इस बारे में लोगों के अलगअलग विचार हैं. कुछ का कहना है कि मेरा पार्टनर मुझ से ज्यादा अर्न करता है और यह मेरे लिए चैलेंज ले कर आता है. और कुछ कपल के लिए यह प्रेशर पोइंट भी होता है. कुछ का मानना है कि जिस सहजता से मेरा पार्टनर मेरे लिए एक अच्छी डेट प्लान कर लेता है, महंगे गिफ्ट अफोर्ड कर लेता है, वैसा मैं उस के लिए नहीं कर पाती.
सच तो यह है कि पार्टनर का ज्यादा कमाना हर किसी रिलेशन के लिए अलग सिचुएशन लाता है. बस जरूरत है उस सिचुएशन को अच्छी तरह बैलेंस करने की. जैसे की कभी अपने पार्टनर को ये न कहें की में तुम से ज्यादा कमाता हूं. ये शब्द किसी भी रिलेशनशिप में आग का काम करते हैं इसलिए सोचसमझ कर ही बोलें. ऐसे बहुत सी बाते हैं जिन का ख्याल रखा जाना चाहिए. आइए जाने कैसे इस के लिए ग्राउंड लेवल पर कुछ रूल्स बनाए और उन्हें हैंडल करें.
एक पार्टनर अगर ज्यादा कमाता है, तो साथ निभाने के कुछ ग्राउंड रूल्स होने चाहिए-
दोनों इक्वली खर्च करें
ये न सोचें कि पार्टनर ज्यादा कमा रहा है तो घर की पूरी जिम्मेदारी उस की है बल्कि अगर आप दोनों कहीं घूमने जा रहे हैं तो इक्वली खर्च करें. अगर आप दोनों घूमने के शौकीन हैं, तो किसी भी ट्रिप पर जाने से पहले घूमने, खाने, रहने और शौपिंग का बजट बनाएं और आधाआधा बांट लें
तुलना न करें
अगर एक पार्टनर की सैलेरी कम है तो आप को उसे उल्टा सीधा बोलने का सर्टिफिकेट नहीं मिल गया है. अगर उस की सैलेरी ज्यादा है, तो भी उस से न चढ़ें सोचे कि उस ने इस के लिए कितनी मेहनत की होगी, ये न भूलें.
ईगो को करें दरकिनार
जब एक पार्टनर ज्यादा कमाता है तो कहीं न कहीं उस के मन में एक अहम् की भावना आ जाती है. जिस के चलते वह खुद को सुपरियर समझने लगता है और इस का अहसास लगातार सामने वाले को करता है. इस से कुछ हासिल नहीं होगा बार रिश्ता ही खराब होगा.
पत्नी ज्यादा कमाती है, तो पति का रुतबा इससे काम नहीं होता
कई बार पति को लगता है कि बीवी मुझे कमतर न समझें इसलिए वह उसे बातबात में याद दिलाता रहता है कि भले ही वह ज्यादा कमाएं पर घर में रोब तो मेरा ही चलेगा. वह खुद को पत्नी के सामने छोटा समझने लगता है. ऐसे में पत्नी को चाहिए की वह पति को बताए ऐसा कुछ नहीं है. उस के हर काम की सराहना करें, बताएं कि आप के बिना मेरा कुछ नहीं है और पति भी समझें कि ज्यादा या काम कमाने से नहीं बल्कि आपसी समझदारी और तालमेल से घर चलता है.
फाइनेंशियल प्लानिंग साथ में करें
फाइनेंशियल प्लानिंग दोनों साथ में मिल कर करें. घर का बजट साथ में बनाएं और तय करें कि किस चीज पर कौन कितना खर्च करेगा. इस से घर के खर्च में दोनों की ही सामान रूप से भागीदारी होगी कोई किसी को काम नहीं समझेगा.
प्रेशर क्रिएट न होने दें
कई बार पार्टनर को ज्यादा कमाते हुए देख कर प्रेशर क्रिएट हो जाता है कि हमें भी ज्यादा कमाना चाहिए. तभी एक अच्छी लाइफ चल पाएगी. उसी प्रेशर में कई बार या तो हम अपनी क्षमता से ज्यादा कमाने की कोशिश करते हैं या फिर ज्यादा काम करते हैं और उस का असर संबंधों पर भी पड़ता है.
पार्टनर के ज्यादा कमाने का प्रेशर आप न लें. हो सकता है कि वह जिस प्रोफेशन में हो वहां पैकेज आदि काफी अच्छा मिलता हो. अगर इस बात को ले कर प्रेशर फील करेंगी तो जो जौब आप कर रही हैं उस में भी संतुष्ट होना मुश्किल हो जाएगा. हां, अगर आप को लगता है कि कोई कोर्स आदि कर के या जौब चेंज कर के आप ज्यादा कमा सकती हैं, तो वैसा करें. लेकिन तभी जब आप का दिल और दिमाग दोनों ऐसा करने के लिए कहें, किसी और को खुश करने के लिए अपने को तकलीफ न दें.
टौर्चर हो रहें हैं तो बातचीत करें
बातचीत से हर मसले का हल निकाला जा सकता है अगर लग रहा है कि एक पार्टनर दूसरे के ऊपर सैलेरी की वजह से हावी होने की कोशिश कर रहा है, तो आप ये न सही बल्कि खुल कर उन से बात करें की आप को इस तरह का व्यव्हार स्वीकृत नहीं है. आपस में बातचीत करें. अपने पार्टनर को इस बात का एहसास कराएं कि वो आप के लिए कितना खास है. अगर इन बातों से आप की समस्याएं हल नहीं हो रहीं है तो जरूरत है कि आप किसी रिलेशनशिप काउंसलर से मिल कर इसे सुलझाएं.
दोनों एक दूसरे का सहयोग करें
अगर बीवी कह रही है आज मुझे औफिस में जरुरी काम है तुम घर में बैठ सकते हो, क्यूंकि आज बच्चों को जल्दी घर आना है, तो ज्यादा कमाने वाला पति कहे की हां आज मैं पेड लीव ले लूंगा. वो उस को कोम्प्रोमाईज़ करना चाहिए. क्योंकि कम कमाने वाले को समझ है की आज मैं इसे अगर घर बैठा रही हूं, तो इस की जरुरत ज्यादा बड़ी है. फिर चाहे वह जरुरत किटी पार्टी की हो या घर के काम की हो. इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कौन ज्यादा कमाता है है बल्कि किस की जरुरत ज्यादा बड़ी है ये मायने रखता है.
पत्नी ज्यादा कमा रही है, तो क्या हुआ
बहुत बार पुरूष की सोच रूढ़िवादी होती है, तो भी वो अपनी पत्नी से इस बात की जलन रखने लगता है कि वो उस की तुलना में ज्यादा सफल महिला है या उस से ज्यादा कमाती है. इस के अलावा कई बार पुरूषों में इस बात की जलन हो जाती है कि कहीं उस की पत्नी उसे छोड़ न दे. अपनी इस सोच को बदलें. दोनों घर में ही खर्च कर रहें है इस से क्या फर्क पड़ता है कि कौन ज्यादा कमा रहा है.
एकदूसरे से छिपकर कुछ न करें
कुछ चीजों में बचत ज्वाइंट होनी चाहिए कुछ चीजों में अलग होनी चाहिए. दूसरे से छुप कर कुछ न रखें. छुपाने से शक होगा और दूरियां आएंगी.
एकदूसरे को सहन करने की आदत डालो
हम पड़ोसी को भी तो सहन करते हैं. एक पड़ोसी के पास छोटी गाड़ी है और एक के पास बड़ी है, तो भी तो हम दोनों पड़ोसी का सम्मान करते हैं. समाज में तो ऊंचनीच होती ही है. अगर कमाई में भी है तो क्या मुसीबत है होने दें.