कैसे बदला जानवरों का स्वभाव
लॉकडाउन के कारण भीड़भाड़ न होने से चिडि़याघरों में पशुपक्षी खुद को प्राकृतिक वातावरण में स्वच्छंद महसूस कर रहे हैं. यही कारण है कि चिडि़याघरों में अमूनन बाड़ों में रहने वाले जानवर अब खुले वातावरण में विचरण कर रहे हैं. उधर, कई राज्यों के बेसहारा कुत्ते खाना न मिलने पर गुस्सेल हो रहे हैं.
चिड़ियाघरकर्मी भी जानवरों के व्यवहार से हैरान
कोरोना के डर के बीच लॉकडाउन वन्य जीवों के लिए सौगात ले कर आया है. अब उत्तराखंड में नैनीताल चिडि़याघर में बाघ धूप सेंकने के लिए पेड़ पर चढ़ रहे हैं. आराम करने के लिए अब उन्हें छिपना नहीं पड़ रहा है. भालू गाओं तक पहुंच गए हैं.इनको भोजन देने वाले चिडि़याघर कर्मी भी इन जानवरों के व्यवहार में आए बदलाव से हैरान हैं. नैनीताल के ही गोविंद बल्लभ पंत प्राणी उद्यान में 233 वन्य जीव हैं. इन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते थे.
जंगल जैसा वातावरण
बायोलॉजिस्टस का मानना है कि लॉकडाउन के कारण चिडि़याघर में सन्नाटा पसरा है. इस वजह से सभी जंगली जानवर मस्ती कर रहे हैं.यहां उन्हें जंगल जैसा वातावरण मिल रहा है. आम दिनों में जब पर्यटक आते थे तो गुलदार, बाघ, भालू छिप जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. जंगली जानवर व्यवहार में बेहद शर्मीले होते हैं और प्रकृति के करीब होते हैं. लिहाजा, लॉकडाउन में सभी मस्ती कर रहे हैं.
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भोजन नहीं मिल पा रहा
उधर, जानलेवा कोरोना के कारण इंसान ही नहीं, जानवरों पर भी आफत बरसी है.दरअसल, लॉकडाउन के कारण लोगों के घरों से न निकलने से कुत्तों को भोजन की भारी किल्लत हो रही है. यह स्थिति ज्यादातर राज्यों की है.इन्हें खाना मुहैया न करा पाने के कारण कोलकाता के कई डॉग शेल्टर से काफी संख्या में कुत्तों को छोड़ दिया गया है, जिस से सड़कों पर उनकी तादाद और बढ़ गई है.
बढ़ सकती है स्पर्धा
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एक पशु चिकित्सक ने बताया कि हालात अगर ऐसे ही बने रहे तो कुत्तों को भोजन नहीं मिलने पर उन में आपसी प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ जाएगी.उन्हें जहां भी थोड़ा सा भोजन दिखेगा, वे उस पर टूट पड़ेंगे.हालांकि, भोजन के लिए उन की इंसानों पर हमला करने की आशंका कम है. आमतौर पर कुत्तों की प्रवृत्ति ऐसी होती है कि भोजन न मिलने पर वे एक जगह पड़ेपड़े दम तोड़ देते हैं.जो लोग नियमित रूप से कुत्तों को भोजन कराते हैं, कुत्ते हर रोज उन की बाट जोहते रहते हैं और उन लोगों के न आने पर उन में बेचैनी बढ़ सकती है.