मूंगफली को गरीबों का बादाम भी कहा जाता है. क्योंकि यह बादाम के मुकाबले सस्ता होता है. पर इस का सेवन कभीकभी गर्मियों में भी कर सकते हैं.
मूंगफली को कई तरीके से खा सकते हैं जैसे- कच्ची, तल कर या फिर भून कर. रोज इसे खाने का सब से अच्छा तरीका सलाद के रूप में है.
आप अपने नाश्ते में दलिया, पोहा, मूंग दाल की खिचड़ी या दलिया वगैरह में मूंगफली डाल सकते हैं या फिर इस का सेवन दही में मिला कर भी कर सकते हैं. इस के अलावा पीनट बटर के तौर पर, चटनी बना कर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
यह प्रोटीन का सब से अच्छा जरिया माना जाता है क्योंकि इस में सेहत का खजाना छिपा हुआ होता है.
वैसे, मूंगफली का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह शरीर के लिए कभीकभी नुकसान पहुंचा सकता है. वहीं इस के सेवन से कुछ लोगों की त्वचा में एलर्जी हो सकती है. चेहरे और गले में सूजन आ सकती है. कई बार तो इस के सेवन से सांस लेने में दिक्कत होती है. इतना ही नहीं, कई बार अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
अगर आप किसी वजह से दूध नहीं पीते हैं तो मूंगफली का सेवन इस का एक बेहतर विकल्प भी हो सकता है.वहीं वजन घटाने में भी यह काफी उपयोगी मानी गई है.
मूंगफली की बाहरी खाल में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट की पर्याप्त मात्रा होती है. यही वजह है कि जो लोग नियमित रूप से मूंगफली खाते हैं, उन में हार्ट स्ट्रोक या बीमारी से मरने की संभावना बहुत कम होती है.वहीं खून की कमी भी नहीं होने पाती.
– मूंगफली में विटामिन ई, विटामिन बी 3 और विटामिन 6 के अलावा पर्याप्त मात्रा में आयरन, कैल्शियम, जिंक, नियासिन जैसे तत्व होते हैं, जो याददाश्त को बढ़ाने में मदद करते हैं.
मूंगफली का सेवन एक ओर जहां पित्त की पथरी के खतरे को कम करने में काफी मददगार है, वहीं दूसरी ओर मूंगफली को अगर स्नैक के रूप में शामिल किया जाए तो यह वजन घटाने में भी मदद करता है.
एक शोध में अपने दिनचर्या में एक हफ्ते तक मूंगफली को शामिल करने वाले 5 या उस से अधिक नट्स खाने वाले पुरुषों में पित्त की पथरी की बीमारी का खतरा कम हो गया. इसी तरह एक हफ्ते में 5 या उस से अधिक यूनिट नट्स का सेवन करने वाली महिलाओं में कोलेसीस्टेक्टॉमी यानी पित्ताशय की थैली को हटाने का ख़तरा कम हो जाता है.
मूंगफली में ओमेगा 6 होने से त्वचा कोमल और नम बनी रहती है. कई लोग तो मूंगफली के पेस्ट का इस्तेमाल फेसपैक के तौर पर भी करते हैं.
मूंगफली में ट्रिप्टोफैन का अच्छा स्त्रोत पाया गया है, जो एक जरूरी एमीनो एसिड है जो मूड सुधारने वाले हार्मोन सेरोटोनिन का स्राव बढ़ाता है और डिप्रेशन को कम करने में मददगार साबित होता है.
मूंगफली में मौजूद तत्व पेट से जुड़ी कई समस्याओं में राहत देने का काम करते हैं. इस के नियमित सेवन से पाचन क्रिया ठीक रहती है और कब्ज जैसी समस्या भी दूर हो जाती है.
इतना ही नहीं, पेट से होने वाली औरतों के लिए मूंगफली खाना बेहद फायदेमंद है. इस से पेट में पल रहे बच्चे का विकास बेहतर तरीके से होता है.
तो आज से ही अपने खाने में हर रोज थोड़ीथोड़ी मात्रा में मूंगफली को शामिल कर अच्छी सेहत बनाएं.