नए दौर की खेती में खेत की मिट्टी की जांच कराना बेहद जरूरी हो गया है. पुराने वक्त में किसान मिट्टी की जांच के बारे में सोचते भी नहीं थे. तब अपने तरीके से बुजुर्ग व माहिर लोग मिट्टी की अच्छाई या कमियां भांप लेते थे, मगर परीक्षण यानी जांच का कोई रिवाज या तरीका नहीं था. बहरहाल, अब उम्दा खेती के लिहाज से मिट्टी की जांच कराए बगैर कुछ भी तय नहीं हो पाता. किस मिट्टी में कौन सी व किस किस्म की फसल लगानी चाहिए, इस का फैसला मिट्टी की जांच के बाद ही हो पाता है. खेत में कौन सी और कितनी खाद डालनी है, यह भी मिट्टी की जांच के मुताबिक ही तय किया जाता है.

मिट्टी का सही नमूना लेने की वजह

मिट्टी के रासायनिक परीक्षण के लिए सब से जरूरी है उस के सही नमूने लेना. अलगअलग खेतों की मिट्टी में तो फर्क हो ही सकता है, बल्कि अकसर एक ही खेत के अलगअलग हिस्सों की मिट्टी में भी अंतर पाया जाता है. इसीलिए जांच के लिए मिट्टी का सही नमूना लेना बहुत जरूरी है. मिट्टी का नमूना गलत होने से जांच का नतीजा भी गलत ही मिलेगा. खेत की उपजाऊ कूवत की जानकारी के लिए जरूरी है कि जांच के लिए मिट्टी का जो नमूना लिया गया है, उस में खेत के हर इलाके की मिट्टी शामिल हो.

नमूने लेने के मकसद

रासायनिक जांच के लिए खेत की मिट्टी के नमूने जमा करने के खास मकसद इस प्रकार हैं:

* खेत की मिट्टी की सेहत की जानकारी हासिल करना.

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