3 दिन बाद फिर विभा आ गईं. राहुल टूर पर था. बौबी के कान खड़े हो गए कि विभा अब तनु के साथ क्या करेंगी. तनु औफिस से आई ही थी कि विभा ने इधरउधर देखते हुए कहा,''क्या हाल है घर का, जरा भी साफ नहीं है, मेरा राहुल तो इतना सफाई पसंद था.‘’
तनु ने अपनेआप को शांत रखते हुए कहा,''अब घर ठीक करूंगी, मम्मीजी. सुबह टाइम नहीं मिलता, औफिस जल्दी पहुंचना था आज. आप बैठिए, मैं जरा बौबी को पहले बाहर ले जाऊं. बेचारी सारा दिन अकेली रही है घर में,''कह कर तनु बौबी को ले कर बाहर चली गई.
बौबी ने महसूस किया कि तनु बहुत थकी और उदास है. बौबी को दुख हुआ कि ये कैसे पेरैंट्स हैं जो बच्चों के जीवन में क्लेश कर के खुश होते हैं.
थोड़ी देर बाद विभा चली भी गईं, मगर जातेजाते हिदायत दे गईं,''वैसे तो तुम सुनती नहीं किसी की, पर औफिस जाती हो तो इस का मतलब यह नहीं कि घर की देखभाल न करो. पता नहीं क्या सोच कर राहुल ने तुम से शादी की.‘’
तनु को गुस्सा आ गया, बोली,''आप को हमारा घर नहीं पसंद तो फिर न आया करें, राहुल को वहीं बुला लिया कीजिए, हमारा घर तो साफ ही रहता है, आप के अलावा किसी ने कभी नहीं कहा कि हमारा घर साफ नहीं रहता.
"सुबह कामवाली आ कर घर साफ कर के जाती है, पीछे पूरा दिन बंद रहता है. कहां गंदा है घर? और अगर है भी तो हम खुश हैं.‘’
विभा को यह जवाब बरदाश्त नहीं हुआ, चिल्ला कर बोलीं,''अब तू देख, मैं क्या करती हूं.‘’