गर्मियों में पौधों की देखभाल
खाद डालते समय ध्यान दें
खाद बनाने से पौधों, खासकर फल देने वाले और फूल वाले पौधों को पानी देने के साथसाथ हाइड्रेटेड और स्वस्थ रखने में मदद मिलती है. वैसे गर्मी में रासायनिक खाद से ज्यादा अच्छी पोटैशियम वाली खाद होती है इसलिए उसका ही उपयोग करें. साथ ही मिट्टी का पीएच मान यदि सामान्य से अधिक है तो एल्युमिनियम सल्फेट की खाद नए पौधों में डालें.
अपने बगीचे से खरपतवार हटाएं
खरपतवार कीटों और बीमारियों को भी बुलावा दे सकते हैं. यदि आप छोटे बगीचे या गमलों और फूलदानों में पौधे उगा रहे हैं, तो आप उन्हें उखाड़कर खरपतवारों को नियंत्रित कर सकते हैं और बड़े बगीचे या पौधों के लिए, कुदाल और कुदाल जैसे बागवानी उपकरणों का उपयोग करें.
पौधों को धूप में न रखें
तेज धूप में पौधें झुलस जाते हैं और ज्यादा देर धूप में रहने पर ये सूख जाते हैं इसलिए पौधों को केवल कुछ घंटों के लिए सुबह ही धूप में रखे. इसके आलावा रो कवर का उपयोग वसंत या पतझड़ में पौधों को गर्म रखने के लिए किया जाता है. साथ ही, वे गर्मियों के दौरान तेज धूप को रोककर कीटों को दूर रखने में मदद करते हैं. लंबे समय तक तेज धूप के दौरान, आप कई दिनों या हफ़्तों तक रो कवर छोड़ सकते हैं. इनका उपयोग भी पौधों को धूप से बचाने के लिए किया जा सकता है.
पौधों को पानी दें
गर्मी में पौधों को सही तरीके से पानी दें. सुबह और शाम दोनों समय पानी देना जरूरी होता है. पौधों में नमी बनी रेहनी चाहिए अगर वह जल्दीजल्दी सुख रहे है तो दिन में भी थोड़े पानी का छिड़काव कर दें.
मल्च का प्रयोग करें
मल्च एक ऐसी सामग्री है जिसे पौधे को ठंडा रखने के लिए मिट्टी की सतह पर फैलाया जाता है. इसके अलावा, मल्च खरपतवारों को रोकता है और नमी बनाए रखने में मदद करता है. मल्च में खाद, पेड़ की छाल, अखबार, घास के टुकड़े, चूरा और कटे हुए पत्ते शामिल हैं। साथ ही, मल्च को हर कुछ दिनों में पलट दें और जब यह सड़ जाए तो इसे बदलना न भूलें.
संक्रमित पौधों को अलग कर दें
जब भी आप ऐसे किसी पौधे को देखें, जो ब्राउन हो रहा हो, सूखा, मुरझाया या फिर और किसी तरह से बीमार नजर आ रहा हो, कैंची या गार्डनिंग शियर्स की एक पेयर लें और उस शाखा को बेस से पूरा काटकर अलग कर दें. इन शाखाओं को अपने गार्डन में कम्पोस्ट के लिए रखने की बजाय, अलग कर दें, क्योंकि अगर इनमें कोई भी पौधे की बीमारी हुई, तो ये अभी आसपास के पौधों में फैल सकती है.
बारिश में पौधों की देखभाल
- पौधों को बारिश का पानी सोखने दें
- बारिश के पानी से पौधें अच्छी तरह पनपते हैं. लेकिन अगर बारिश ज्यादा हो रही हो और रुकने का नाम नहीं ले रहीं तो पौधों को घर के अंदर रखे. वरना पौधों की जड़े गल जाएंगी.
- ड्रेनेज होल को चेक करें
- बरसात में समय समय पर ड्रेनेज होल को चेक करें और उसे खोलते रहे. ताकि वहां पानी न रुकें.
- कीटनाशक का प्रयोग करते रहे.
- बरसात के मौसम में कीड़ों और फंगस लगने का डर भी आना रहता है. इसलिए कीड़ों से बचाव के लिए दवाई डालते रहें.
- पौधों को बांधकर रखें.
- बरसात में कई बार बारिश के साथ तेज आंधी भी चलने लगती है जिससे पौधों के गिरकर टूट जाने का डर बना रहता है. इसलिए जिन पौधों के गिरने का डर हो उन पौधों को किसी रस्सी आदि से बांध कर रखें .
- गमलों की प्लेट्स की क्लीनिंग पर धयान दें.
- इन प्लेट्स में पानी भर जाता है इसलिए हर रोज नियमित रूप से इसकी साफ़ सफाई पर धयान दे.
- खाद अच्छे से डालें.
- इस मौसम में पौधों की ग्रोथ काफी अच्छी होती है. इसलिए खाद आदि डालने का पूरा धयान रखे.
- गमले को पूरी तरह से भरें.
- गमले में पौधे लगाते समय, पूरे गमले में दो भाग मिट्टी और एक भाग गोबर डालें. इससे पानी ऊपर से जमने से बच जाएगा. अगर गमला आंशिक रूप से भरा है, तो सुनिश्चित करें कि अतिरिक्त पानी बाहर निकलने के लिए जल निकासी खुली हो.
पौधों को धूप भी दिखाएं
कई बार हम पौधों को तेज बारिश से बचाने के लिए अंदर रख देते है लेकिन उन्हें सूरज की रौशनी देखन भी जरूरी होता है इसलिए धुप आ रही हो तो पौधों को धुप दिखाएं.
सर्दियों में पौधों की देखभाल करने के कुछ टिप्स
पानी देते समय ध्यान दें
सर्दी के मौसम में हर रोज पौधों को पानी देना जरूरी नहीं है. एक दो दिन छोड़कर भी पानी दिया जा सकता है. वैसे पानी देने से पहले पौधों की नमी चेक कर लें. पानी भी कम ही दें, ज्यादा पानी देने से पौधा मर जायेगा.
मल्चिंग का प्रयोग करें
सामान्य भाषा में बोले तो मल्च (मूलच) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग मिट्टी में नमी बनाए रखने, खरपतवारों को दबाने, सर्दियों में पाले की समस्या से पौधों को सुरक्षित रखने के लिए मल्चिंग का प्रयोग किया जाता है. मल्चिंग मिट्टी को कठोर परत बनने से भी रोकती है. दरअसल वातावरण में नमी ज्यादा होने पर पौधें खराब होने लगते है. पौधों की जड़ों को मल्चिंग से गर्माहट मिलती है, जिससे पौधे सुरक्षित रहते हैं. इसके लिए आप 3-5 इंच मोटी परत से मल्चिंग कर सकते हैं.
पौधों को ढक्कर रखें
पौधों को पॉलीथिन, फैब्रिक प्लांट कवर, कार्डबोर्ड बॉक्स या प्लास्टिक बॉक्स से कवर कर सकते हैं. तुलसी आदि के पौधों को किसी चुन्नी से ढक सकते हैं.
पौधों को घर के अंदर रखें
ज्यादा ठंड में पौधों को भी ठंड लगने लगती है जिससे उनके खराब होने का खतरा बढ़ जाता है., लेकिन यह याद रखें कि इन पौधों को घर में वह रखें जहां सूरज की रौशनी आती हो क्यूंकि वह भी पौधों के लिए जरूरी है.
पौधों की छटाईकटाई कैसे करें
पौधों को छटाईकटाई करने से पहले देख ले कि उनमे कीड़े कहां लगे हैं और कितने पत्ते खुद ही मर कर टूट कर बिखर रहें है. पेड़ पौधों की प्रूनिंग के बाद गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में हमेशा हल्की खाद डालें। अगर पौधों का तना ख़राब हो गया है तो उसे भी निकल कर फेक दे.