राहुल और तनु ने बात तो गंभीरतापूर्वक करनी शुरू की थी, मगर जैसेजैसे दोनों के स्वर ऊंचे होते जा रहे थे, पास बैठी उन की प्यारी बौबी कभी राहुल का मुंह देखती, तो कभी तनु का.
बौबी का मन तो हो रहा था कि दोनों अपना यह झगड़ा खत्म करें और उस से खेलना शुरू करें, उसे बाहर घुमा कर लाएं. बौबी उन की लड़ाई से बहुत दुखी हो रही थी. उस ने अपने मुंह से आवाज निकाल ही दी तो दोनों का ध्यान बौबी की तरफ गया. दोनों उसे अपनी गोद में लेने के लिए झुके और उसे जैसे ही उसे छुआ, दोनों के हाथ भी एकदूसरे से टकरा गए.
दोनों ने एकदूसरे को घूरा. राहुल ने पूछा,”बौबी को तुम बाहर ले कर जा रही हो या मैं ले जाऊं?”
”मैं ले कर जाऊंगी अपनी बौबी को. आओ बेटा,” कह कर तनु बौबी को बाहर घुमाने ले गई.
बौबी एक प्यारी सी डौगी थी, जिसे दोनों खूब प्यार करते थे.
बौबी को घुमातेघुमाते उस ने अपनी मम्मी शोभा को फोन मिला दिया और राहुल की जीभर कर शिकायत की. बौबी का पूरा ध्यान तनु पर था. वह यही सोच रही थी कि क्या हो गया है उस के राहुल और तनु को? क्यों इतना झगड़ने लगे हैं, कितनी प्यारी जोड़ी है.
आज बौबी को दोनों की लड़ाई से बहुत दुख हो रहा था. उस का मन घूमने में भी नहीं लगा. राहुल का ध्यान आया, वह भी घर पर अकेला होगा, उदास होगा. बौबी ने घर की तरफ चलने का इशारा किया.
तनु ने फोन रखते हुए कहा,”बौबी, क्या हुआ? इतनी जल्दी… तू भी राहुल की तरह आलसी हो गई क्या?”
बौबी क्या जवाब देती, पशु रूप में जन्म लिया था तो कैसे कहे किसी को अपने मन की बात? वह तो जो प्यार करते हैं, बौबी जैसों की हर बात, इशारा समझ लेते हैं, बौबी सुस्त कदमों से घर की तरफ चल दी. राहुल लैपटौप पर अपना काम कर रहा था.
तनु ने कहा, “बौबी सुस्त है कुछ?”
राहुल ने तुरंत लैपटौप बंद कर दिया और बौबी को गोद में उठा लिया, “बौबी, बच्चे, क्या हुआ? बोलो, बौल से खेलना है न?”
बौबी ने पूंछ हिलानी शुरू कर दी और भाग कर अपनी बौल मुंह में दबा कर उठा लाई. घर के आंगन में फिर राहुल बौल फेंकता रहा, बौबी भागभाग कर बौल लाती रही. वहीं कुरसी पर बैठी तनु बौबी पर कुरबान होती रही.
फिर राहुल ने तनु की तरफ देख कर पूछा,”डिनर में क्या है?”
”मेरा कुछ बनाने का मूड नहीं है, कल औफिस में एक मीटिंग है, मुझे उस की तैयारी करनी है, तुम ही कुछ बना लो.”
राहुल ने तनु को घूर कर देखा तो तनु गुस्साते हुए बोली,”घूर क्या रहे हो? जैसे तुम काम करते हो, वैसे मैं भी करती हूं. तुम्हारी मां अभी परसों यही कह कर गई है न कि मुझे कुछ नहीं आता, मैं ने तुम्हें परेशान कर रखा है… यह सब तुम आराम से बैठ कर सुनते हो न… कभी उन्हें एक जवाब तक नहीं देते कि वे मुझ से गलत व्यवहार न करें. अब तुम सचमुच मुझ से परेशान हो ही जाओ. मुझे कोई चिंता नहीं.”
”अरे, चुपचाप न सुनता तो और क्या करता… मां से बहस कर के जोरू का गुलाम कहलवाऊं? तुम भी तो उन्हें हर बात का जवाब देती हो, कभी चुप नहीं रहतीं. तुम ही चुप हो जाओ तो आगे बात नहीं बढ़ेगी.‘’
बौबी फिर एक तरफ खड़े हो कर दोनों का मुंह देखने लगी. समझ गई कि दोनों फिर शुरू हो गए और सचमुच फिर इतनी लड़ाई हुई कि सिर्फ बौबी के लिए उठ कर तनु ने खाना बनाया और खुद भी कुछ नहीं खाया और राहुल भी भूखा ही रह गया.
बौबी ने भी जब कुछ नहीं खाया तो दोनों समझ गए. जानते थे कि हमेशा बौबी के साथ ही बैठ कर खाते हैं. आज बौबी भी उन के बिना नहीं खा रही है. बौबी को खिलाने के लिए तनु ने फिर अपने और राहुल के लिए बस नूडल्स बनाई.
राहुल और तनु के प्रेमविवाह को 1 साल ही हुआ था. दोनों मेरठ में ही रहते थे. दोनों अच्छे पदों पर काम कर रहे थे. तनु विजातीय थी इसलिए राहुल के पेरैंट्स उसे पसंद नहीं करते थे. राहुल ने यह घर अलग ले लिया था, तब भी उस की मम्मी विभा आएदिन उन के घर आतीं और तनु को खूब सुना कर जातीं.
तनु जबस्दस्त फेमिनिस्ट थी. उस के विचार विभा से बिलकुल मेल न खाते. अपनी बात को दमदार तरीके से कहने का उस का स्वभाव विभा को कतई मंजूर न था. तनु के पेरैंट्स दिल्ली में रहते थे. वे भी इस विवाह से ज्यादा खुश नहीं थे. दोनों की जोड़ी देख कर अगर घर में कोई खुश होता तो वह थी बौबी, जो एक पशु होते हुए भी सब के दिल की बातें महसूस करती. सब को प्यार करती.
पशु कई मानों में सचमुच इंसानों से बेहतर होते हैं. किसी ने कहा भी है कि अगर इंसान पशुओं के थोड़ेबहुत गुण अपना ले तो दुनिया बहुत खूबसूरत हो जाए.
बौबी को राहुल अपने दोस्त से लाया था और राहुल और तनु की जान थी बौबी. दोनों के बीच लड़ाई का कारण दोनों के पेरैंट्स थे. बौबी का मन करता कि वह दोनों को समझाए कि इस मामले में अपने पेरैंट्स को इग्नोर कर दें और आपस में खुश रहें. बौबी तो शादी से पहले उन दोनों के रोमांस की भी गवाह भी थी.
शादी से पहले राहुल शहर से बाहर की एक गार्डन में तनु से मिलने जाता तो अपनी कार में बौबी को भी ले जाता. बौबी को उन के पहले के रोमांस के दिन कितने याद हैं, दोनों कितने खुश थे. लेकिन अब क्या होता जा रहा है…