सुमति जब नींद से उठी तो उस की आंखों के आगे दीवार पर कालेकाले धब्बे दिखाई दिए. ऐसा लग रहा था मानो आंखों में कुछ डाला गया हो. सुमति को कुछ पता नहीं चल पा रहा था और हर चीज उसे धुंधली दिख रही थी. सुमति ने घर में रखी एक आईड्रौप आंखों में डाली, जिस से धीरेधीरे आंख कुछ ठीक हुई, लेकिन फिर आंखों में खून के थक्के दिखाई पड़ने लगे.
मोबाइल के बटन भी धुंधले दिख रहे थे. अब उसे चिंता सताने लगी और वह आंख के डाक्टर के पास गई. डाक्टर ने जांच की और उसे कुछ जांच करवाने की सलाह दी. जांच के बाद पता चला कि उस का शुगर लैवल 204 था, जिसे काफी अधिक माना जाता है.
सुमति अब डायबिटीज के डाक्टर के पास गई, जहां उसे नियमित मधुमेह की दवा लेने की सलाह दी गई. लेकिन तब भी सुमति अपनी आंखों को ले कर चिंतित थी क्योंकि आज हर काम के लिए मोबाइल का प्रयोग करना पड़ता है. ऐसे में आंखों पर अधिक जोर पड़ने से उस की आंखों में दर्द भी होता था. हालांकि, नियमित डाक्टर की सलाह और दवा से वह कुछ ठीक हुई है.
असल में डायबिटीज रोगी की आंखों में सामान्य व्यक्ति की तुलना में रोशनी गंवाने की आशंका 20 गुना अधिक होती है. इसलिए समय रहते अगर इसे काबू में न किया जाए तो आंखों की समस्या बढ़ती जाती है. डायबिटीज की वजह से होने वाली आंखों की इस समस्या को रेटिनोपैथी कहा जाता है. इस बीमारी के लगातार बढ़ने और जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है.