यकीनन केला एक खास फसल है. भारत में करीब 4.9 लाख हेक्टेयर जमीन में केले की खेती होती है, जिस से 180 लाख टन उत्पादन प्राप्त होता?है. महाराष्ट्र में सब से ज्यादा केले का उत्पादन होता है. वहां सब से ज्यादा उत्पादन जलगांव जिले में होता है. देशभर के कुल केला उत्पादन का करीब 24 फीसदी भाग जलगांव जिले से प्राप्त होता?है. केले को गरीबों का फल कहा जाता है. केले की बढ़ती मांग की वजह से इस की खेती का महत्त्व भी बढ़ता जा रहा है. केले की खेती में यह देखा गया?है कि किसान अकसर जानकारी न होने की वजह से थोड़ीथोड़ी कमियों के कारण केले की खेती का पूरा फायदा नहीं ले पा रहे हैं.

जलवायु : केला उत्पादन के लिए गरम व नमी वाली जलवायु सही होती है. जहां तापमान 20 से 35 डिगरी सेंटीग्रेड के बीच रहता है, वहां पर केले की खेती अच्छी तरह से की जा सकती है. ठंडी व शुष्क जलवायु में भी इस का उत्पादन होता?है, लेकिन पाला व गरम हवाओं (लू) से इसे काफी नुकसान होता है.

जमीन : केले की खेती के लिए बलुई से मटियार दोमट जमीन सही होती?है, जिस का पीएच मान 6.5 से 7.5 हो. केले की खेती के लिए सही जल निकास का होना जरूरी?है. केले की खेती ज्यादा अम्लीय व क्षारीय जमीन में नहीं की जा सकती?है. जमीन में पानी 7 से 8 फुट नीचे होना चाहिए.

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केले की व्यावसायिक प्रजातियां

ड्वार्फ केवेंडिस (भुसावली, बसराई, मारिसस, काबुली, सिंदुरानी, सिंगापुरी जहाजी, मोरिस) : यह प्रजाति मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार व कर्नाटक की जलवायु के लिए मुनासिब पाई गई है. इस प्रजाति से चयन कर के गनदेवी सिलेक्शन (हनुमान) या पाडर्से नाम की जातियां विकसित की गई हैं, जिन की उत्पादन कूवत 20 से 25 किलोग्राम प्रति पौधा है. इस प्रजाति का पौधा बौने किस्म का (1.5 से 1.8 मीटर ऊंचा) होता?है. फल बड़े, मटमैले पीले या हरापन लिए हुए होते?हैं. तना मोटा हरा पीलापन लिए हुए होता है. पत्तियां चौड़ी व पीली होती हैं.

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