House : इंटीरियर डिजाइन में नेमप्लेट को ले कर भी तमाम प्रयोग हो रहे हैं. नेमप्लेट छोटी चीज भले हो, इस का प्रभाव बड़ा होता है. ऐसे में इस को सावधानी से तैयार करवाना चाहिए.

मकान हो या फ्लैट, उस पर लगने वाली नेमप्लेट की डिजाइन अब बेहद आकर्षक और कलात्मक होने लगी है. मैटीरियल्स, स्टाइल्स और आकारों का बहुत खूबसूरती से प्रयोग किया जा रहा है. ट्रेडिशनल लोहे और लकड़ी की डिजाइन से ले कर हाथ से पेंट की गईं या बैकलिट डिजाइन तक से नेमप्लेट बनाई जाने लगी हैं. अब इन में घर का नाम, जाति, घर के मालिक और रहने वालों के नाम के साथ ही साथ घर का नंबर और जगह का नाम तक लिखा जा रहा है.

घर के मालिक की कोशिश होती है कि नेमप्लेट की डिजाइन ऐसी हो जो देखने वालों पर गहरा प्रभाव छोड सके. ऐसे में इस का चुनाव बेहद सावधानी से करें. नेमप्लेट केवल नाम और पते के लिए होती है. इस की डिजाइन ऐसी हो कि जिस पर लिखे शब्द आसानी से पढ़े व समझे जा सकें. उस को समझने के लिए पढ़ने वाले को डिडिक्शनरी न देखनी पड़े या गूगल सर्च न करना पड़े. साथ ही, घर के मालिक की प्राइवेसी भी बनी रहे.

तरहतरह की डिजाइनें

घर के दरवाजे पर लगने वाली नेमप्लेट में सब से अधिक प्रयोग मैटल की प्लेट का होता है. इस में परिवार के नाम या घर के नंबर के साथ एक आयताकार मैटल की प्लेट होती है. मैटल की प्लेट को लकड़ी के आधार पर लगाया जाता है. इस को बेहतर बनाने के लिए लोहे, पीतल या स्टेनलेस स्टील की नेमप्लेट पर नाम उकेरे जाते हैं या पेंट से लिखे जाते हैं.

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