औफिस में 27 वर्षीय सीए अतुल अचानक पसीने से तरबतर हो गया और घबराहट महसूस करने लगा. उस के हाथ कांप रहे थे. उस के सीने में दर्द भी था. उसे लगा जैसे वह बेहोश होने वाला है, उसे कुछ होने वाला है. उसे फौरन औफिस के मैडिकलरूम में ले जाया गया जहां मैडिकल सुपरिन्टैंडैंट ने उस का चैकअप किया और बताया कि ब्लडप्रैशर बहुत ज्यादा हाई हो गया है. पलभर तो उसे समझ ही नहीं आया कि डाक्टर साहब क्या कह रहे हैं, क्योंकि उसे अब तक ब्लडप्रैशर की समस्या हुई ही नहीं थी. यह सब इतना अचानक कैसे हो गया. वह हैरान था.

जनरल फिजीशियन प्रशांत कुलकर्णी कहते हैं, ‘‘पहले ब्लडप्रैशर की समस्या बुजुर्गों में ही देखने को मिलती थी पर आजकल अतुल जैसे कई युवा हाई ब्लडप्रैशर की समस्या से ग्रसित हो रहे हैं.’’

डाक्टर कुलकर्णी का कहना है, ‘‘हाई ब्लडप्रैशर अभी तक आनुवंशिक समझा जाता था पर आजकल इस का कारण युवाओं का लाइफस्टाइल भी है. काम से संबंधित तनाव, अल्कोहल, स्मोकिंग और अन्य कई कारण हैं जिन के चलते युवाओं को हाई ब्लडप्रैशर की समस्या होने लगी है. यह समस्या काफी पहले से शुरू हो चुकी होती है पर इस के लक्षण देर में दिखाई देते हैं, इसलिए पता चलने में वक्त लगता है.

वजन का बढ़ना : जब आप मोटे हो जाते हैं, तो आप के दिल को धमनियों तक खून पहुंचाने में कठिनाई होती है, जिस के कारण ब्लडप्रैशर हाई हो सकता है.

नमक की अधिकता : ज्यादा नमक (सोडियम) खाने से भी व्यक्ति को हाई ब्लडप्रैशर की समस्या हो सकती है. डाक्टर बिस्वास का कहना है, ‘‘कुकिंग में जितना नमक प्रयोग किया जाता है, उतना पर्याप्त होता है. अपने खाने में अतिरिक्त नमक डालने से आप के शरीर में न केवल चक्कर, वजन बढ़ना और वाटर रिटैंशन की समस्या उत्पन्न हो सकती है बल्कि हाई ब्लडप्रैशर भी हो सकता है.’’

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