बारिश के मौसम में सीलन से फफूंद और बैक्टीरिया आदि पनपते हैं. बीमारियां फैलती हैं, दीवारें भद्दी और दुर्गंधित हो जाती हैं, प्लास्टर, पैंट निकलने लगता है. घर में सीलन की समस्या कहीं भी हो सकती है. सीलन कई कारणों से पैदा हो सकती है. घर बनाते समय खराब क्वालिटी के प्रोडक्ट्स का प्रयोग, दोषपूर्ण डैंपप्रूफ कोर्स, लीक करता पाइप, बारिश का पानी, छत पर ढलान की सही व्यवस्था न होना वगैरह सीलन की वजह बन सकते हैं.

सही वैंटिलेशन न होना भी सीलन की एक वजह हो सकता है. घर के रोजाना के काम जैसे कपड़े धोना, खाना पकाना, प्रैस करना जैसी गतिविधियां भी सीलन बढ़ा सकती हैं. छोटे बाथरूम या किचन जिन में खिड़की न हो या छोटे कमरों में गीले कपड़े सुखाए जाने पर भी बारिश के मौसम में सीलन बढ़ जाती है.

घर को बनाएं सीलनप्रूफ

- सुनिश्चित करें कि घर में कहीं भी पानी का जमाव न हो. पानी की निकासी होती रहे.

- सुनिश्चित करें कि खिड़कियों और दरवाजों के फ्रैम सीलबंद हैं या नहीं.

- यदि छत थोड़ी भी टपक रही हो तो तुरंत उस की मरम्मत कराएं.

- घर में वैंटिलेशन की सही व्यवस्था रखें. बाथरूम के शावर या रसोईघर से जब भाप बाहर नहीं निकल पाता तो उसे कमरे की दीवारें सोख लेती हैं और फिर उन में सीलन आ जाती है. अत: इस से बचने के लिए वैंटिलेशन का खयाल रखें. ऐग्जौस्ट फैन का प्रयोग करें.

- घरेलू डीह्यूमिडिफायर भी अच्छे विकल्प हैं. ये बाथरूम, गैरेज, कमरों, जहां कपड़े सुखाएं जा रहे हों, में प्रभावी होते हैं. ये छोटे आकार के होते हैं. अत: आसानी से कहीं भी रखे जा सकते हैं. कुछ घरेलू डीह्यूमिडिफायर में बैक्टीरिया और रोगाणुओं को मारने के लिए एक अतिरिक्त यूपी लैंप भी होता है. बहुतों में खराब गंध अवशोषित करने के लिए कार्बन फिल्टर भी होता है.

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