सावनी आलम: भारत के गांवों की अपनी शान है. झूला झूलते और पेड़ों पर चढ़ते बच्चे एक सुकून का पैगाम देते हैं. खुले में खानापीना और भेडें़ चराना मजेदार लगता है. घड़े पर घड़ा और ढका चेहरा, वाह क्या बात है.

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