बेटी की शादी हर मां-बाप का सपना होता है और इसकी ख्वाहिश वो बेटी के जन्म के साथ ही करने लगते हैं. हर खर्च के साथ कुछ पैसे जोड़ने है इसका भी ख्याल रखते हैं और कुछ पैसा भी सुरक्षित करना शुरू कर देते हैं. इसके साथ ही हर लड़की को ये सुनना ही होता है कि "सीख ले ठीक से वरना ससुराल वालों से सुनना पड़ेगा .
हर मां चाहती है कि बेटी उसकी तरह ही हर काम में निपुण हो जाए और मौका पाते ही घर का काम सिखाती भी है. लेकिन अब समय बदल चुका है.. बेटियां भी बेटों की तरह स्कूल जाती है, कोचिंग और स्कूल के बीच उनके पास न तो घर का काम सीखने का वक़्त होता है और न ही उनका कोई खास लगाव
अब बेटियों के लिए आत्मनिर्भर होना ज्यादा मायने रखता है और खुद माता पिता भी यही चाहते हैं कि बेटी कमाने लायक हो जाए तब ही शादी की जाए....
हर माता पिता को पढ़ाई लिखाई और कमाने योग्य बनाने के अलावा कुछ और भी बातें सिखानी चाहिए ताकि आपकी लाडली नए परिवार में भी सुकून से रहना सीख सकें.
1. परिवार में बड़ों को इज़्ज़त और तवज्जो देना घर से सिखाये.. लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि बेटी जब बहू बनकर ससुराल जाए तो उसकी पसंद /नापसंद खत्म हो जाए . परिवार में बड़ों के साथ साथ अपनी भी गरिमामय उपस्थिति दर्ज करना सिखाये .
2. घर के हर छोटे बड़े काम सिखाये जरूर और साथ ही काम करते वक्त दूसरों की मदद लेना भी बताए जिससे काम का सारा बोझ एक व्यक्ति पर न पड़ेगा और जल्दी भी हो जाएगा .