रिश्ते बेहद नाजुक डोर से बंधे होते हैं. अगर समझदारी से निभाए जाएं तो ठीक वरना एक गलतफहमी की गांठ इन की नाजुक डोर को उलझा कर रख देती है. ऐसा ही रिश्ता मुंहबोले भाईबहन का भी है. पहले तो यह आसानी से बनता नहीं है और एक बार बन जाए तो संभाल कर रखना भी एक चुनौती होती है.
आज के गैर इमोशनल दौर में तकनीक और मूवऔन का फंडा अपनाने वाली यूथ जनरेशन रिश्तों को ले कर बहुत लापरवाह है. जरा सी बात पर छोटीछोटी नोकझोंक, नादानियों और तकरार से वर्षों के रिश्तों को तोड़ देती है. हालांकि कई बार इन्हीं तकरारों से रिश्ता संवरता भी है. बहरहाल, दिक्कत तब आती है जब लड़की के बौयफ्रैंड और मुंहबोले भाई के बीच उचित तालमेल के अभाव में रिश्ते दरकने लगते हैं. आखिर कैसे बैठाएं इन में तालमेल?
गलतफहमी की दीवार
कई बार ऐसा भी होता है कि लड़कियां बौयफ्रैंड और मुंहबोले भाई को एकदूसरे से मिलवाती भी नहीं हैं. लिहाजा, जब वे कहीं बौयफ्रैंड को मुंहबोले भाई के साथ या फिर मुंहबोले भाई को बौयफ्रैंड के साथ मौजमस्ती करते या घूमते दिखते हैं तो उन में गलतफहमी पैदा हो जाती है. एक तरफ बौयफ्रैंड को लगता है कि उस की प्रेमिका उसे धोखा दे कर किसी और के साथ घूम रही है, वहीं दूसरी ओर मुंहबोला भाई अपनी बहन के रास्ता भटकने या गलत राह पर जाने की आशंका से घबरा जाता है, इस क्रम में वह या तो अपनी मुंहबोली बहन को डांट देता है या फिर मातापिता से शिकायत कर देता है.