सभी फसलों में अच्छे बीजों का होना अधिक उत्पादन के लिए बहुत जरूरी  है. शुद्ध व विश्वसनीय बीज भारत में बहुत कठिनाई से मिलते  हैं, क्योंकि बीजोत्पादन वैज्ञानिक ढंग से नहीं किया जाता. प्याज के शुद्ध व विश्वसनीय बीज पैदा करने के लिए सही कृषि क्रियाओं, प्रजातियों, छंटाई, कीड़ों व बीमारियों की रोकथाम, परागण, कटाई, सुखाई, मड़ाई, बीज की सफाई, भराई व भंडारण के बारे में सही ज्ञान होना बहुत जरूरी  है. बीज उत्पादन के लिए प्याज को 2 वर्षीय कहा गया  है. सभी जातियों का (जो भारत में उगाई जाती  हैं) बीज उत्पादन मैदानी क्षेत्रों में आसानी से किया जाता  है.

प्याज के बीजोत्पादन की विधि

कंद से बीज उत्पादन विधि  : इस विधि में कंदों को बनने के बाद उखाड़ लिया जाता  है और अच्छी तरह चुन कर के दोबारा खेतों में रोपा जाता  है. इस विधि से गाठों की  छंटाई संभव होती है, शुद्ध बीज बनता है और उपज भी ज्यादा होती  है. लेकिन इस विधि में लागत ज्यादा आती  है और समय अधिक लगता है.

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1 वर्षीय विधि  : इस विधि में बीजों को मईजून में बोया जाता  है और पौधों की रोपाई जुलाईअगस्त में की जाती  है. कंद नवंबर में तैयार हो जाते  हैं. कंदों को उखाड़ कर छांट लिया जाता  है. अच्छे कंदों को 10-15 दिनों बाद दोबारा दूसरे खेत में लगा दिया जाता  है. इस विधि से मई तक बीज तैयार हो जाते हैं. क्योंकि इस से 1 साल में ही बीज बन जाते  हैं, लिहाजा इसे 1 वर्षीय विधि कहते  हैं. इस विधि से खरीफ प्याज की प्रजातियों का बीजोत्पादन होता है.

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