एक समय था जब महिलाएं घंटों सिलबट्टे पर मसाला घिस कर या इमामदस्ते से खड़ा मसाला कूट कर ताजे मसाले तैयार करतीं और बातों के चटखारों के साथ मिलजुल कर खाना बनाया करती थीं. तब रसोई का मतलब एक ऐसे कमरे से होता था जहां धुएं और गंध के बीच घर की औरतों को अपने हाथों से खाना तैयार करना होता था. जमाना बदलने के साथ रसोई अब फैले व बड़े कमरे से हट कर मौड्यूलर किचन में तबदील हो गई है. ओपन किचन आज घर का स्टेटस सिंबल भी बन गया है. आज के वक्त में कुछेक घर छोड़ दें तो सभी के किचन अब ओपन हो गए हैं. रसोई महज कुकिंग तक ही सीमित नहीं रह गई है बल्कि वह अब घरों का आईना बनती जा रही है. ओपन और घर के सैंटर में होने की वजह से अब रसोई सभी को एक धागे में पिरोती महसूस होती है, जैसे बच्चों का होमवर्क कराना हो या पति के साथ हंसीठिठोली करनी हो या फिर सहेलियों के साथ बैठ कर गरम चाय की चुसकियों के साथ गप हांकनी हो आदि सभी कुछ यहां हो सकता है. यहां अब महिलाएं काम करते हुए बच्चों पर नजर रखती हैं तो अब अपना सीरियल भी मिस होने नहीं देतीं. वे वहीं से टीवी पर भी नजरें गड़ाए रहती हैं. ओपन किचन होने की वजह से पति भी बारबार जहां उन की मदद करते हैं, वहीं उन को प्यार करने का मौका नहीं चूकते.

आज की भागमभाग और एकल परिवारों के चलते किचन में काम अब 8 से 10 घंटे से घट कर 1 से 2 घंटे तक का ही रह गया है.

समय की बचत

प्रीति जौब करती है. उस के परिवार में कुल 3 सदस्य हैं. प्रीति का सुबह का शैड्यूल औफिस जाने के लिए पहले जल्दी उठ, फटाफट बच्चे का टिफिन, खुद व पति के लिए बे्रकफास्ट व लंच बना कर झटपट तैयार हो कर निकल जाना है. अब देखा जाए तो बाकी काम जैसे कपड़े धोना, नहाना, बच्चे को तैयार करना आदि में भले ही उस ने ज्यादा देर लगाई हो लेकिन किचन में उस को लगा सिर्फ 1 घंटा. प्रीति शाम को थकहार कर घर पहुंची और चायनाश्ता कर रात का डिनर तैयार किया. इस में लगा 1 घंटा. यानी पूरे दिन का किचन का टोटल टाइम हुआ 2 घंटे. हम कह सकते हैं कि रसोई का काम अब 8-10 घंटे से घट कर मात्र 2 घंटे का रह गया है. दूसरी तरफ एडवांस और वर्किंग महिलाओं की रसोई आप को अपडेटेड मिलेगी, जहां विभिन्न तरह के एप्लाइंसेंज मौजूद होंगे. फिर चाहे ये एप्लाएंसेज महीनों इस्तेमाल न हों. आजकल बाजार में या टीवी पर कोई भी किचन एप्लाएंस देखा नहीं कि झट से खरीद लाए या घर बैठे ही औनलाइन मंगवा लिया.

लुभाते हैं कई विज्ञापन

अंजू से मेरी मुलाकात औफिस से आते वक्त मेरे फ्लैट के नीचे हुई. एकदूसरे के हालचाल की बात जानने के बाद मिसेज सिंघल और मिसेज कपूर भी आ गईं. तिकड़ी के जमते ही मैं वहां से खिसक नहीं पाई. अब उन की बातें मुझे न चाहते हुए भी सुननी पड़ीं और उन की हां में हां मिलानी पड़ी. तभी अंजू ने टीवी पर आ रहे एअरफ्रायर के विज्ञापन का जिक्र किया. जिक्र जरा ऐसे किया कि आजकल मैं अपने बच्चों के टिफिन में हैल्दी रेसिपीज और बिना तेल का खाना दे रही हूं. सब चौंके, कैसे अंजू, हमें बता. अंजू लगी अपनी एअरफ्रायर का प्राइस टैग बताने, साथ ही यह जाहिर करने कि उन के यहां एअरफ्रायर आ गया है. अंजू ने सभी को बता डाला कि उन्होंने यह नया एप्लाएंस खरीदा है. टीवी पर किचन एप्लाएंस को ले कर ढेरों विज्ञापन आने लगे हैं. विज्ञापन इतने लुभावने होते हैं कि लगता है हैल्दी व फिट रहने के लिए फलांफलां आइटम हम भी खरीद लें. जरूरत के अनुसार तरहतरह के एप्लाएंसेज खरीदना भले ही अच्छी बात हो पर इन का सही व रोजाना इस्तेमाल नहीं हुआ तो किचन में एप्लाएंसेंजों की भरमार ही लगेगी. और यह समझदारी का परिचय नहीं है.

कैसा हो इंटीरियर

इंटीरियर डिजाइनर और आर्किटैक्ट अनुपम सक्सेना के मुताबिक घर का आईना होती है रसोई, जहां खाने के साथसाथ रिश्तों में मिठास घुलती है. घर का इंटीरियर कराएं तो लेआउट ऐसा होना चाहिए जिस में किचन कोने के बजाय केंद्र में हो और वह डाइनिंगरूम से ही अटैच हो. ऐसा होने से जहां आप हर एक चीज पर नजर रख सकेंगी, वहीं डाइनिंग एरिया में आराम भी कर सकेंगी. ओपन किचन होने से आप खाना पकातेपकाते कई काम एकसाथ कर सकती हैं. ओपन किचन के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें-

ओपन रसोई में कचरा इकट्ठा न होने दें क्योंकि यह दूर से ही नजर आ जाएगा. ऐसा करना न सिर्फ आप को बीमार करेगा बल्कि घर के अन्य सदस्य भी बीमार हो जाएंगे.

ओपन किचन में खाना बनाते वक्त परदे डाल कर खाना न बनाएं बल्कि खिड़कियां, परदे खोल दें वरना इस से सफोकेशन होगा. वैसे आजकल मौड्यूलर किचन में एक्जौस्ट फैन और चिमनी लगी रहती है.

किचन का वैंटिलेशन सही होना चाहिए. ध्यान रखें कि आप का किचन बंदबंद न हो. अगर ऐसा हो तो तुरंत वैंटिलेशन का इंतजाम करवाएं. नए घर में किचन इंटीरियर का खास ध्यान रखें.

किचन का वाल कलर कूलिंग होना चाहिए क्योंकि अगर भड़कीला होगा तो रोशनी कम रहेगी, जिस के लिए आप को काफी लाइट्स लगवानी पड़ेंगी, साथ ही आप को भड़कीले रंगों से नेगेटिविटी महसूस होगी.

किचन का हर सामान कैबिनेट्स में ही रखें, बिखरा कर नहीं क्योंकि यह दूर से ही फैला नजर आएगा.

इन बातों का ध्यान रख कर आप अपने किचन को अच्छा लुक दे सकती हैं. ऐसा करने से आप की रसोई सुंदर दिखेगी, केवल काम ही नहीं.

रसोई ही रसोई

आधुनिक दौर में जैसे सभी आधुनिकता की चकाचौंध देख बदलाव करते रहते हैं ठीक ऐसे ही घर में किचन का बदलना भी बहुत जरूरी है. इंटीरियर ऐक्सपर्ट के मुताबिक, किचन एरिया घर के बाकी हिस्सों से ज्यादा शानदार दिखना चाहिए. यह आधुनिक उपकरणों से लैस भी होना चाहिए. ओपन किचन के लिए हमेशा ध्यान रखें कि ओपन में होने की वजह से यहां फालतू सामान नहीं रखना चाहिए. किचन के लिए जरूरत अनुसार ही किचन एप्लाएंसेज खरीदें. इस समय हो न हो आप के किचन में एडवांस स्मार्ट चूल्हा, इंडक्शन माइक्रोवेव, चिमनी, हैंड ब्लैंडर, एअरफ्रायर, मिक्सर ग्राइंडर, जूसर, इलैक्ट्रिक तंदूर, मेजरिंग इक्विपमैंट, आइसक्रीम मेकर, रोटी मेकर, मौडर्न कुकर, इलैक्ट्रिक कैटल जैसे ढेरों अलगअलग इस्तेमाल होने वाले सामान मौजूद हों. ध्यान रखें कि इतने सब किचन एप्लाएंसेज से रसोई तो खूबसूरत दिखेगी लेकिन आप को इस की मैंटिनैंस का भी खास ध्यान रखना होगा.

पैसों और जगह की बरबादी

भले ही आप अपने किचन को आधुनिक दौर के मद्देनजर अपग्रेड करती हों पर उस का सही इस्तेमाल भी बेहद जरूरी है. यह जरूरी नहीं कि जो सामान या किचन एप्लाएंस देखा या सुना, रोब दिखाने के लिए उसे खरीद लाए. जाहिर है ऐसा करना आप की जेब पर तो भारी पड़ेगा ही, साथ ही आप को उसे रखने का इंतजाम भी करना होगा. अगर आप ने इंतजाम कर भी दिया तो क्या गारंटी है कि उस एप्लाएंस का इस्तेमाल होगा ही. अगर ऐसा नहीं हुआ तो किचन में वह महीनों पड़ा रहेगा. इसलिए इन चीजों की खरीदारी सोचसमझ कर करें.

स्टेटस सिंबल मान कर या आज की जरूरत व मेहनत लगा कर अगर आप ने स्मार्ट किचन बना ही लिया है तो कोशिश कीजिए सप्ताहभर का मैन्यू चार्ट बनाएं और उसे फौलो करें. इस से भले ही आप किचन को 2 घंटे दे रही हों पर आप को प्रौपर फूड मिलेगा साथ ही मैन्यू में स्पैशल डिशेज के चलते आप के किचन एप्लाएंसेज भी इस्तेमाल में आ जाएंगे. तब आप का किचन देखने योग्य दिखने के साथ ही उस में काम भी दिखता नजर आएगा.

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