आम के बागबान फसल को ले कर आशंकाओं से घिरे हुए हैं. एक ओर जहां उन की फसल में रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है, वहीं उन की उचित कीमत न मिल पाने का भी मलाल सता रहा है.

मेरठ के दो कस्बों शाहजहांपुर- किठौर फल पट्टी क्षेत्र में आम की फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. आम के बागों में बौर को कई प्रकार के रोगों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है, लेकिन कीटनाशक न मिलने से आम की फसल को भारी नुकसान होने का अनुमान है.

उत्तर प्रदेश में मेरठ के दो कस्बों शाहजहांपुर-किठौर आम की पैदावार के मामले में देश और दुनिया में अलग पहंचान रखते हैं. बागबानों की माने तो करीब 400 किस्म के आमों का उत्पादन यहां होता है.

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मेरठ में 8,125 हेक्टेयर इलाके में तकरीबन एक लाख टन आम पैदा होता है, जिस में शाहजहांपुर-किठौर की बहुत बड़ी भागीदारी है. यहां से आम का निर्यात विदेशों में होता है.

लखनऊ, मलीहाबाद के बाद किठौर, शाहजहांपुर का इलाका आम उत्पादन के लिए जाना जाता है. बागबानों का कहना है कि इस बार देर तक सर्दी पड़ने की वजह से बौर देरी से निकला. आने वाले दिनों में इस का फल पर भी व्यापक असर देखने को मिला. कई तरह की बीमारियां जैसे कीड़ा, फफूंदी की शुरूआत हो चुकी है.अगर समय रहते दवाओं का छिड़काव नहीं किया गया तो बीमारियों के बढ़ने की संभावनाएं और मजबूत होंगी.

शाहजहांपुर के एक बागबान का कहना है कि आम उत्पादकों के लिए संकट और बढ़ गया है. आम का निर्यात नहीं होगा, तो फसल बागों में ही बर्बाद हो जाएगी.

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