कौन अपने दोस्त से प्यार नहीं करता, आप भी करते होंगे है ना. लेकिन दोस्त से प्यार यदि दोस्ती से बढ़कर वाला हो तो ज़िन्दगी उथलपुथल होने लगती है, दोस्ती और प्यार के बीच जंग होने लगती है, मन हिचकोले खाने लगता है कि अपने दोस्त को अपनी चाहत का इजहार करूं या चुपचाप जिस तरह से दोस्ती आगे बढ़ रही है वैसे ही बढ़ने दूं. पता है होता क्या है, जब दोस्त के लिए मन में दोस्ती से ज्यादा भी फीलिंग्स आने लगती हैं तो सबकुछ अचानक से बदलने लगता है, उसका बात बात पर मुस्कुराना आप की खुद की मुस्कुराहट का कारण बन जाता है, उस का लड़ना झगड़ना और रूठना मनाना घंटों दिमाग में छाया रहता है. परंतु, अक्सर यह फीलिंग वनसाइडेड प्यार बनकर रह जाती है.

दोस्ती वनसाइडेड लव कई कारणों से बन जाती है. ‘मुझे लगा था हम दोस्त हैं,’ ‘मैंने दोस्ती से बढ़कर कुछ सोचा ही नहीं कभी,’ ‘मुझे नहीं पता मैंने कोई हिंट कब दिया,’ कुछ आम वाक्य हैं जो दोस्त से अपने प्यार का इजहार करने पर सुनने पड़ते हैं. दोस्ती प्यार है यह हम सभी जानते हैं, लेकिन दोस्ती यदि रोमांटिक लव में बदल जाए वो ही वनसाइडेड लव तो दोस्ती के मायने बदल जाते हैं. दिनभर साथ घूमने वाले दोस्त एक दूसरे से हाय हैल्लो करने में भी झिझकने लगते हैं.

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वो पहला पहला एहसास

महक और शुभम कालेज के फर्स्ट इयर से एकदूसरे के पक्के दोस्त हैं. उन की दोस्ती को डेढ़ साल हो चुके हैं. महक ने वैसे कभी शुभम के लिए कुछ खासा महसूस नहीं किया था लेकिन 4 महीने पहले जब शुभम और वह रोज की ही तरह क्लासरूम में बैठे थे तो शुभम ने उसे बातों ही बातों में यह कहा था कि वह उस की ज़िन्दगी में बहुत मायने रखती है. हमेशा लड़ाई झगड़ा करने वाले शुभम के मुंह से यह सब सुनकर महक को कुछ अलग महसूस हुआ. उस के बाद से वह शुभम को नोटिस करने लगी, जितनी तवज्जो पहले देती थी उस से कई ज्यादा अब देने लगी. शुभम उसे क्या कह रहा है, क्या बता रहा है सब ध्यान से सुनती. अब जब शुभम उस का हाथ पकड़ता तो उस के दिल में कुछ होने लगता था. ऐसा पहले नहीं था.

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