हमेशा से लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं. त्योहार से ले कर शादी तक के दौरान देश के लोग बड़ी संख्या में सोना खरीदते हैं और इसे स्त्रीधन भी समझ जाता है, जो जरूरत के समय काम आ सके. लेकिन बदलते परिवेश में निवेश का तरीका बदल चुका है. डिजिटल सोना एक कौन्सैप्ट है, जिस का उपयोग क्रिप्टो करैंसी का वर्णन करने के लिए किया जाता है.

इसे फिजिकल गोल्ड का डिजिटल समकक्ष माना जाता है. यह ब्लौकचेन तकनीक पर आधारित संपत्ति है, जो निवेशकों को बिना किसी धातु के सोने को डिजिटल रूप से एक्सचेंज करने व रखने में सक्षम बनाती है.

सुविधापूर्ण निवेश

स्टेट बैंक औफ इंडिया के मैनेजर विनय वर्मा कहते हैं कि वर्तमान समय में डिजिटल गोल्ड में निवेश करना लोग पसंद कर रहे हैं.

डिजिटल गोल्ड में निवेश व्यक्ति खुद कर सकता है, इस में लौस और प्रौफिट की जिम्मेदारी भी व्यक्ति पर ही होती है, इसलिए अच्छी तरह से जांचपरख करने के बाद ही डिजिटल गोल्ड में निवेश करना चाहिए.

इस के अलावा इस में किसी सरकारी बैंक की भागीदारी नहीं होती. भारत में यह रिजर्व बैंक औफ इंडिया का प्रोडक्ट है, जिसे व्यक्ति घरबैठे औनलाइन खरीद सकता है. इसे खरीदने के लिए केवल किसी बैंक के खाताधारक होने की आवश्यकता होती है, ताकि व्यक्ति डिजिटल गोल्ड को खरीदने और बेचने में पैसों का लेनदेन बैंक खाते द्वारा कर सके.

सुरक्षित निवेश

डिजिटल गोल्ड को सुरक्षित निवेश भी माना जाता है. आसान भाषा में डिजिटल गोल्ड औनलाइन सोना खरीदने का एक तरीका है. इस में व्यक्ति सिर्फ एक रुपए का सोना खरीद कर भी डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकता है. निवेश से ले कर सर्टिफिकेट तक सब औनलाइन ही होता है. किसी प्रकार की समस्या औनलाइन ही सौल्व हो जाती है.

इस की पूरी जानकारी औनलाइन सोवरेन गोल्ड ब्रैंड स्कीम पर भी मिलती है. सरकार की इस योजना के तहत बाजार से कम कीमत पर गोल्ड में निवेश किया जा सकता है. इस में किए गए निवेश की सुरक्षा की गारंटी सरकार देती है. सोवरेन गोल्ड ब्रैंड में अधिकतर व्यक्ति 24 कैरेट यानी 99.9 फीसदी शुद्ध सोने में निवेश करते हैं.

इस स्कीम को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पौंस मिला है और इस के बदले उन्हें रिटर्न भी अच्छा मिला है. निवेशकों को शानदार रिटर्न देने वाली इस सोवरेन गोल्ड ब्रैंड स्कीम का उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करना है. यही कारण है कि सरकार बाजार भाव से कम कीमत पर सोना बेचती है और इस बार सोने की कीमत 5,923 रुपए प्रति ग्राम तय की गई है.

गोल्ड ब्रैंड का इश्यू प्राइस भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा तय किया जाता है जो 999 शुद्धता वाले गोल्ड का क्लोजिंग प्राइस के आधार पर होता है.

कैसे करती है काम ?

खरीदे गए डिजिटल गोल्ड को एक लौकर में संग्रहीत किया जाता है. यह 24 कैरेट शुद्ध सोना है, जिस तक केवल सुरक्षित माध्यम से ही पहुंचा जा सकता है. दिन में किसी भी समय व्यक्ति अपना शेयर खरीद सकते हैं. इस के अलावा, जब भी आप अपनी निवेश योजना बदलना चाहें तो इसे बेचना भी आसान होता है.

इन्वैस्टमैंट पर नियमित रूप से नजर रखने के लिए डिजिटल सोने की दरें भी देख सकते हैं या डिजिटल गोल्ड की दरें खोज सकते हैं. इस प्रकार यह बेहद लचीला है और हर किसी के लिए इसे मैनेज करना आसान होता है.

डिजिटल गोल्ड में कम से कम 1 रुपए से भी निवेश शुरू किया जा सकता है. बाजार में भाव के मुताबिक, व्यक्ति खुद इस की खरीद और बिक्री कर सकते हैं. भारत में आरबीआई के अलावा 3 कंपनियां एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ओग्मोंटगोल्ड लिमिटेड और डिजिटल गोल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड अपने सेफ गोल्ड ब्रैंड के साथ डिजिटल गोल्ड का औफर देती हैं. एयरटेल पेमैंट्स बैंक भी सेफ गोल्ड के साथ डिजिगोल्ड औफर करता है.

खरीदने के तरीके

औनलाइन सोना खरीदने में गोल्ड ईटीएफएस, गोल्ड सेविंग फंड्स जैसे इलैक्ट्रौनिक फौर्म में खरीदारी की जा सकती है. मार्केट में डिजिटल गोल्ड के भाव को देखते हुए व्यक्ति इस की खरीदबिक्री कर सकते हैं. इस में मिनिमम एक रुपए से निवेश शुरू कर सकते हैं.

डिजिटल गोल्ड में निवेश के फायदे

  • इस में व्यक्ति छोटी से छोटी रकम केवल 1 रुपए से भी निवेश शुरू कर सकता है. वह जरूरत के अनुसार खुद बेच भी सकता है.
  • डिजिटल गोल्ड को ट्रैक करना आसान है और इसे दिन के किसी भी समय एक्सैस किया जा सकता है.
  • यह हाई लिक्विडिटी प्रदान करता है और इसे दिन के किसी भी समय बाजार दरों पर खरीदा व बेचा जा सकता है.
  • डिजिटल गोल्ड  को फिजिकल गोल्ड  में कन्वर्ट करने का भी औप्शन होता है. इसे सोने के सिक्कों या अपनी पसंद के किसी भी रूप में बदला जा सकता है.
  • डिजिटल गोल्डा इंश्योर्ड और सेक्योर्ड वाल्ट में सेलर की तरफ से स्टोवर किया जाता है. इस के लिए कस्टमर को कोई चार्ज नहीं देना पड़ता.
  • अगर आप के पास डिजिटल गोल्ड है तो आप औनलाइन लोन के लिए इसे कोलेटरल के तौर पर बतौर एसेट इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • डिजिटल गोल्ड को इन्फ्लेशन के खिलाफ बचाव के रूप में जाना जाता है और इसे लोन के एक विकल्प के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • डिजिटल गोल्ड  में निवेश का फायदा यह है कि आप को गोल्ड की कीमतों पर तुरंत अपडेट मिलता है. कस्टमर रीयल टाइम मार्केट अपडेट के आधार पर गोल्ड खरीद या बेच सकता है.
  • इस में इस की चोरी या डकैती की कोई संभावना नहीं होती.

खरीदने की योग्यता

भारत में डिजिटल सोना एक एडल्ट अकाउंटहोल्डर व्यक्ति खरीद सकता है. डिजिटल सोना खरीदने के लिए व्यक्ति के पास बचत खाता या चालू खाता होना जरूरी होता है.

डिजिटल गोल्ड के रिस्क फैक्टर

  • डिजिटल गोल्ड कोई निष्क्रिय आय उत्पन्न नहीं करता है, अर्थात निवेश पर कोई ब्याज नहीं मिलता है.
  • इस में कोई रेगुलेटरी बौडी नहीं होती, इसलिए कई बार निवेशकों और ग्राहकों के लिए रिस्क हो सकता है.
  • स्टोरेज टाइम लिमिट न होने की वजह से यह समझना मुश्किल होता है कि इस संपत्ति को कितने समय तक रखना सही है, लेकिन कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए इस की स्टोरेज की समय सीमा का पता किया जा सकता है, मसलन रेगुलेटरी रेस्ट्रिक्शन, रेंटल कान्ट्रैक्ट्स आदि.
  • डिजिटल गोल्ड एसबीआई या सेबी के नियमों के अंतर्गत नहीं आता है.
  • सोने में निवेश की अधिकतम राशि 2 लाख रुपए तक सीमित है, जो कुछ निवेशकों के लिए एक बाधा बन सकते हैं.
  • हैकिंग या धोखाधड़ी जैसे साइबर जोखिम भी इस में कई बार हो सकता है, इसलिए इसे खरीदने के बाद नियमित जांचपरख करते रहना चाहिए.
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