किटी पार्टी का पूरा चलन औरतों ने अपने आप को बहकाने के लिए किया है कि हम फ्री नहीं हैं. आएदिन हमारी किटी है हम तो बहुत बिजी हैं. ठीक उस तरह जैसे कि धर्म के ठेकेदार महिलाओं को धकेलते हैं कि तुम पूजापाठ करो और बिजी रहो उसी तरह पति, पड़ोसी, दूसरे घरवाले टाइम पास करने के नाम पर किटी की तरफ धकेलते हैं.
पहले जब 5-8 बच्चे होते थे तब भी औरतों को हर समय बिजी रखने के लिए त्यौहारों की एक लंबी फेहरिस्त बनाई हुई थी ताकि औरतों को सोचनेसमझने और पढ़नेलिखने का समय तक न मिले. अब पढ़ीलिखी पर नौकरी नहीं कर रही औरतों को किट्टियां पकड़ा दी गई हैं कि वे कुछ सोचेसमझे नहीं.
यह धर्म और समाज की साजिश है और औरतें खुद इस के जाल में फंस कर इतराती फिरतीं हैं कि देखो मेरा जाल कितना सुंदर है, रेशम का है, इस में खानापीना है, दोस्त सहेलियां हैं.
‘शर्माजी की नमकीन’ फिल्म तो देखी ही होगी. वहीं ऋषि कपूर की आखिरी फिल्म जो किटी पार्टी पर ही केंद्रित है. इन किट्टियों में हाई प्रोफाइल महिलाएं इकठा होती हैं और खूब जम कर अपने पति, पड़ोसन और रिश्तेदारों के बारे में खुल कर गौसिप करती नजर आती हैं. इन किटी पार्टीज में लेडीज सिर्फ यही बातें यानि चुगलियां ही नहीं करतीं बल्कि अपने बैडरूम के सैक्स तक की बातें डिस्कस कर लेती हैं. कुछ को अफसोस है कि उन का पति अच्छा नहीं है, कुछ को अफ़सोस है उन्होंने शादी के बाद अपना कैरिअर छोड़ दिया और भी न जाने क्याक्या इन पार्टीज में होता है.