देश में युवाओं के सामने रोजगार एक बड़ी समस्या है. उन का रोजगार की तलाश में घर से दूर पलायन करने का कारण स्थानीय लैवल पर रोजगार न मिलना भी है. ऐसे में युवाओं के पलायन की रोकथाम के लिए ऐसी पहल की जरूरत है, जिस से उन्हें स्थानीय लैवल पर ही रोजगार मुहैया हो पाए. इस के लिए जरूरत है स्थानीय लैवल पर रोजगार के अवसरों की तलाश.

ऐसे ही बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में काम करने वाली सामाजिक संस्था आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत ने जौन डियर इंडिया के सहयोग से कई गांवों में स्थानीय लैवल पर खेती में रोजगार के अवसरों की तलाश की और गांव से पलायन कर चुके युवाओं को फिर से गांव में वापस लाने में मदद भी की है. इस से इन युवाओं की दिशा ही बदल गई है. आज बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के गांवों के ये युवा खेती के जरीए लाखों रुपए की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं.

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मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा प्रखंड के कई ऐसे गांव हैं, जहां किसान परिवारों के युवक कुछ साल पहले

रोजगार के चलते दूसरे शहरों को पलायन कर चुके थे. ऐसे में इन परिवारों में औरतें और बुजुर्ग ही गांवों में रह कर खेती का काम करते थे.

स्थानीय लेवल पर खेती के मसले पर काम कर रही संस्था आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत ने जब इन गांवों में खेती से जुड़ी जानकारियां इकट्ठा कीं, तो पता चला कि किसान परिवारों के युवक पारंपरिक तरीके से खेती में लाभ न होने के चलते शहरों में पलायन कर चुके हैं. ऐसे में इस संस्था ने इन किसान परिवारों के बड़े बुजुर्गों से गांव के युवकों को वापस बुला कर उन्नत तरीके से खेती करने की सलाह दी.

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