स्कूल कालेज में साथसाथ पढ़तेपढ़ते लड़केलड़कियों की दोस्ती होना स्वाभाविक है, लेकिन कई बार यह दोस्ती एक प्यारे से रिश्ते में तबदील भी हो जाती है और वह रिश्ता होता है मुंहबोले भाईबहन का. इस रिश्ते में कोई बुराई भी नहीं है. जब साथ पढ़ने वाली 2 लड़कियां सहेली से बढ़ कर बहनें हो सकती हैं तो लड़कालड़की के बीच भाईबहन का रिश्ता क्यों नहीं हो सकता. लेकिन ऐसे रिश्ते को समाज बहुत जल्दी स्वीकार नहीं करता और लोग उसे गलत नजर से देखने लगते हैं. इस के लिए सिर्फ समाज ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि इस रिश्ते को बनाने वाले को भी चाहिए कि वह इस के बारे में सब को समझाए और बताए कि यह रिश्ता किसी भी सगे भाईबहन के रिश्ते से कम नहीं है. इस के लिए जरूरी है कुछ बातों का ध्यान रखें :

खुद के मन में चोर न रखें

अपने रिश्तेदारों और दूसरे लोगों को अपने इस रिश्ते के बारे में बताने से पहले आप को खुद यह स्वीकार करना होगा कि आप कुछ गलत नहीं कर रही हैं. जब आप सच्चे मन और कौन्फिडैंस के साथ भाई से अपना रिश्ता स्वीकार कर लेंगी तो फिर आप निडर हो कर अपने और मुंहबोले भाई के बारे में बात कर पाएंगी. मुंहबोले भाईबहन का रिश्ता बहुत नाजुक होता है जरा सी गलतफहमी रिश्ते में दरार पैदा कर सकती है. इसलिए इस रिश्ते को गलतफहमी का शिकार न होने दें.

झिझकें नहीं

आप जब कुछ गलत नहीं कर रही हैं तो फिर भाई को किसी से मिलवाने में झिझक कैसी? यदि आप यह सोच रही हैं कि सामने वाला आप के और भाई के रिश्ते को गलत न समझ ले तो यह भी आप पर निर्भर करता है कि आप उन के और अपने रिश्ते को किस तरह पब्लिकली प्रैजैंट करती हैं. अगर आप कौन्फिडैंस के साथ बिना झिझके लोगों को उस से मिलवाएंगी तो गलतफहमी के लिए जगह ही नहीं बचेगी. बोलने वाले का मुंह तो आप पकड़ नहीं सकते, बस आप की फैमिली को आप पर विश्वास हो, यह जरूरी है.

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