना, नए शूज और सैंडल लेना आदि होता है.
जरूरत से ज्यादा तैयारियां करने के बाद भी पहली डेट अगर असरदार नहीं हो पाती तो वे मायूस हो जाते हैं.
फीलगुड फैक्टर
कुछ लड़कियां और लड़के कइयों को डेट करते हैं और इस से वे अच्छा फील करते हैं, क्योंकि इस से दूसरों पर पीयर प्रैशर बनता है, ताकि वे भी डेट पर जाएं. इसे ध्यान में रखते हुए कई डेटिंग कंपनीज ने ऐप तैयार किए हैं. इन में ऐप के सहारे दोनों को अच्छे पार्टनर देने की कोशिश की जाती है.
लौकडाउन और कोविड की वजह से आज बच्चों की डेटिंग बढ़ी है पर असरदार नहीं. दरअसल, स्कूल बंद हैं, वर्चुअल डेट हो रही है जहां पर टीनऐजर्स बात कर सकते हैं पर मिल नहीं सकते. डेटिंग पर अवश्य जाएं, पर कुछ बातों का ध्यान रखें ताकि आप की पहली डेट यादगार बन जाए.
कुछ चीजों को अवौयड करना भी जानें पहली डेट पर अपने साथी को शारीरिक स्पर्श न करें और न ही इन विषयों पर अधिक बात करें. इस से वह व्यक्ति असहज महसूस कर सकता है.
इस के अलावा किसी प्रकार के नशे से बचें, ताकि जोश में आप होश न खो बैठें. लौकडाउन के बाद से अधिकतर बच्चे ‘ड्राई डेटिंग’ पर विश्वास करने लगे हैं, ताकि उन के रिश्ते में किसी प्रकार खटास न आए.