Sambhal :  संभल के मामले में भी मसजिद के नीचे मंदिर होने का दावा ठोक कर जो भी हिंदू कट्टरवादी कर रहे हैं, वह उन का धंधा है. दरअसल, जब तक किसी को यह कह कर बहकाया नहीं जाएगा कि सामने वाला तुम्हारा पैसा, जीवन, औरत लेने वाला है या उस के पुरखों ने तुम्हारे पुरखों से लिया था, लोग हथियार उठाने को तैयार नहीं होंगे. हथियार उठाने वाले हाथ पहले अपनी कमाई को उकसाने वाले को देते रहे हैं क्योंकि तभी वे अपना धंधा चला पाते हैं.

2,000 साल से ईसाई यरूशलम में क्राइस्ट की मौत के लिए यहूदियों को दोष देते रहे हैं. हिटलर ने उन्हीं को ढाल बना कर एक हारे हुए देश को फिर से न केवल नए जोश से भर दिया था, कुछ ही महीनों में उस ने, 1940-41 में, पूरे यूरोप पर कब्जा भी कर लिया था. उस का बहाना यहूदियों को सजा देना था.

आज हर मसजिद के नीचे अगर मंदिर दिखाया जा रहा है तो इसलिए कि हिंदू धर्म का धंधा, जो तेजी से फलफूल रहा है, बेहद प्रतियोगी हो गया है. लाखों युवा पैसा बनाने के लिए इस में टूट पड़े हैं. जब बाजार में एकजैसा माल बेचने वाले बहुत होने लगते हैं तो अलगअलग लेबल, अलगअलग दावे, अलगअलग तौरतरीके, झूठ, फरेब आदि गढ़े जाते हैं.

डोनाल्ड ट्रंप इमीग्रेंट्स को ले कर जीत गया क्योंकि अमेरिकी जनता को चर्च ने बहका दिया कि डैमोक्रेटिक पार्टी न केवल इमीग्रेंट्स को पाल रही है, वह धर्म का राज भी खत्म करने पर तुली है. सो, कल को सत्ता लैटिनों या मुसलिमों के हाथ में जा सकती है. चर्चों के धंधों को चलाने के लिए पादरियों ने जम कर ट्रंप के गुणगान किए और उस महान अमेरिका को वापस लाने का वादा किया जिस में श्वेत अलग रहते थे और अश्वेत, कालेपीले, ब्राउन अलग.

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