मानसिक बीमारी को देख पाना संभव नहीं है. केवल पीड़ित उसे महसूस करता है. इस बीमारी को समझने में भी काफी वक्त निकल जाता है. पीड़ित अक्सर इस बीमारी के बारे में दूसरों से चर्चा करने से कतराते हैं. जिसके कारण इसका स्वरूप और बड़ा हो जाता है. तनाव, डिप्रेशन या मानसिक बीमारी से संबंधित एक शोध में कुछ नई बातें सामने आईं हैं. स्टडी के मुताबिक इंसान की आंख की पुतली के साइज के आधार पर पता लगाया जा सकता है कि कोई व्यक्ति कितने तनाव में है.
कोलंबिया के एक विश्लविद्यालय में हुए हालिया शोध में ये बात सामने आई है. शोध में कहा गया है कि व्यक्ति की आखों को देख कर उसके दिमाग को समझा जा सकता है. इससे व्यक्ति के तनाव को समझ कर समस्या का इलाज किया जा सकता है.
मानसिक सेहत का पता लगाने के लिहाज से ये शोध काफी अहम रहा. इसमें कहा कि इंसान की आंख की पुतली से लोगों की मानसिक सेहत का पता लगाया जा सकता है. असल में जब हम कोई जटिल काम करते हैं, तो इंसान की आंखें अनिश्चित रूप से काम करने लगती हैं. इससे लोगों के मानसिक सेहत का पता लगाने में काफी मदद मिलती है.
शोधकर्ताओं का मानना है कि इस शोध से आए नतीजों से कामगर लोगों को होने वाली मानसिक तनाव का शिकार होने से पहले अपने तनाव के स्तर को जानने में भी मदद मिलेगी.