"भारत गांवों में बसता है और कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की आत्मा है." राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का यह कहना दुरुस्त है. हालांकि, आजादी से अब तक खेतीबाड़ी सेक्टर में सरकारों ने पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है. देश की मौजूदा मोदी सरकार का यह दावा कि वर्ष 2022 में किसानों की आमदनी दोगुना हो जाएगी, कृषि सेक्टर की हालत को देखते हुए असंभव सा प्रतीत हो रहा है.
गांधीजी के कथन और मोदी सरकार के जुमलारूपी दावे से अलग इस सेक्टर की सकारात्मकता और महत्ता पर यहां चर्चा होगी. कृषि व्यवसाय दुनिया का सबसे आकर्षक व्यवसाय है, क्योंकि कृषि व्यवसाय न सिर्फ बेहद कम पूंजी में शुरू किए जा सकते हैं व चलाए जा सकते हैं, बल्कि इस व्यवसाय से 100 फीसदी लाभ कमाया भी जा सकता है.
कृषि व्यवसाय को जहां पहले गंदा और गरीबों व किसानों का व्यापार कहा जाता था, वहीं दूसरी तरफ देश में बढ़ रही बेरोजगारी के चलते आजकल युवा पीढ़ी इस व्यवसाय की तरफ आर्कषित हो रहे हैं और मौडर्न तकनीकों का इस्तेमाल कर कृषि व्यापार में अपना भविष्य आजमा रहे हैं और खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं.
पहले जहां लोगों की यह धारणा थी कि किसी छोटे गांव में बिजनेस कैसे सफल हो सकते हैं, क्योंकि गांव में न तो बिजनेस करने के उचित साधन मौजूद थे और न तो सुविधाएं ही थीं. इसी वजह से पिछले कुछ सालों से ज्यादा से ज्यादा लोग रोजगार के लिए और अपनी आजीविका कमाने के उद्देश्य से गांवों से शहरों की तरफ पलायन कर रहे थे.
ये भी पढ़ें-पूरे देश में परेशान, गन्ना किसान