क्या एक शुद्ध शाकाहारी के लिए इस दुनिया में अपना वजूद रखना मुमकिन है जब चारों ओर जानवरों से बनी चीजें बिखरी हों? शुद्ध शाकाहारी, जिन्हें यूरोप में वेगान कहा जा रहा है, को हर समय चौकन्ना रहना पड़ता है कि कहीं जानवरों से बनी चीजें वैज कह कर तो नहीं परोसी जा रहीं. कुछ तो इसीलिए उन रेस्तराओं में जाते ही नहीं जहां मीट भी बनता हो.

वनरास क्रौकरी बनाने वाली एक कंपनी है, जिस की प्लेटों के नीचे 100% वैजिटेरियन की मुहर लगी होती है, क्योंकि बोन चाइना की प्लेटों पर हड्डियों का चूरा लगता है, लेकिन क्या शैंपू की बोतल के नीचे लिखा होता है 100% शुद्ध वैजिटेरियन?

कुछ भी शाकाहारी नहीं

जानवरों की हड्डियों, ओवरियों, लिवर, लंग्स, ग्लैंड, ब्रेन, स्पाइनल कौर्ड, उन की बदन के कैमिकल बहुत सी रोजमर्रा की चीजों में डाले जाते हैं और वेगान उन्हें शुद्ध शाकाहारी समझ कर मजे में इस्तेमाल करते हैं. दवाइयों में भी इन जानवरों के कैमिकल इस्तेमाल करे जाते हैं और कभीकभार हाल में मरे या मारे गए जानवरों के कैमिकल दवाओं और कौस्मैटिक में इस्तेमाल होते हैं. गायों के लिवर से विटामिन बी12 तैयार होता है.

ग्लाइकोजैन, जो पैंक्रियाज से निकाला जाता है, ब्लड शुगर लैवल बढ़ाने में इस्तेमाल होता है.

मैलाटोनिक जानवरों की पीनियल ग्लैंड्स से निकाला जाता है और उसे इनसोमनिया यानी नींद न आने की बीमारी में इस्तेमाल करा जाता है. जानवरों व सूअरों के पेट का बाइल लिवर की बीमारियों, कब्ज आदि परेशानियों की दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है. ह्यालूरोनिक ऐसिड सौंदर्य उत्पादों में इस्तेमाल होता है, जो जानवरों के जोड़ों से निकलता है.

जानवरों से कू्ररता

सुगंधित चीजों में ऐनिमल प्रोडक्ट बहुत इस्तेमाल होते हैं. मस्क, कस्तूरी जो महंगे परफ्यूमों में इस्तेमाल होता है हिमालय के मस्क हिरनों से निकलता है. हिरन को मार कर उस के ग्लैंड को सुखाया जाता है और फिर अलकोहल में डुबोया जाता है ताकि कस्तूरी निकल सके. कैस्टोरियम पैस्ट जैल कैमिकल होता है जो लिवर से निकलता है और ताजे नए लैदर को सुगंध देने के लिए परफ्यूम में या गाडि़यों की अपहोल्स्ट्री में इस्तेमाल होता है.

जानवरों की गुदा से निकलने वाले कैमिकल भी सैंटों में इस्तेमाल होते हैं और वह कैमिकल तो तभी मिलते हैं जब जानवर जिंदा हो और उस से क्रूरता बरती जाए. प्रकृति ने गंध उन्हें दूसरों को डराने या अपने साथियों को सावधान करने के लिए दी है पर इस का अब जम कर इंडस्ट्रियल इस्तेमाल हो रहा है और अफ्रीका में बीसियों ऐसे फार्म हैं जहां से इस तरह के कैमिकल सारी दुनिया में भेजे जाते हैं.

मनुष्य है जानवरों का दुश्मन

कुछ क्रीमों में सेरेब्रोसाइड और ऐराफिडौजिक ऐसिड्स ब्रेन टिशू से निकलते हैं. जानवरों के टिशू से निकलने वाले ऐसिड लिपस्टिकों में इस्तेमाल होते हैं. प्रोविटामिन बी 5 शैंपू और कंडीशनरों में डाला जाता है जो जानवरों के सींगों, खुरों, पंखों, बालों से निकलता है.

शार्क लिवर औयल लूब्रिकेटिंग क्रीमों में इस्तेमाल करते हैं. रेनिट जो गाय, सूअर और बकरी के पेट से निकलता है, चीज बनाने में इस्तेमाल होता है.

जानवरों के सब से बड़े दुश्मन इंसान हैं जो खुद को शाकाहारी कहते हुए मजे में जानवरों से बनी चीजों को इस्तेमाल करते हैं.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...