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हानिया अब और सावधान हो गई. घर के कामकाज के साथ 2 छोटे बच्चों को संभालना. वह फिरकनी की तरह फिरती. खाना भी खुद पकाती क्योंकि सलमान को बूआ के हाथ का खाना पसंद न था. वह हर मुमकिन कोशिश करती कि कुछ ऐसा न हो जाए कि सलमान को लगे कि बेटी की उपेक्षा हो रही है. जीशान भी सलमान का खून था पर उस के दिल में जो चाहत गजाला के लिए थी, जीशान से वैसी मुहब्बत न थी. जीशान की हर जरूरत पूरी की जाती, बहुत खयाल रखा जाता. वह हर चीज का हकदार था, पर गजाला सी चाहत का नहीं. हां, ताई गजाला की तरह जीशान पर भी जीजान से न्योछावर थीं. हानिया का जब जी भर आता, मांबाप के पास चली जाती. वहां दोनों को बेपनाह मुहब्बत मिलती. उम्र इसी तरह सरक रही थी. गजाला थर्ड स्टैंडर्ड में आ गई. उस के स्कूल में कोई फंक्शन था, जिस में पेरैंट्स को बुलाया गया था. सलमान तो अपनी व्यस्तता की वजह से जा नहीं सकता था. हानिया का जाने का पक्का इरादा था. अचानक जीशान के पेट में सख्त दर्द उठा और फिर उलटी व दस्त शुरू हो गए. हानिया को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. जीशान को इस हालत में छोड़ कर वह नहीं जा सकती थी. गजाला ने ही सुझाया, उस की दोस्त जो करीब में ही रहती है, वह उस की मम्मीडैडी के साथ चली जाएगी. हानिया की भी उन से अच्छी दोस्ती थी. उस ने उन्हें फोन कर दिया.

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