शरीर के अनेक हड्डी रहित अतिमहत्त्वपूर्ण अंगों में से एक लीवर होता है. इसे यकृत और जिगर भी कहते हैं. स्पंज जैसा नाजुक यह अंग खराब हो जाए तो पूरे शरीर की सेहत पर असर पड़ता है. लीवर की समस्या किसी को किसी भी उम्र में हो सकती है. बच्चों में यह बीमारी जीन और एंजाइम डिफैक्ट की वजह से होती है. आमतौर पर लीवर की समस्या के पीछे हमारा रहनसहन और खानपान होता है. ज्यादा शराब पीने और लंबे समय तक शराब पीने से लिवर खराब हो जाता है. लीवर की बीमारी का समय पर इलाज न हो तो यह गंभीर समस्या बन सकती है. ऐसी स्थिति में लीवर के ट्रांसप्लांट यानी प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ती है. यहां लिवर ट्रांसप्लांट के बारे में विस्तार से वर्णन किया जा रहा है.

लीवर प्रत्यारोपण ऐसी सर्जरी होती है जिस में रोगग्रस्त लिवर को निकाल कर स्वस्थ लिवर लगाया जाता है. यह सर्जरी 40 वर्षों से हो रही है. अत्याधुनिक तकनीक से अब यह अधिक सुरक्षित है. लिवर प्रत्यारोपण कराने वाले अधिकतर लोग स्वस्थ व सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं.

वयस्कों में लिवर प्रत्यारोपण की सब से आम वजह होती है सिरोसिस. सिरोसिस जैसी समस्या लिवर में कई तरह की खराबियों के चलते होती है, जो उस की स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट कर उन की जगह खराब कोशिकाओं को बढ़ाती है. सिरोसिस की वजह हेपेटाइटिस बी और सी जैसे वायरस, शराब, औटोइम्यून लीवर बीमारी, लिवर में वसा का जमा होना और लिवर की आनुवंशिकी बीमारियां होती हैं.

बच्चों में लीवर प्रत्यारोपण की सब से आम वजह होती है बायलियरी एट्रिसिया. इस बीमारी में लिवर से बाइल बाहर ले जाने वाली ट्यूब, जिसे बाइल डक्ट कहते हैं, या तो समाप्त हो जाती है या फिर खराब हो जाती है, और औब्सट्रक्टेड बाइल से सिरोसिस होता है. बाइल भोजन को पचाने में मदद करता है. इस की अन्य सामान्य वजहों में से ज्यादातर आनुवंशिकी, मेटाबौलिक लीवर बीमारियां और हेपेटाइटिस ए जैसे वायरल इन्फैक्शन की वजह से एक्यूट लिवर फेलियर हो सकता है.

प्रत्यारोपण के लिए अन्य वजह लिवर का कैंसर या बड़ा बेनिन लिवर ट्यूमर हो सकता है.

जरूरत है या नहीं

डाक्टर तय करेगा कि आप को लिवर प्रत्यारोपण करने वाले अस्पताल जाना चाहिए या नहीं. आप लिवर प्रत्यारोपण करने वाली टीम से मिलेंगे. हिपैटोलौजिस्ट या सर्जन ब्लड टैस्ट और रेडियोलौजिकल टैस्टों के आधार पर आप के लिवर को हुए नुकसान का आकलन करेगा.

प्रत्यारोपण टीम ब्लड टैस्ट, एक्सरे और अन्य टैस्ट कराएगी, जिस से डाक्टर यह फैसला कर सकेंगे कि आप को प्रत्यारोपण की जरूरत है या नहीं, या फिर, प्रत्यारोपण सुरक्षित ढंग से किया जा सकता है या नहीं.

आप के स्वास्थ्य के अन्य पहलू, जैसे हृदय, फेफड़े, गुरदे, इम्यून सिस्टम और मानसिक स्वास्थ्य की भी जांच की जाएगी कि आप का शरीर सर्जरी के लिए पर्याप्त रूप से सक्षम है भी या नहीं.

कहां से, किस से मिलेगा लीवर

पूरा लीवर उन लोगों से मिलता है जिन की कुछ ही समय पहले मृत्यु हुई हो. इस प्रकार के डोनर को कैडावेरिक डोनर कहते हैं. कभीकभार एक स्वस्थ व्यक्ति भी अपने लीवर का एक हिस्सा किसी खास व्यक्ति को दान कर सकता है. इस प्रकार के डोनर को लिविंग डोनर कहते हैं.

भारत में ज्यादातर मामले ऐसे होते हैं जिन में रोगी के संबंधी अपने लिवर का हिस्सा दान देते हैं. हमारे देश में कैडावेरिक अंगों के दान के मामले बहुत कम होते हैं.

सभी जीवित डोनर और दान में दिए गए लिवरों की प्रत्यारोपण सर्जरी से पहले जांच की जाती है. जांच से यह तय किया जाता है कि लिवर बिलकुल स्वस्थ है या नहीं, ब्लड टाइप मिलता है या नहीं और सही आकार का है या नहीं, ताकि शरीर में उस के काम करने की संभावना अधिक हो.

अस्पताल में क्या होता है ?

जब कोई लीवर उपलब्ध होगा, तो आप को सर्जरी के लिए तैयार किया जाएगा. अगर आप का नया लिवर जीवित डोनर का है, तो आप दोनों एक ही समय में सर्जरी में होंगे. अगर आप का लीवर किसी ऐसे व्यक्ति से लिया गया है जिस का मस्तिष्क मर चुका है (कैडावेरिक डोनर है), तो आप की सर्जरी तब शुरू होगी जब नया लिवर अस्पताल में पहुंच जाएगा.

सर्जरी में 9 से 14 घंटे तक लग सकते हैं. सर्जन आप के बीमार लीवर को बाहर निकालने से पहले उसे आप की बाइल डक्ट और ब्लड वैसल से अलग कर देगा. आप के लीवर में पहुंचने वाले रक्त को रोक दिया जाएगा या फिर मशीन के जरिए आप के शरीर के बाकी हिस्से में पहुंचाया जाएगा. इस के बाद सर्जन स्वस्थ लिवर को आप के शरीर में रखेगा और फिर उसे आप की बाइल डक्ट और ब्लड वैसल से जोड़ेगा. इस के बाद आप के शरीर का रक्त नए लिवर से हो कर गुजरेगा.

सर्जरी के बाद आप को औसतन 2 से 3 सप्ताह तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है. आप का शरीर नए लिवर को खारिज न करे और इस से कोई संक्रमण न हो, इस के लिए आप को दवाएं लेनी पड़ेंगी. डाक्टर ब्लीडिंग, संक्रमण, रिजैक्शन और बाइल डक्ट व ब्लड वैसल से जुड़ी अन्य जटिलताओं की जांच करेगा. छोटे शिशुओं में वैस्कुलर समस्याएं कुछ ज्यादा आम होती हैं.

अस्पताल में आप धीरेधीरे खाना शुरू कर देंगे. आप को पहले साफ पेय पदार्थों से शुरुआत करनी होगी. जब आप का नया लिवर काम करना शुरू कर देगा, तो आप ठोस भोजन का सेवन कर सकेंगे.

प्रत्यारोपण के बाद

लीवर प्रत्यारोपण के बाद मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है. लेकिन मरीज को अकसर अपने डाक्टर से मिलना होगा, जो यह तय करेगा कि आप का लिवर ठीक काम कर रहा है या नहीं. आप को नियमित तौर पर ब्लड टैस्ट और अल्ट्रासाउंड कराने होंगे, जिस से यह पता चल सके कि आप का नया लिवर सही काम कर रहा है और दवाओं का कोई साइड इफैक्ट नहीं हो रहा है.

अब आप को बीमार लोगों से दूरी बनानी होगी और खुद को कोई भी बीमारी होने पर तुरंत डाक्टर को दिखाना होगा. आप को स्वस्थ आहार खाना होगा, व्यायाम करने होंगे और शराब से परहेज करना होगा, विशेषतौर पर अगर आप का लिवर खराब होने की वजह शराब रही थी.

आप को दवाएं तभी लेनी चाहिए जब आप का डाक्टर कहे कि वे आप के लिए सुरक्षित हैं. इन में वे दवाएं भी शामिल हैं जिन्हें खरीदने के लिए आप को किसी डाक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं होती है. यह बहुत महत्त्वपूर्ण होता है कि आप अपने डाक्टर द्वारा सु झाई गई हर सलाह पर अमल करें.

लिवर के सफल प्रत्यारोपण के बाद ज्यादातर लोग अपनी सामान्य दैनिक दिनचर्या शुरू कर देते हैं. हालांकि, आप की पूरी शारीरिक ताकत लौटने में समय लगेगा लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप प्रत्यारोपण से पहले कितने बीमार थे.

आप को अपने डाक्टर से पूछना होगा कि आप को रिकवर होने में कितना समय लगेगा. सामाजिक कार्यकर्ता और सपोर्ट गु्रप आप को एक लिवर के साथ जीवन से तालमेल बैठाने में मदद करेंगे.

काम : रिकवरी के बाद ज्यादातर लोग अपने काम पर लौटने में सक्षम होते हैं. बच्चे भी प्रत्यारोपण के 3 महीने बाद स्कूल जाना शुरू कर देते हैं.

आहार : ज्यादातर लोग खानपान की अपनी पुरानी आदतें भी अपना लेते हैं. आप को कच्ची सब्जियां, सलाद और खुले में रखे कटे फल खाने से परहेज करना होेगा. कुछ दवाओं से आप का वजन बढ़ सकता है, जबकि कुछ से आप को डायबिटीज हो सकती है या फिर आप के कोलैस्ट्रौल का स्तर बढ़ सकता है. भोजन की योजना और संतुलित आहार से आप को स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी.

व्यायाम : ज्यादातर लोग सफल लिवर प्रत्यारोपण के बाद शारीरिक गतिविधि कर सकते हैं, हालांकि सर्जरी के बाद के शुरुआती 3 महीने तक कठिन शारीरिक गतिविधि से परहेज करना चाहिए.

सैक्स : लिवर प्रत्यारोपण के बाद ज्यादातर लोग सामान्य सैक्स जीवन व्यतीत कर सकते हैं. महिलाओं के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे प्रत्यारोपण के एक साल तक गर्भधारण न करें. आप को अपनी प्रत्यारोपण टीम से प्रत्यारोपण के बाद सैक्स और गर्भधारण के बारे में जरूर बात करनी चाहिए.

डा. नीलम मोहन

(लेखक गुरुग्राम स्थित मेदांता- द मैडिसिटी हौस्पिटल के पैडियाट्रिक गैस्ट्रोएंट्रोलौजी, हिपेटोलौजी व लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के निदेशक हैं.)       

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