दो खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगभग दो दशक तक 408 मैच साथ में खेले, लेकिन उन्होंने कभी एक साथ बल्लेबाजी नहीं की. है न हैरानी की बात. दो दशक तक ये दोनों खिलाड़ी श्रीलंका की टीम के अहम अंग बने रहे, लेकिन कभी बल्ला पकड़कर एक साथ क्रीज पर नहीं उतरे.

यहां बात हो रही है सनथ जयसूर्या और मुथैया मुरलीधरन की. दोनों अपने- अपने फन में माहिर. ये दोनों 90 टेस्ट, 307 एकदिवसीय और 11 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में साथ में खेले, लेकिन संयोग ऐसा बना कि वे कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं कर पाये. जयसूर्या ने करियर की शुरूआत मध्य​ निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में की लेकिन बाद में वह सलामी बल्लेबाज के रूप में स्थापित हो गये. दूसरी तरफ मुरलीधरन हमेशा निचले क्रम के बल्लेबाज रहे. वह अपने करियर में अधिकतर 10वें या 11वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे. पांच पारियों में वह आठवें और 45 पारियों में नौवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आये.

हम उन मैचों की बात करेंगे जिनमें जयसूर्या और मुरलीधरन दोनों साथ में खेले. इस तरह के जिन 408 मैचों का ऊपर जिक्र किया गया है उनकी 267 पारियों में मुरलीधरन ने बल्लेबाजी की थी. संयोग से इन सभी पारियों में जयसूर्या पहले ही आउट हो गये और इसलिए उनके एक छोर पर रहते हुए मुरलीधरन कभी बल्लेबाजी के लिये नहीं उतर पाये. कुछ ऐसे अवसर जरूर आये जबकि जयसूर्या के क्रीज पर रहते हुए मुरलीधरन को बल्लेबाजी का मौका मिल सकता था. मसलन जब मुरलीधरन ने अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की तो जयसूर्या तब छठे या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आते थे. लेकिन संयोग ऐसा बना कि या तो तब 11वें नंबर ​के बल्लेबाज मुरलीधरन की बल्लेबाजी की नौबत नहीं आयी या फिर जयसूर्या जल्दी आउट हो गये. उस दौर में जयसूर्या टेस्ट मैचों में दो ऐसी पारियों में नाबाद रहे थे, जिनमें वह सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे थे.

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