भारत में स्वास्थ्य समस्याओं के पीछे अनेक कारण होते हैं लेकिन हमारा पैदल न चलना एक बड़ा कारण है. पैदल न चलने के चलते हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इस बारे में स्वास्थ्य संबंधी जानकार क्या कहते हैं, जानें. चलने के विषय में तरहतरह की कहावतें प्रचलित हैं, जैसे कि ‘चलना ही जिंदगी है’, ‘चलने का नाम जिंदगी’, ‘जितना चलोगे उतना चलोगे’, ‘जीवन चलने का नाम’ आदि. एक जमाना था जब लोग हाट बाजार, रिश्तेदारों के यहां जाने, मेला देखने, कार्यालय अथवा विद्यालय जाने जैसे उद्देश्यों से 5-10 किलोमीटर पैदल ही चले जाया करते थे. आज भौतिक सुखसुविधाओं ने हमारा चलना लगभग बंद कर दिया है. छोटीछोटी दूरियां तय करने के लिए साइकिल, बाइक, यहां तक कि कार का सहारा लिया जाता है. महानगरों में अकसर देखा गया है कि लोग अपने पालतू कुत्तों को सुबहशाम दैनिक निवृत्ति के लिए भी मोटरकार या अन्य वाहनों का सहारा लेते हैं.
3 से 4 मंजिल वाले भवनों में आनेजाने के लिए सीढि़यों के बजाय लिफ्ट का उपयोग करना आम हो गया है. इन सुविधाओं ने हमारे दैनिक कार्यों को सुलभ तो बनाया है परंतु इस के साथसाथ हमारे स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित किया है. अब तो शहरों में ही नहीं, गांवों में भी डायबिटीज यानी मधुमेह, मोटापा, पाचन संबंधी समस्याएं, कब्ज, अनिद्रा, थायराइड, हार्मोन का असंतुलन, तनाव, हाई ब्लडप्रैशर, हृदयरोग जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं आम हो गई हैं. पहले ये सभी स्वास्थ्य समस्याएं बड़ी उम्र के लोगों में देखी जाती थीं परंतु आरामतलबी और कार्यसंबंधी तनाव के कारण आज की युवा पीढ़ी भी इन समस्याओं से जू झ रही है. वैसे तो स्वास्थ्य समस्याओं के पीछे और भी कई कारण होते हैं परंतु हमारा नहीं चलना भी एक प्रमुख कारण है. चलना एक प्राकृतिक स्वास्थ्य बीमा यदि हम अपने दैनिक कार्यों में चलने को शामिल करते हैं तो हमारा हृदय बेहतर तरीके से कार्य करता है.
दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम हो जाता है. शरीर के विभिन्न अंगों में रक्त वाहिकाओं के साथसाथ सूक्ष्म रक्त नलिकाओं, जिन्हें हम कैपिलरीज कहते हैं, के माध्यम से रक्त का संचरण बेहतर होता है. इस से अल्जाइमर रोग का खतरा कम हो जाता है, जीवन अवधि बढ़ जाती है और एक स्वस्थ जीवनयापन होता है. चलने के दौरान आए पसीने के माध्यम से शरीर के टौक्सिंस बाहर निकल जाते हैं. पैदल चलना हमारे रक्तचाप को नियंत्रण में रखता है, रात में बहुत अच्छी नींद आती है. नियमित पैदल चलना बड़ी आंत और स्तन कैंसर को रोकता है, हमारी हड्डियां मजबूत होती हैं, थकान कम होती है. इन के अलावा शारीरिक व मानसिक गतिविधियां बेहतर तरीके से संपन्न होती हैं. नियमितरूप से पैदल चलने के परिणामस्वरूप शरीर में अच्छे कोलैस्ट्रौल का स्तर बढ़ता है जबकि खराब कोलैस्ट्रौल कम होता है. रक्त शर्करा यानी रक्त में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रहता है.
शरीर का वजन भी नियंत्रित रहता है. मानसिक अवसाद यानी डिप्रैशन, चिंता और तनाव जैसी घातक स्थितियां नियंत्रित रहती हैं. हमारी मांसपेशियों की ताकत बेहतर होती है. हमारे जोड़ लचीले रहते हैं. आत्मविश्वास बढ़ता है. शरीर की इम्यूनिटी यानी प्रतिरक्षा शक्ति में सुधार आता है. पैदल चलना सभी आयु के लोगों और पुरुष और महिलाओं दोनों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है. हम पैदल चलते हैं तो नएनए लोगों के संपर्क में भी आते हैं. इस तरह हम कह सकते हैं कि नियमितरूप से पैदल चलना एक प्राकृतिक स्वास्थ्य बीमा से कम नहीं है. पैदल चलने की कुछ महत्त्वपूर्ण बातें कोई भी व्यक्ति किसी भी आयु में नियमितरूप से पैदल चलना आरंभ कर सकता है. चलने की शुरुआत करने से पहले 10 मिनट तक हलका व्यायाम किया जाना चाहिए. ध्यान रहे, यदि आसपास का परिवेश बहुत ठंडा हो या बहुत गरम, तो उन स्थितियों में पैदल चलने से बचना चाहिए. इन स्थितियों में चलने से पहले उपयुक्त कपड़े पहन कर शरीर को सुरक्षित रखना जरूरी होता है.
पैदल चलने का क्षेत्र निर्मल, हराभरा और प्रदूषण रहित होना चाहिए. आसपास तालाब, नदी, झरना या समुद्र का किनारा हो तो बेहतर होता है. 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को नियमितरूप से पैदल चलने की शुरुआत करने से पहले चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, खासकर ऐसे लोगों को जो मधुमेह से पीडि़त हों. पैदल चलने के दौरान शरीर में ग्लूकोस की कमी होने जैसी स्थिति पैदा होती है जो एक गंभीर समस्या बन जाती है. सो, ऐसे व्यक्तियों को साथ में 200 मिलीलिटर पानी, 2 बिस्कुट और 10 ग्राम ग्लूकोस अपनी जेब में रख कर ही बाहर निकलना चाहिए. दमा की शिकायत वाले व्यक्तियों को पैदल सैर पर जाने पर साथ में इनहेलर्स रखना बहुत जरूरी होता है. इन के अलावा पैदल सैर पर जाने वाले व्यक्ति को आरामदेह जूते और कौटन के कपड़े पहनने चाहिए. ट्रेडमिल पर चलना कई बार घर के बाहर पैदल चलने के लिए मौसम अनुकूल नहीं होता. अत्यधिक सर्दी, गरमी अथवा बरसात के मौसम में घर के अंदर ट्रेडमिल पर चलना एक अच्छा विकल्प होता है.
ट्रेडमिल पर चलने से पहले उसे कैसे औपरेट करना है, इस की जानकारी सुनिश्चित की जानी चाहिए. यह भी जानना चाहिए कि इसे कैसे बंद किया जाए या इस की गति को कैसे बदला जाए. कैसे करें पैदल सैर सब से महत्त्वपूर्ण यह है कि मनमस्तिष्क में स्वस्थ रहने के लिए पैदल चलने की तीव्र इच्छा होनी चाहिए. पहले 3 से 5 मिनट तक धीमे चलना चाहिए. उस के बाद चलने की गति बढ़ाएं और 12 से 15 मिनट तक उसी गति में चलें. फिर 3 से 5 मिनट चलने की गति कम करें और उस के बाद रुक जाएं. शुरुआत के 4 से 5 दिनों तक आप की पेशियों में दर्द हो सकता है लेकिन बाद में वह दूर हो जाएगा. पहले दिन सिर्फ 5 मिनट चलें. उस के बाद प्रत्येक तीसरे दिन 3-3 मिनट अधिक चलें. चलने की अवधि तब तक बढ़ाएं जब तक कि आप प्रत्येक दिन 30 मिनट न चलने लगें. यदि किसी प्रकार की असुविधा हो तो पैदल चलना बंद कर दें, आराम से बैठें और 2 घूंट पानी पिएं. बेहतर होगा पैदल चलने के समय आप के साथ कोई हो.
लेकिन तेज गति से चलने के दौरान बातें नहीं करें, बल्कि प्रकृति के सान्निध्य का आनंद लें. चलने की जगह समतल होनी चाहिए. परंतु मोटापासहित व्यक्तियों को बालूयुक्त मैदान पर चलना फायदेमंद होगा. संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित ‘द सैंटर्स फौर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवैंशन’ यानी सीडीसी की सिफारिश है कि सप्ताह में 150 मिनट या इस से अधिक औसत गति के साथ चलने अथवा 75 मिनट तेजी से चलने पर हमारा संपूर्ण स्वास्थ्य अच्छा रहता है और रोग के खतरे में कमी आ जाती है. इस दिशानिर्देश के आधार पर आप सप्ताह में 5 बार 30 मिनट पैदल चलने का कार्यक्रम बना सकते हैं. क्या सावधानियां बरतें हृदयगति दर की ऊपरी सीमा : 220 अंक में आप की आयु घटाने पर प्राप्त अंक आप की हृदयगति की ऊपरी सीमा होगी. उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति की आयु 60 वर्ष है तो 220 में 60 घटाने पर प्राप्त 160 अंक व्यक्ति की हृदयगति दर की ऊपरी सीमा होगी. यदि आप की हृदयगति की ऊपरी सीमा 50 से 70 प्रतिशत तक पहुंचती है तो भी डरने की आवश्यकता नहीं.
मधुमेहग्रस्त या मोटापाग्रस्त कोई व्यक्ति यदि प्रतिदिन 40 से 45 मिनट थोड़ी तेजी से चले तो 3 से 4 महीने के भीतर बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं. चलने के दौरान क्या होता है 1-5 मिनट : जब आप तेज कदमों से चलते हैं तो कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पन्न करने वाले तंत्रिका रसायन तैयार होते हैं, जो शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं. हृदय की गति 70 से 100 बीट (स्पंदन) के बीच हो सकती है. इस स्थिति में चलने के लिए पेशियां तैयार रहेंगी. जोड़ों में सायनोवियल फ्लुएड नामक एक चिपचिपी सामग्री का स्राव होता है जो हमारे जोड़ों को लचीला बनाती है. जब हम आराम करते हैं तो प्रतिमिनट एक कैलोरी ऊर्जा इस्तेमाल होती है, इस स्थिति में प्रतिमिनट 5 कैलोरी इस्तेमाल होगी.
शरीर के लिए आवश्यक ऊर्जा वसा से प्राप्त होती है. 6-10 मिनट : इस अवधि में हृदय की गति 100 से 140 के बीच होगी. इस अवस्था में 6 कैलोरी प्रति?मिनट इस्तेमाल होती है. रक्त वाहिकाएं शिथिल होती हैं और उन में ल्यूमेन बढ़ जाता है. सभी कोशिकाओं में रक्त का संचरण बेहतर होता है, रक्त में औक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है और रक्त संचरण बढ़ने के साथ सभी कोशिकाओं को पोषक तत्त्व बेहतर तरीके से मिलते हैं. 11-20 मिनट : इस अवधि में थकान के कारण तापमान बढ़ जाता है. पसीने के साथ टौक्सिंस अच्छी तरह से बाहर निकल जाते हैं. आप की श्वास प्रक्रिया तेज हो जाती है.
यदि आप 3 से 4 महीने तक प्रतिदिन 20 मिनट पैदल चलना जारी रखते हैं तो आप के फेफड़ों की क्षमता बढ़ जाती है. मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए एपीनेफ्रीन और ग्लुकागोन जैसे हार्मोन उत्पन्न होते हैं. 20-25 मिनट : इस अवस्था में आप अपने को फुर्तीला महसूस करते हैं. यदि कोई व्यक्ति 6 सप्ताह तक प्रतिदिन 25 मिनट पैदल चलता है और यह प्रक्रिया जीवनपर्यंत जारी रखता है तो मस्तिष्क में एंडोर्फिन नामक हार्मोन उत्पन्न होता है जिस से अवसाद, चिंता और तनाव की स्थितियां कम होती हैं. जैसेजैसे शरीर में कैलोरी जलती है वैसेवैसे इंसुलिन हार्मोन की प्रभावकारिता बढ़ जाती है. यदि आप 25 से 30 मिनट तक चलने के बाद रुक जाते हैं तो अगले एक घंटे तक आप के शरीर की कैलोरी जल जाती है. यह स्थिति मधुमेह, हाइपर थायराइड और मोटापा से पीडि़त व्यक्तियों के लिए वरदान होती है.
चलने के संबंध में भ्रांतियां लोगों का मानना है कि आयु बढ़ने के साथ व्यायाम करने की जरूरत नहीं पड़ती. यह सब से बड़ी भ्रांति है. वास्तव में वृद्ध लोगों की शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं जिस के कारण उन्हें नियमितरूप से व्यायाम करने की जरूरत होती है. प्रतिदिन चलने के साथ उन की मांसपेशियों व जोड़ों में लचीलापन बना रहता है. आर्थ्राइटिस यानी संधिशोथ की विकास प्रक्रिया धीमी हो जाती है. परंतु उन लोगों को कड़े व्यायाम नहीं करने चाहिए. एक भ्रांति यह भी है कि व्यायाम करने से थकान हो जाती है. वास्तव में 6 सप्ताह तक प्रतिदिन 25 मिनट व्यायाम करने से थकान की समस्या कम हो जाती है. शरीर की फिटनैस बढ़ जाती है, वैवाहिक संबंधों में मधुरता आती है तथा अवसाद की स्थिति में गिरावट आती है. लोगों का यह भी मानना है कि व्यायाम करना समय का दुरुपयोग होता है. लेकिन ऐसा नहीं होता है.
वास्तव में अनेक स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के साथसाथ अस्पताल में भरती हो कर महंगा इलाज कराने तथा अपने घर एवं परिवार से दूर रहने से बचने के लिए यह एक वास्तविक निवेश होता है. पैदल सैर करने के लिए सुबह का समय शाम की अपेक्षा बेहतर होता है क्योंकि सुबह के परिवेश में प्रदूषण का स्तर कम होता है और हमारा शरीर 6 से 8 घंटे तक बिस्तर पर निष्क्रिय रहता है. वैसे स्वस्थ रहने के लिए हमें नियमित रूप से पैदल चलना चाहिए और व्यायाम करना चाहिए परंतु सप्ताह में 6 दिन 25 मिनट पैदल सैर करना भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. मधुमेह, मोटापा और आर्थ्राइटिस से पीडि़त व्यक्तियों को सप्ताह में 6 दिन 30 से 40 मिनट पैदल चलना उन्हें स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेहतर होता है. इन स्थितियों में पैदल चलने से बचें यदि किसी व्यक्ति के सीने में दर्द होने की शिकायत हो, सांस लेने में तकलीफ हो,
अधिक पसीना आता हो, थकान हो जाती हो, शारीरिक संतुलन बाधित हो तो इन स्थितियों में पैदल सैर करने की सलाह नहीं दी जाती. एक सुशिक्षित चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. विश्व के अनेक भागों में पैदल सैर करने वाले लोगों के हजारों वर्गों पर संपन्न अध्ययनों से समाज में रोगभार को कम करने में बहुत अनुकूल परिणाम मिले हैं. आइए, हम पैदल चलें और विश्व से मधुमेह नामक घातक बीमारी को दूर भगाएं. द्य चलने से संबंधित सावधानियां भोजन ग्रहण करने के तुरंत बाद पैदल सैर नहीं करनी चाहिए. अच्छे परिणाम के लिए प्रतिदिन एक निर्धारित समय पर नियमितरूप से पैदल चलना चाहिए.
मधुमेह से पीडि़त व्यक्तियों को अपने आहार पर नियंत्रण के साथ प्रतिदिन 40 मिनट पैदल सैर करना आवश्यक होता है. यदि कोई व्यक्ति नियमितरूप से प्रतिदिन 30 मिनट पैदल चलता है तो वह स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. पहले कम दूरी तक चलने की शुरुआत करें और फिर प्रत्येक तीसरे दिन 300 मीटर की दूरी बढ़ाएं. इस से शरीर के सभी अंगों के कार्य में सुधार आता है. नियमितरूप से पैदल चलने के परिणामस्वरूप मधुमेह सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में मदद मिलती है.