पीसीओडी यानी पौलीसिस्टिक ओवरी डिसीज (पीसीओडी) एक स्थिति है, जो महिलाओं में हार्मोनों के स्तर को प्रभावित करती है. इस में गर्भाशय में कई छोट- छोटे सिस्ट बन जाते हैं इसीलिए इसे पौलीसिस्टिक ओवरी डिसीज कहते हैं. जिन महिलाओं को पीसीओडी की समस्या होती है उन में पुरूष हार्मोनों का स्राव सामान्य से अधिक होता है. यह समस्या 15 से 44 वर्ष की महिलाओं में हो सकती है क्योंकि इसी दौरान उन्हें पीरियड्स आते हैं और वे प्रेग्नेंट होती हैं.
अमूमन 24 से 25 प्रतिशत महिलाएं इस की शिकार होती हैं. कुछ सालों पहले तक यह समस्या 30 से 35 साल के ऊपर की महिलाओ में ज्यादा होती थी परन्तु अब कम उम्र की लड़कियों में भी यह दिखने लगा है. पीसीओडी महिलाओं में बांझपन का सबसे प्रमुख कारण है क्योंकि यह फीमेल हार्मोन्स एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रौन के स्राव को प्रभावित करता है.
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क्या हैं पीसीओडी के लक्षण
- पीरियड्स समय पर न होना
समय पर मासिक धर्म का न आना, छोटी उम्र में ही अनियमित पीरियड्स आना आदि इस का सबसे बड़ा संकेत होता है.
- अत्यधिक रक्तस्त्राव होना
जब पीरियड्स आता है तो सामान्य से अधिक दिनों तक आता है और रक्तस्त्राव भी अधिक होता है.
- अचानक वज़न बढ़ जाना
जिन महिलाओं को पीसीओडी होता है उन में से आधे से अधिक महिलाओं का वजन औसत से अधिक होता है या वे मोटी होती हैं. उन्हें वजन कम करने में भी परेशानी आती है.
4. अनचाहे स्थानों पर बालों का विकसित होना
पीसीओडी से ग्रस्त अधिकतर महिलाओं के चेहरे और शरीर के अन्य भागों जैसे छाती, पीठ और पेट पर बाल उगने लगते हैं. कईं महिलाओं में अनचाहे बालों की समस्या अत्यधिक बढ़ जाती है जिसे हिरसुटिज़्म कहते हैं.