मोनू की होमवर्क डायरी देखकर उसकी मम्मी ने उसकी पिटायी कर डाली. डायरी में लगभग हर पेज पर टीचर की शिकायत लिखी थी कि मोनू होमवर्क करके नहीं लाता है. लगभग सारे सब्जेक्ट्स में यही हाल था. मम्मी चिल्ला रही थीं, ‘टीवी देखना, वीडियो गेम खेलना और रात में फोन में घुसे रहना... सब आज से बंद... ’ वह बकती-झकती अपने काम में लग गयीं तो मोनू डर के मारे किताबें लेकर बैठ गया.

छमाही इम्तहान का रिजल्ट आया तो मोनू करीब-करीब सभी विषयों में फेल था. मम्मी-पापा पेरेंट-टीचर मीटिंग में उसका रिपोर्टकार्ड लेने पहुंचे तो क्लास टीचर ने शिकायतों की पोटली खोल दी. बोलीं कि मोनू का मन पढ़ायी में बिल्कुल नहीं लगता है. जब सारे बच्चे ब्लैक बोर्ड पर लिखी बातें अपनी-अपनी पुस्तिका में उतारते हैं तो वह बैठा रहता है. होमवर्क तक नोट नहीं करता है. टीचर की बातें सुनकर मम्मी का गुस्सा तो सातवें आसमान पर पहुंच गया, मगर मोनू के पापा को टीचर की बातें कुछ ठीक नहीं लगीं तो उन्होंने मोनू को पुचकारते हुए पूछा कि ऐसा क्यों करते हो. उसका जवाब सुनकर मम्मी-पापा और टीचर तीनों के होश उड़ गये. दरअसल ब्लैकबोर्ड पर टीचर क्या लिखती हैं, यह मोनू को साफ दिखायी ही नहीं पड़ता था. अब जब दिखायी ही नहीं देता तो बेचारा बच्चा अपनी नोटबुक में भला क्या उतारता?

मोनू को आंख के डौक्टर को दिखाया गया तो पता चला कि उसकी नजर काफी कमजोर है. उसके पेरेन्ट्स हैरान थे क्योंकि साल भर पहले तक मोनू की आंखें बिल्कुल ठीक थीं. अभी उम्र ही क्या थी - मात्र दस साल. पांचवी कक्षा में है और अभी से आंखें खराब हो गयीं!

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...