रीटा अपने 5 साल के बच्चे के साथ अपनी सहेली के घर गई. वहां पर बच्चे ने प्लेट में रखी सारी चीजें उठा कर अपनी जेब में रख लीं और फिर रीटा की सहेली की 4 साल की बेटी को धक्का दे दिया. रीटा के समझाने पर वह उस से भी ऊंची आवाज में बात करने लगा. बच्चे के इस व्यवहार से रीटा को बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई.

जब आप अपने छोटे बच्चे को ले कर किसी के घर जाती हैं तो वह वहां किस तरह का व्यवहार करेगा, यह समझ पाना मुश्किल होता है. कई बार वह घर में अच्छा व्यवहार करता है लेकिन बाहर जाने पर अजीब सा व्यवहार करने लगता है. इसे वह अपने परिवार से ही सीखता है. आप घर में जिस तरह से किसी से बात करती हैं, बच्चा उसे ही फौलो करता है. कई बार वह ध्यान आकर्षित करने के लिए भी उलटीसीधी हरकतें करता है.

पेरैंटिंग का अर्थ अपने बच्चे की हर जायजनाजायज मांग को पूरा करना नहीं, बल्कि अपनी सही बात को बच्चे के नजरिए का ध्यान रखते हुए उसे उसी तरीके से सिखाना है जैसे वह चाहता है. आप अपने बच्चे को अच्छीबुरी बातों की जानकारी तो देती हैं लेकिन उसे अपने से छोटों और बड़ों से संयमित व्यवहार कैसे करना है जैसी बुनियादी बातों की सीख देना भूल जाती हैं. इस वजह से वह कब किस से कैसा व्यवहार करना है जैसी बातें वह नहीं सीख पाता.

कुछ छोटीछोड़ी बातों का ध्यान रख कर आप अपने बच्चे को संयमित व्यवहार करना सिखा सकती हैं.

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