गर्मी का मौसम आते ही लोगो के मन में लू का डर बनाने लगता है, हर कोई यही चाहता है कि लू के चपेट में वह न आये. हमारे देश में हर साल गर्मी के मौसम में लू के कारण हजारो लोगो को अस्पताल पहुचना पड़ता है, तो भारी संख्या में लोगो का आपात मौत लू लगने के कारण होती है . आईये लू से बचने के लिए जानते है, लू के हर पहलु के बारे में . . .

क्या है लू - हर साल गर्मियों के मौसम में मई से मध्य जुलाई तक उत्तरी भारत में उत्तर-पूर्व तथा पश्चिम से पूरब दिशा में प्रचण्ड उष्ण तथा शुष्क वाली हवाओं चला करती है, जिसे लू कहतें हैं . इस समय का तापमान 40 -45सेंटीग्रेडसे तक होता है . गर्मियों के मौसम में हर कोई इन गर्म हवायो से बचना चाहता है, लू लगना गर्मी के मौसम की बीमारी है.

कैसे लगती है लू - मानव शरीर की की संरचना अनोखी है, बाहर के तापमान में भले ही कितना बदलाव आ जाये लेकिन शरीर का तापमान हमेशा 37 डिग्री सेंटीग्रेड ही बना रहता है. गर्मी में जब हम लापरवाही पूर्वक बाहर निकलते हैं, तब तेज धूप और गर्म हवा शरीर की बाहरी त्वचा को अत्यधिक गर्म कर देती है और जिससे हम लू के चपेट में आजाते है. काफी गर्मी के कारण रक्त नलिकाएं चौड़ी हो जाती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है और शरीर के अन्दर से पानी पसीना के रूप में निकलता है, जिसके कारण अन्दर खून गर्म हो जाता है . बढ़े हुए ब्लड सर्कुलेशन और गर्म हुआ खून शरीर के अंदर के तापमान को भी बढ़ा देता है, इसे ही लू लगना कहते हैं.

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