महिलाओं को ऊंची एड़ी के सैंडिलों या जूतों से खासा लगाव होता है. यह जान कर हैरानी होगी कि जिस हील को महिलाएं बड़े प्यार से पहनती हैं वह उन के घुटनों को कमजोर कर रही होती है. जर्नल औफ और्थोपैडिक्स रिसर्च के हालिया अध्ययन से सामने आया है कि जो महिलाएं 3.5 इंच या इस से ऊंची हील के जूते या सैंडिल पहनती हैं, उन्हें उम्र से पहले ही घुटनों के जोड़ों की समस्या हो सकती है या उन में औस्टियोआर्थ्राइटिस का जोखिम बढ़ सकता है.

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को आर्थ्राइटिस होने का खतरा ज्यादा रहता है. अधिक वजन और ऊंची एड़ी के जूते के प्रयोग जैसे कारक इस खतरे को और ज्यादा बढ़ा देते हैं.  साल 2011 में औक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधान से पता चला कि घुटने की समस्या की शिकायत करने वाली 63 फीसदी से ज्यादा महिलाओं को आर्थ्राइटिस की मुख्य समस्या रही है.

सो ऊंची एड़ी के सैंडिल पहनने वाली महिलाओं को सतर्क होने की जरूरत है क्योंकि इस से घुटनों पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है.

महिलाओं के मामले में ज्यादा व्यापक कूल्हे और थोड़े अंदर की तरफ मुड़े घुटने जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं.

इस के साथ महिलाएं पुरुषों की तुलना में अलग तरह से पैर की मांसपेशियों का इस्तेमाल करती हैं. इस से उन के घुटनों में चोट का खतरा बढ़ सकता है.

इस के अलावा, ऊंची एड़ी के सैंडिल या जूते घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं जिस से जोड़ों पर ज्यादा तनाव या ऐंठन होती है.

अकसर महिलाएं सेहत और आराम से बिलकुल अंजान होती हैं, इसलिए वे ऊंची एड़ी के सैंडिल जूते पहनना पसंद करती हैं. घुटने में आर्थ्राइटिस के कई कारकों में जीवनशैली से संबंधित कारक प्रमुख हैं.

टोटल नी रिप्लेसमैंट यानी घुटने की प्रत्यारोपण सर्जरी उन रोगियों को कराने की सलाह दी जाती है जिन के घुटने के जोड़ बिलकुल क्षतिग्रस्त हो चुके हों या विकृत हों ?या फिर रोगी को गंभीर दर्द हो और अन्य गैर सर्जिकल विकल्प काम न कर रहे हों.

राउंड नी या सिंगल रेडियस नी तकनीकों की मदद से टोटल नी रिप्लेसमैंट से लाखों लोगों को दर्द से मुक्ति मिली है और घुटने में आर्थ्राइटिस की समस्या से परेशान रोगियों के घुटने के जोड़ सामान्य तरीके से काम करने लगे हैं.

राउंड नी या सिंगल रेडियस नी सिस्टम

राउंड नी या गैटअराउंड नी विशिष्ट घुटने का सिस्टम है जिस से सर्जरी के बाद घुटने को प्राकृतिक व सहज गतिशीलता मिलती है. पारंपरिक अंडाकार नी सिस्टम की तुलना में सिंगल रेडियस या राउंड नी सिस्टम के कई फायदे हैं. गैटअराउंड नी प्राकृतिक मानव घुटने की तरह गोलाकार गतिशीलता करता है जिस से गतिविधियां स्थिर और सहज होती हैं.

राउंड नी सिस्टम में क्वाड्रिसेप्स (जांघ) मांसपेशियों पर कम जोर पड़ता है जिस से रिकवरी तेजी से होती है और दर्द कम होता है. टोटल रिप्लेसमैंट सर्जरी से महिलाएं वापस ऊंची एड़ी के सैंडिल पहन सकती हैं लेकिन सिर्फ कभीकभार.

हालांकि कई आधुनिक तकनीकों की वजह से जिंदगी आसान हो गई है लेकिन हमेशा स्टाइल और सेहत के बीच संतुलन बना कर रखना जरूरी होता है. अगर आप को ऊंची एड़ी के जूतों से प्यार है तो थोड़ा खयाल रखें. अपने शरीर की सुनें, कभी भी अपने शरीर की सहनशीलता के स्तर को पार न करें.

डा. एल तोमर. 

(लेखक मैक्स अस्पताल, पटपड़गंज, दिल्ली में जौइंट रिप्लेसमैंट के सीनियर कन्सल्टैंट हैं.)

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