हालांकि गरमियों के मौसम में कुछ लोगों की त्वचा औयली हो जाती है, लेकिन जिन लोगों की त्वचा प्राकृतिक रूप से ड्राई होती है, उन की त्वचा गर्मी में ज्यादा ड्राई होने लगती है.
ड्राई स्किन को समझने के लिए जरूरी है कि आप पहले नौर्मल स्किन के बारे में जान लें. नौर्मल स्किन में पानी और लिपिड की मात्रा संतुलित बनी रहती है. लेकिन जब त्वचा में पानी या वसा या दोनों की मात्रा कम हो जाती है तो त्वचा ड्राई यानि शुष्क होने लगती है. इस से त्वचा में खुजली होना, उस की परतें उतरना, त्वचा फटना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं.
आमतौर पर त्वचा के निम्न हिस्से ड्राई होते हैं:
हाथ और पैर: बारबार सख्त साबुन से हाथ धोने से त्वचा ड्राई होने लगती है. ऐसा मौसम बदलने के समय भी होता है. कपड़ों से रगड़ खाने पर भी बाजुओं और जांघों की त्वचा ड्राई होने लगती है. इसलिए गरमियों में टाईट फिटिंग के कपड़े न पहनें.
घुटने और कोहनी: एडि़यां फटना इस मौसम में आम है. नंगे पैर चलने या पीछे से खुले फुटवियर पहनने से यह समस्या बढ़ती है. इसलिए एडि़यों पर मौइश्चराइजर लगा कर इन्हें नम बनाए रखें.
अगर आप ड्राई स्किन पर ध्यान नहीं देंगे, तो यह समस्या रैशेज, ऐग्जिमा, बैक्टीरियल इन्फैक्शन आदि में बदल सकती है.
ड्राई स्किन के कारण
गरमी के मौसम में ड्राई स्किन के कारण कुछ इस तरह हैं:
पसीना आना: पसीने के साथ त्वचा की नमी बनाए रखने वाला जरूरी औयल भी निकल जाता है जिस से त्वचा शुष्क होने लगती है.
पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना: गरमियों में कम पानी पीने से डीहाइड्रेशन हो जाता है. इसलिए शरीर में पानी की सही मात्रा बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए.