"राहुल, तुम यहां क्यों अकेले बैठे हो? जाओ, जा कर खेलो," सुमित ने अपने बेटे से कहा. इस पर राहुल ने मुंह बनाते हुए जवाब दिया, "किस के साथ खेलूं? कोई भी तो नहीं है."
सुमित ने हैरानी से राहुल की तरफ देखा और कहा, "बाहर आप की छोटी बहन खेल रही है, उस के साथ.”
"वह तो मुझ से छोटी है," गुस्से में राहुल ने जवाब दिया.
सुमित को राहुल के व्यवहार पर बड़ी हैरानी हुई. उसे समझ नहीं आ रहा था कि दिनोंदिन राहुल को क्या होता जा रहा है, वह इतना चिड़चिड़ाने क्यों लगा है...
बहुत बार देखने में आया है कि मंझले बच्चे शरारती और चिड़चिड़े स्वभाव के हो जाते हैं. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि उन्हें मातापिता से कम प्यार मिलने का एहसास होता है. कई अध्ययनों के अनुसार, बीच वाले बच्चे शर्मीले और शांत स्वभाव के भी हो सकते हैं. मंझले बच्चे अकसर अपने जन्म के क्रम के कारण खुद को अलग महसूस कर सकते हैं. इसी को मिडिल चिल्ड्रन सिंड्रोम कहते हैं.
कुछ साइकोलौजिस्ट का कहना है कि मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम वास्तविक है. लेकिन यह एक अवधारणा हो सकती है क्योंकि चिकित्सकीय रूप से यह कोई विकार नहीं है. यह सिंड्रोम एक धारणा है जो कि उन के जन्मक्रम के कारण हो सकता है. यह हो सकता है कि मंझले बच्चों को अपने परिवारों के सामने चुनौतियों और अनुभवों का सामना करना पड़ा हो. उन्हें ऐसा महसूस हो सकता है कि उन के बड़े और छोटे भाईबहन उन के मातापिता को ज्यादा प्रिय हैं. इस समस्या के समाधान के लिए यहां ऐसी कई बातें हैं जिन पर मातापिता को विचार करना चाहिए. आइए जानते हैं इन के बारे में-